बाल दिवस पर विशेष हमारे इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताएंगे बाल दिवस का महत्त्व, बाल दिवस का इतिहास, बाल दिवस क्यों मनाया जाता है, बाल दिवस कब से मनाया जाता है, विश्व बाल दिवस कब मनाया जाता है और बाल दिवस शायरी। हमारे देश में हर वर्ष 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। बाल दिवस मानाने का मुख्य उद्देश्य सभी भारतीय नागरिको को बच्चो के प्रति जागरूक करना है। जिससे सभी लोग अपनों बच्चो को सही दिशा दें। इससे बच्चों का भविष्य अच्छा होगा और एक सुव्यवस्थित और सम्पन्न राष्ट्र का निर्माण होगा। बाल दिवस मनाने मूल उद्देश्य यह है की हमारे देश में हर बच्चे को शिक्षा मिले। बाल दिवस का महत्व इसलिए भी है कि सभी बच्चे पढ़ लिखकर अपने बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकें। बाल दिवस के बारे में जानकारी, बाल दिवस शायरी, बाल दिवस का इतिहास, बाल दिवस क्यों मनाया जाता है, बाल दिवस कब से मनाया जाता है, विश्व बाल दिवस कब मनाया जाता है और बाल दिवस का महत्त्व जानने के लिए हमारे इस आलेख को पूरा पढ़ें।
बाल दिवस (Children’s Day)
बाल दिवस जिसे हम चिल्ड्रेन डे के नाम से भी जानते हैं। बाल दिवस बच्चों को समर्पित भारत का राष्ट्रीय त्योहार है। बाल दिवस बच्चों के लिए महत्वपूर्ण दिन होता है। पंडित जवाहर लाल नेहरु के जन्मदिन पर मनाया जाने वाला बाल दिवस, उनका बच्चों के प्रति प्रेम को दर्शाता है। हर वर्ष 14 नवंबर को पूरे उत्साह के साथ चिल्ड्रेन डे मनाया जाता है। बाल दिवस पूरे विश्व भर में अलग-अलग दिन मानाया जाता है। बाल दिवस कोई साधारण दिन नही है। यह हमारे देश के भविष्य यानि बच्चों के अधिकारों का ज्ञान देने के लिए निर्धारित किया गया एक विशेष दिन है। कई संस्थानों में बच्चों को स्वादिष्ट भोजन के साथ मिठाई बांटी जाती है। बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए और लोगों को बच्चों के प्रति जागरुक करने के लिए बाल दिवस मनाना बहुत जरुरी है।
बाल दिवस क्यों मनाया जाता है और बाल दिवस का महत्त्व
भारत में बाल दिवस का महत्त्व इसलिए है क्योंकि इस दिन यानि 14 नवंबर 1889 को भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म हुआ था। जवाहर लाल नेहरू बच्चों से बेहद प्यार करते थे। उनका मानना था कि बच्चे देश का भविष्य हैं। उनका कहना था कि बच्चों को प्यार दिया जाए और उनकी देखभल की जाए जिससे वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें। बच्चे भी उन्हें बहुत प्यार करते थे। प्यार से बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कह कर बुलाते थे। बच्चों के प्रति उनके प्यार और स्नेह को ध्यान में रखते हुए उनके निधन के बाद उनके जन्मदिन को बाल दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया।
बाल दिवस का इतिहास
अब हम आपको बताते हैं बाल दिवस का इतिहास क्या है। बाल दिवस सिर्फ भारत ही नहीं पूरे विश्व में मनाया जाता है। हम में से बहुत से लोगों को यह नहीं पता होगा कि विश्व बल दिवस कब मनाया जाता है। विश्व बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता है। पहले भारत में भी चिल्ड्रेन डे 20 नवंबर को ही मनाया जाता था। अब कई लोगों के मन में यह सवाल आ रहा होगा कि 20 नवंबर की जगह 14 नवंबर को बल दिवस कब से मनाया जाता है। तो हम बता दें कि वर्ष 1964 से हर वर्ष 14 नवंबर को बाल दिवस मनाना शुरू किया गया।
स्कूल में ऐसे मानते हैं बाल दिवस
बाल दिवस के बारे में जानने के बाद बात करते हैं इसे मानते कैसे हैं। बाल दिवस पूरी तरह बच्चों को समर्पित है। स्कूलों में बाल दिवस के अवसर पर कई मनोरंजक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। कई स्कूलों में बाल दिवस पर भाषण, खेल – कूद, डांस, बाल दिवस पर गीत जैसे रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। कई स्कूल और संस्थानों में बाल दिवस पर बच्चों को पिकनिक पर ले जाया जाता है। शिक्षक इस दिन बच्चों को उपहार भी देते हैं और हैप्पी चिल्ड्रेड डे बोलते हैं। कई संस्थानों में प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं। जीतने वाले बच्चों को स्कूल की तरफ से सम्मानित किया जाता है। जिससे बच्चों की क्षमता और प्रतिभा को बढ़ावा मिले।
बाल दिवस शायरी और छोटी कविताएं
- चाचा का है जन्मदिन,
सभी बच्चे आएंगे,
चाचा जी को फूल गुलाब से,
हम बच्चे सब महकाएंगे। - सबके मन को भाते चाचा नेहरू,
बच्चों को हंसाते चाचा नेहरू,
दिल के भरा अनोखा प्यार,
करते वो बच्चों को प्यार बेशुमार।
बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। - चाचा नेहरू तुझे सलाम,
अमन शांति का दे पैगाम,
जग को जंग से तूने बचाया,
हम बच्चों को भी मनाया,
किया अपना जन्मदिवस बच्चों के नाम,
चाचा नेहरू तुझे सलाम। - फूलों के जैसे महकते रहो,
पंछी के जैसे चहकते रहो,
सूरज की भांति चमकते रहो,
तितली के जैसे मचलते रहो,
मम्मी डैडी का आदर करो,
सुन्दर भावों से मन को भरो,
ये है हमारी शुभ कामना,
हंसते रहो मुस्कुराते रहो। - मां की कहानी थी,
परियों का फ़साना था,
बारिश में कागज़ की नाव थी,
बचपन का वो हर मौसम सुहाना था।
बाल दिवस की शुभ कामनायें। - खबर ना होती कुछ सुबह की,
ना कोई शाम का ठिकाना था,
थक हार के आना स्कूल से,
पर खेलने तो जरूर जाना था। - आज का दिन है बच्चों का,
कोमल मन का और कच्ची कलियों का,
मन के सच्चे ये प्यारे बच्चे,
चाचा नेहरु को हैं प्यारे बच्चे।