मकर संक्रांति का त्यौहार प्रतिवर्ष 14 जनवरी को पुरे देश में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस पर्व को हिन्दुओं के प्रमुख एवं अंग्रेजी महीनों के अनुसार साल के पहले त्यौहार के रूप में जाना जाता है। इस दिन को वैसे तो पुरे भारत देश एवं नेपाल में भी मनाया जाता जाता है लेकिन हर राज्य और देश में इस पर्व को अलग-अलग नामों से जाना जाता है है और उसी तरह से मनाया जाता है। इस दिन दान देने का विशेष महत्व होता है। लोग इस दिन दान के अलावा खिचड़ी भोज का आयोजन करते हैं, विभिन्न राज्यों में पतंगबाजी का बड़े पैमाने पर आयोजन किया जाता है।
मकर संक्रांति पर 10 पंक्तियाँ
मकर संक्रांति के दिन लोग सुबह उठकर स्नान ध्यान कर सूर्य को अर्घ्य एवं जल अर्पण करते हैं एवं उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। इसके बाद लोग अपने अनुसार लोगों को दान दक्षिणा देते हैं जिससे उन्हें कुछ पुण्य की प्राप्ति हो सके। इसके अलावा सभी घरों में इस दिन खिचड़ी बनाई जाती है और इसे घी एवं गुड़ के साथ खाया जाता है। इस दिन खिचड़ी एवं काली दाल, तिल आदि का दान भी किया जाता है।
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१० पंक्तियाँ
- मकर संक्रांति को हिन्दुओं के प्रमुख त्यौहार के रूप में जाना जाता है और यह पर्व हमेशा 14 जनवरी को ही मनाया जाता है।
- इस पर्व को उत्तर प्रदेश एवं बिहार राज्य मकर संक्रांति के अलावा खिचड़ी, तमिलनाडु में पोंगल आँध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल में इसे संक्रांति, पंजाब राज्य एवं हरियाणा में लोहड़ी के असम में बिहू के नाम से मनाया जाता है।
- उत्तर प्रदेश में इस दिन सभी घरों में खिचड़ी बनाई जाती है और दान की जाती है, इसके अलावा बहुत सी जगहों पर सार्वजनिक खिचड़ी भोज का आयोजन किया जाता है।
- इस दिन लोग खिचड़ी, काली दाल, तिल, गुड़, कम्बल एवं अपने अनुसार विशेष चीजें दान में देते हैं
- इस दिन सुबह पवित्र नदियों में स्नान एवं सूर्य पूजन का विशेष महत्व है।
- जब सूर्य की किरणें उत्तरायण होकर मकर रेखा से गुजरती हैं तभी यह त्यौहार मनाया जाता है इस वजह से इस त्यौहार को उत्तरायणी के नाम से भी जाना जाता है।
- इस दिन लोग अपने पितरों को मुक्ति दिलाने के लिए तर्पण करते हैं।
- महाभारत में भीष्म पितामह ने मकर संक्रांति के दिन ही स्वेच्छा से अपने प्राणों को छोड़ दिया था कहते हैं तभी से पितरों का इस दिन तर्पण किया जाता है।
- कभी-कभी मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को भी मनाया जाता है लेकिन या दशकों या शताब्दियों में एक बार होता है बाकि यह पर्व हमेशा ही 14 जनवरी को ही मनाया जाता है।
- मकर संक्रांति के दिन पतंगबाजी का बहुत महत्व है। लोग इस दिन पतंग उड़ाते हैं और कहीं-कहीं इस दिन सामूहिक पतंगबाजी का आयोजन भी किया जाता है और जीतने वाले को ईनाम दिया जाता है।