आपने साइंस इंजीनियरिंग के बहुत से कोर्स जैसे कम्प्यूटर इंजीनियरिंग, ऑटो मोबाइल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, मेकेनिकल इंजीनियरिंग, इलैक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग आदि बहुत से कोर्सों के बारे में जानते होगें, लेकिन वैमानिकी (Aeronautics) इंजीनियरिंग कोर्स के बारे में शायद बहुत ही कम लोगों को पता होगा। अगर आप इस कोर्स के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं और आपकी रूचि हवाई जहाजों के बारे में जानने की है तो यह आर्टिकल आपके लिए काफी महत्त्वपूर्ण साबित हो सकता है।
एरोनॉटिक्स के अंतर्गत आप विभिन्न कोर्सों में एडमिशन ले सकते हैं। एरोनॉटिक्स हवाई जहाज और स्पेस से जुड़े सभी क्षेत्रों में डिग्री कोर्स भी उपलब्ध करवाता है। आप अपनी इच्छा और योग्यता के अनुसार किसी भी कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं। अगर आप एरोनॉटिक्स से जुड़े कोर्स टाइप, डिग्री कोर्स, विषय, स्कोप, अवसर, इससे जुड़े संस्थान, आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ सकते हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको एरोनॉटिक्स कोर्स और केरियर के बारे में पूरी जानकारी देंगे। इस कोर्स को करने के बाद आप अपना एक अच्छा भविष्य चुन सकते हैं।
एरोनॉटिक्स इंजीनियरिंग क्या है ?
एरोनॉटिक्स कोर्स का मतलब हवाई जहाज, उपग्रहों, रॉकेट या अंतरिक्ष यान के विकास के अध्ययन से होता हैं। इसके दो प्रमुख प्रकार हैं- एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग और एस्ट्रोनॉटिकल इंजीनियरिंग।
- एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग – एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में उन वाहनों के विकास का अधयन किया जाता है जो पृथ्वी के वायुमंडल में उड़ते है और जिन पर वायुमंडल दाब कार्य करता हैं। जैसे- हेलीकॉप्टर, विमान, एयरोप्लेन आदि। इन सभी पर उड़ते समय वायुमंडल का दाब कार्य करता है तथा घर्षण जैसे करको को इस इंजीनियरिंग में संतुलित करने का अधयन कराया जाता है।
- एस्ट्रोनॉटिकल इंजीनियरिंग – एस्ट्रोनॉटिकल इंजीनियरिंग जैसा कि इसके नाम से प्रतीत हो रहा है एस्ट्रो अर्थात खगोल। इसमें उन वाहनों के विकास का अधयन किया जाता है जो पृथ्वी के वायुमंडल के बाहर उड़ते है और जिन पर वायुमंडल दाब कार्य नहीं करता हैं। जैसे अंतरिक्षयान और रॉकेट के अपर स्टेज। इसमें वाहनों को वायुमंडल के बाहर पड़ने वाले करको जैसे कॉस्मिक किरण, रेडिएशन और चुम्बकीय तरंग आदि से बचाव का अध्ययन कराया जाता है।
वैमानिकी इंजीनियरिंग कोर्स
- एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स में आप एयरक्राफ्ट, मिसाइल एंड स्पेस सेटलाइट के बारे में अध्ययन कर सकते हैं। यह कोर्स आपको एयरक्राफ्ट कंटरोल करने के बारे में जानकारी प्रदान करता है। एयरोनॉटिकल कोर्स में डिजाइन, कंट्रोल एंड मेंटेनेंस ऑफ एयरक्राफ्ट विषय थियोरी और प्रेक्टिकल दोनों के बारे में पढ़ाया जाता है। इस विषय से आपको एयरोनॉटिकल की नई टेक्लनोलॉजी के अविष्कार के बारे में पता चलता है। एयरोनॉटिकल में बी.ई, बी.टेक, एम.ई और पी.एच.डी डीग्री कोर्स उपलब्ध हैं। इस कोर्स को करने के बाद आप वरसाइटीस, स्पेस एजेंसी और जीपीएस स्टेशन आदि कई क्षेत्रों में एयरोनॉटिकल इंजीनियर के पद पर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।
- एयरोस्पेस इंजीनियरिंग
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग कोर्स में एयरक्राफ्ट, स्पेसक्राफ्ट और मिसाइल के डिजाइन और उत्पादन के बारे में पढ़ाया जाता है। यह कोर्स फिजिकल साइंस और मैथ्स का मिश्रण है जिसमें एयरवहिकल, मैथमेटिक्स, मेकेनिक, थर्मोडिनेमिस, फ्लाइट प्रिंसिपल और डिजाइन विषय के बारे में जानकारी प्रदान करता है। इस कोर्स में बी.ई, बी.टेक, एम.एस.सी और एम.टेक डिग्री कोर्स किया जा सकता है। यह कोर्स करने के बाद डिजाइन, सेंसर, फिल्ट्रेशन, उत्पादन और डेवलपमेंट इंजीनियरिंग क्षेत्र में एयरोस्पेस इंजीनियर कार्य करते हैं। बहुत सी सरकारी संस्थान जैसे डीआरडीओ, एयर इंडिया, ओएसजीसी, एयर फोर्स, आर्मी और नेवी एयरोस्पेस पर काम करती हैं।
- एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग
एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग कोर्स में सिर्फ पोस्ट-प्रोडक्शन मेंटेनेंस एयरक्राफ्ट पर ध्यान दिया जाता है। केमेस्ट्री और मेकेनिक्स इस कोर्स के मुख्य विषय हैं। एस कोर्स से आप बी.ई और बी.एससी की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। टीचिंग, पब्लिशिंग और इंजीनियरिंग जैसे कई क्षेत्र हैं जो एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर को रोजगार प्रदान करते हैं। एयक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर की जिम्मेदारी एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस, प्रोडक्शन और टेक्निकल सर्विस की देख-रेख करने की होती है।
- एयरोनॉटिकल साइंस
एयरोनॉटिकल साइंस में क्रिएशन और ऑपरेशन के बारे में बताया जाता है। यह नोटिकल साइंस की ब्रांच है जिसमें स्पेसक्राफ्ट, इंजीनियरिंग ड्रॉइंग, इलैक्ट्रिसिटी, फ्यूल, मेटियोरोलॉजी, इकनॉमिक्स एंड सेफ्टी गाईडलाइंस के बारे में बताया जाता है। यह साइंस कोर्स बी.एस.सी और एम.एस.सी में उपलब्ध है। स्पेस साइंस सेंटर और एवीएशन कंपनी एयरोनॉटिकल इंजीनियर को रोजगार प्रदान करती है। एयरोनॉटिकल साइंस ग्रेजुएट फ्लाइट इंजीनियर, ऑपरेटर और एयरलाइऩ पाइलेट के पद पर कार्य करते हैं।
- स्पेस इंजीनियरिंग एंड रॉकेट्री
स्पेस इंजीनियरिंग एंड रॉकेट्री कोर्स के अंतर्गत स्पेस, सेटलाइट, रॉकेट, सोलर सिस्टम, प्लेनट, गेलेक्सी और क्लाइमेट विषय के बारे में अध्ययन किया जाता है। यह कोर्स ज्यादातर पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री इन एम.ए इंजीनियरिंग उपलब्ध कराता है। इस कोर्स को करने के बाद आप एस्ट्रोनॉट और साइंटिस्ट बन सकते हैं।
- एयरक्राफ्ट डिजाइन
अगर आप डिजाइन वहिकल्स में रुचि रखते हैं तो एयरक्राफ्ट डिजाइन कोर्स आप कर सकते हैं। एयक्राफ्ट कोर्स के लिए आपको इंजीनियरिंग में ग्रुजुएट पास होना चाहिए। इसके बाद आप एम.टेक एयरक्राफ्ट डिजाइन कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं। यह कोर्स पूरी तरह से डिजाइनिंग टेकनिक्स और प्रोसिड्यूर से जुड़ा हुआ है। इस कोर्स को करने के बाद आप एयरक्राफ्ट डिजाइनर बन सकते हैं।
एरोस्पेस इंजीनियरिंग का अध्ययन डिप्लोमा, बैचलर ऑफ टैकनोलजी (बी.टेक), मास्टर ऑफ टैकनोलजी (एम.टेक) और पीएचडी में किया जा सकता हैं। कई विश्वविद्यालयों में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभागों में होते है परंतु कुछ विश्वविद्यालयों में यह मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में कराई जाती हैं। कुछ विभाग अंतरिक्ष-केंद्रित एस्ट्रोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्रदान करते हैं तथा कुछ संस्थान एयरोनॉटिकल और एस्ट्रोनॉटिकल के बीच अंतर करते हैं। एरोस्पेस उद्योग में स्नातक (ग्रैजुएशन) डिग्री की मांग की जाती है। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री करने वाले छात्रों के लिए रसायन विज्ञान, भौतिकी, कंप्यूटर विज्ञान और गणित का क्षेत्र महत्वपूर्ण होता हैं। इसमें उनकी अच्छी पकड़ होनी चाहिए।
वैमानिकी इंजीनियरिंग योग्यता मापदंड
शैक्षिक योग्यता
- अंडर ग्रेजुएट कोर्स (बी.टेक, बी.ई)
- उम्मीदवार को सीबीएसई या दूसरे किसी अन्य बोर्ड से 10+2 में पास होना चाहिए।
- उम्मीदवार को भौतिकी, रसायस विज्ञान और गणित विषय पढ़ा होना चाहिए।
- पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स (एम.टेक, एम.ई)
- उम्मीदवार के पास एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में बी.टेक या बी.ई की डिग्री होनी चाहिए।
- उम्मीदवार को ग्रेजुएशन में पढ़े गए विषयों में न्यूनतम अंकों के साथ पास होना चाहिए।
वैमानिकी इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय
भारत में कुछ ऐसे विश्विद्यालय और संस्थान हैं जो एयरोनॉटिक्स इंजीनियरिंग कोर्स उपलब्ध करावाते हैं। इन विश्वविद्यालयों की सूची नीचे दी गई है। आप इस पेज को नीचे तक पढ़कर एयरोनॉटिक्स इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय के बारे मे जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, (IIT), मुंबई
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, (IIT), कानपुर
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, (IIT), चेन्नई
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, (IIT), खड़गपुर
- भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, (IIST) , तिरुवनंतपुरम
- भारतीय विज्ञान संस्थान, (IISc), बैंगलोर
- डॉ एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश
- फिरोज गांधी इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान, (FGIET), रायबरैली, उत्तर प्रदेश
- बाबू बनारसी दास नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, लखनऊ (BBDNITM), उत्तर प्रदेश
- राईट ब्रदर्स इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग, नई दिल्ली
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग, देहरादून
- हिंदुस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी, चेन्नई
- नेहरू कॉलेज ऑफ एयरोनॉटिक्स एंड एप्लाइड साइंस, कोयम्बटूर
- इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोनॉटिक्स एंड इंजीनियरिंग, भोपाल
Iske liye koi extra education ki jarurat to nahi padti hai.