रसायन विज्ञान विषय की अच्छी तैयारी के लिए कक्षा 11 रसायन विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – उष्मागतिकी यहाँ प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे छात्र जो रसायन विज्ञान विषय की परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते है उन्हें अपनी तैयारी के लिए यहाँ उष्मागतिकी के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर मिल जाएंगे। महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर की जानकारी किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए आवश्यक होती है। इस पेज में NCERT Book के यूनिट 6 – उष्मागतिकी के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।
श्रोत – राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद्
कक्षा: 11
विषय: रसायन विज्ञान
अध्याय: यूनिट 6 – उष्मागतिकी
कक्षा 11 रसायन विज्ञान के यूनिट 6 – उष्मागतिकी के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर यहाँ प्राप्त करें।
1. उष्मागतिकी ___________ से सम्बंधित नहीं है।
(i) रासायनिक अभिक्रिया में होने वाले उर्जा परिवर्तन
(ii) रासायनिक अभिक्रिया के होने की सीमा
(iii) अभिक्रिया की दर
(iv) रासायनिक अभिक्रिया होने संभावना
2. निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है ?
(i) एक ढके हुए बीकर में अभिकारी स्पीशीज़ की उपस्थिति खुले निकाय का एक उदाहरण है।
(ii) एक बंद निकाय में निकाय और परिवेश के मध्य उर्जा और द्रव्य दोनों का विनिमय होता है।
(iii) काॅपर के बने एक बंद पात्र में अभिक्रियकों की उपस्थित बंद निकाय का एक उदाहरण है।
(iv) एक थर्मस फ्लास्क या किसी अन्य बंद उष्मारोधी पात्र में अभिक्रियकों की उपस्थिति बंद
निकाय का एक उदाहरण है।
3. गैस की अवस्था का वर्णन करने के लिए ________ के मध्य सम्बन्ध उद्धृत करना होता है।
(i) दाब, आयतन, ताप
(ii) ताप, मात्रा, दाब
(iii) मात्रा, आयतन, ताप
(iv) दाब, आयतन, ताप, मात्रा
4. यदि गैस का आयतन घटकर अपने मूल आयतन का आधा रह जाता है, तो विशिष्ट उष्मा का मान ______ .
(i) घटकर आधा रह जायगा
(ii) दुगना हो जायगा
(iii) अपरिवर्तित रहेगा
(iv) बढ़कर चार गुना हो जायगा
5. एक मोल ब्यूटेन के पूर्ण दहन में 2658 kJ ऊष्मा निकलती है। इस परिवर्तन के लिए ऊष्मारासायनिक अभिक्रिया है –


7. एक रुद्धोष्म प्रक्रम में निकाय और परिवेश के मध्य उष्मा का अन्तरण नहीं होता। निम्नलिखित में से किसी आदर्श गैस के रुद्धोष्म अवस्था में निर्बाध प्रसार के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए।
(i) q = 0, ∆T ≠ 0, w = 0
(ii) q ≠ 0, ∆T = 0, w = 0
(iii) q = 0, ∆T = 0, w = 0
(iv) q = 0, ∆T < 0, w ≠ 0
8. किसी आदर्श गैस के लिए दाब-आयतन कार्य का परिकलन व्यंजक,

का उपयोग कर के किया जा सकता है। कार्य का परिकलन pV– आलेख से विनिर्दिष्ट (specified) सीमाओं में वक्र के अंतर्गत क्षेत्रफल का उपयोग करके भी किया जा सकता है। जब एक आदर्श गैस को Vi से Vf तक (क) उत्क्रमणीय रूप से (ख) अनुत्क्रमणीय रूप से संपीडित किया जाता है, तो निम्नलिखित में से सही विकल्प का चयन कीजिए।
(i) w (उत्क्रमणीय) = w (अनुत्क्रमणीय)
(ii) w (उत्क्रमणीय) < w (अनुत्क्रमणीय)
(iii) w (उत्क्रमणीय) > w (अनुत्क्रमणीय)
(iv) w (उत्क्रमणीय) = w (अनुत्क्रमणीय) pex.∆V
9. एन्ट्राॅपी परिवर्तन का मान ∆S = q / T व्यंजक का उपयेाग कर परिकलित किया जा सकता है। जब काँच के बीकर में जल जमता है, तो निम्नलिखित में से सही कथन का चुनाव करें-
(i) ∆S (निकाय) घटता है परन्तु ∆S (परिवेश) वही रहता है।
(ii) ∆S (निकाय) बढ़ता है परन्तु ∆S (परिवेश) घटता है।
(iii) ∆S (निकाय) घटता है परन्तु ∆S (परिवेश) बढ़ता है।
(iv) ∆S (निकाय) घटता है परन्तु ∆S (परिवेश) भी घटता है।
10. उष्मारासायनिक समीकरणों (क), (ख) और (ग) के आधार पर ज्ञात कीजिए कि (i) से (iv) तक विकल्पों में दी गई कौन-सी बीजगणितीय समीकरण सही है?
(क) C (ग्रेफाइट) + O₂(g) → CO₂ (g) ; ∆ᵣH = xkJ mol⁻¹
(ख) C (ग्रेफाइट) + 1 / 2 O₂(g) → CO₂ (g) ; ∆ᵣH = ykJ mol⁻¹
(ग) CO (g) + 1 / 2 O₂(g) → CO₂ (g) ; ∆ᵣH = zkJ mol⁻¹
(i) z = x + y
(ii) x = y – z
(iii) x = y + z
(iv) y = 2z – x
11. निम्नलिखित अभिव्रिफयाओं पर ध्यान देते हुए ज्ञात कीजिए कि (i) से (iv) तक विकल्पों में दिए गए बीजगणितीय समीकरणों में से कौन-सा सही है?
(क) C (g) + 4 H (g) → CH₄ (g); ∆ᵣH = xkJ mol⁻¹
(ख) C (ग्रेफाइट, s) + 2H₂ (g) → CH₄ (g); ∆ᵣH = ykJ mol⁻¹
(i) x = y
(ii) x = 2y
(iii) x > y
(iv) x < y
12. तत्वों की मानक अवस्था में उनकी एन्थैल्पी को शून्य माना जाता है। यौगिक के विरचन की एन्थैल्पी-
(i) सदैव ऋणात्मक होती है।
(ii) सदैव धनात्मक होती है।
(iii) धनात्मक या ऋणात्मक हो सकती है।
(iv) कभी ऋणात्मक नहीं हो सकती है।
13. पदार्थ के ऊर्ध्वपातन की एन्थैल्पी बराबर होती है-
(i) संगलन की एन्थैल्पी + वाष्पन की एन्थैल्पी
(ii) संगलन की एन्थैल्पी
(iii) वाष्पन की एन्थैल्पी
(iv) वाष्पन की एन्थैल्पी की दुगनी
14. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
(i) उत्क्रमणीय अभिक्रिया के लिए ∆G शून्य होता है।
(ii) स्वतः प्रवर्तित अभिक्रिया के लिए ∆G धनात्मक होता है।
(iii) स्वतः प्रवर्तित अभिक्रिया के लिए ∆G ऋणात्मक होता है।
(iv) स्वतः प्रवर्तित न होने वाली अभिक्रिया के लिए ∆G धनात्मक होता है।
निम्नलिखित प्रश्नों में दो या इससे अधिक विकल्प सही हो सकते हैं।
15. उफष्मागतिकी मुख्य रूप से सम्बंधित है-
(i) उर्जा के विभिन्न रूपों में परस्पर संबंध से और एक रूप के दूसरे रूप में रूपांतरण से।
(ii) उन प्रक्रमों में उर्जा परिवर्तन से जो सूक्ष्म निकायों, जिनमें कुछ ही अणु होते हैं, की केवल
प्रारंभिक और अन्तिम अवस्थाओं पर निर्भर करते हैं।
(iii) उर्जा अन्तरण से कि यह कैसे और किस दर से संपन्न होते हैं।
(iv) उन निकायों से जो साम्यावस्था में हों अथवा जो एक साम्यावस्था से दूसरी साम्यावस्था की ओर गतिमान हों।
16. उफष्माक्षेपी अभिक्रिया में उष्मा निकलती है और निकाय परिवेश को उष्मा देता है। ऐसे निकाय के लिए-
(i) Qp ऋणात्मक होगा
(ii) ∆ᵣH ऋणात्मक होगा
(iii) Qp धनात्मक होगा
(iv) ∆ᵣH धनात्मक होगा
17. स्वतः प्रवर्तिता का अर्थ है- ” बाह्य कारक की सहायता के बिना अग्रसर होने का सामर्थ्य रखना।” स्वतः प्रवर्तित संपन्न होने वाले प्रक्रम हैं-
(i) ठंडे पिंड से गर्म पिंड की ओर उष्मा का प्रवाह।
(ii) पात्र की गैस का एक कोने में संकुचित होना।
(iii) उपलब्ध् आयतन को भरने हेतु गैस का प्रसार।
(iv) कार्बन का आॅक्सीजन में दहन करने पर कार्बन डाइआॅक्साइड का बनना।
18. एक आदर्श गैस द्वारा समतापी अवस्था में उत्क्रमणीय प्रसार का कार्य व्यंजक

के उपयोग द्वारा परिकलित किया जा सकता है।
स्थिर ताप पर एक नमूने के आयतन का जिसमें आदर्श गैस का 1.0 मोल है, दो भिन्न प्रयोगों में, दस गुना उत्क्रमणीय प्रसार किया गया। प्रसार क्रमशः 300 K और 600 K पर सम्पन्न किया गया। निम्नलिखित में से सही विकल्प का चुनाव करें-
(i) 600 K पर किया गया कार्य, 300 K पर किये गए कार्य का 20 गुना है।
(ii) 300 K पर किया गया कार्य, 600 K पर किये गए कार्य का दुगना है।
(iii) 600 K पर किया गया कार्य, 300 K पर किये गए कार्य का दुगना है।
(iv) दोनों स्थितियों में ∆U = 0
19. ज़िंक और आॅक्सीजन के मध्य निम्नलिखित अभिक्रिया पर ध्यान देते हुए सही कथनों का चयन कीजिए।
2 Zn (s) + O₂(g) → 2 ZnO (s); ∆H = –693.8 kJ mol⁻¹
(i) दो मोल ZnO की एन्थैल्पी, Zn के दो मोल और आॅक्सीजन के एक मोल की कुल एन्थैल्पी
से 693.8 kJ कम होती है।
(ii) दो मोल ZnO की एन्थैल्पी, Zn के दो मोल और आॅक्सीजन के एक मोल की कुल एन्थैल्पी
से 693.8 kJ अधिक होती है।
(iii) अभिक्रिया में 693.8 kJ mol⁻¹ ऊर्जा निकलती है।
(iv) अभिक्रिया में 693.8 kJ mol⁻¹ ऊर्जा का अवशोषण होता है।
20. 18.0 g जल 100°C ताप और 1 bar दाब पर पूर्णतः वाष्पित हो जाता है और इस प्रक्रिया में 40.79 kJ mol⁻¹ एन्थैल्पी परिवर्तन होता है। इन्हीं अवस्थाओं में 2 mol जल के वाष्पन में कितना
एन्थैल्पी परिवर्तन होगा? जल के लिए वाष्पन की मानक एन्थैल्पी क्या है?
21. एक मोल ऐसीटोन के वाष्पन के लिए, 1 मोल जल के वाष्पन की अपेक्षा कम उर्जा की आवश्यकता होती है। इनमें से किसकी वाष्पन की एन्थैल्पी अधिक होगी ?
22.

23.

24.एन्थैल्पी एक विस्तारी गुणध्र्म (extensive property) है। सामान्य रूप से, यदि एक मार्ग से एक समग्र अभिक्रिया, A→B के लिए एन्थैल्पी ∆ᵣH है और ∆ᵣH₁, ∆ᵣH₂ , ∆ᵣH₃……उन मध्यवर्ती अभिक्रियाओं की एन्थैल्पियाँ हैं जिनके द्वारा उत्पाद B प्राप्त होता है; तो समग्र अभिक्रिया के ∆ᵣH और
मध्यवर्ती अभिक्रियाओं के ∆ᵣH₁, ∆ᵣH₂…… आदि में क्या संबंध होगा?
25. अभिक्रिया, CH₄(g) → C(g) + 4H (g) के लिए कणन (atomisation) की एन्थैल्पी 1665 kJ mol⁻¹ है। C–H आबंध की आबंध ऊर्जा क्या होगी?
26. निम्नलिखित आँकड़ों का प्रयोग करके NaBr के लिए ∆lattice Hθ की गणना कीजिये।
सोडियम धातु के लिए ∆sub Hθ = 108.4 kJ mol⁻¹
सोडियम की आयनन एन्थैल्पी = 496 kJ mol⁻¹
ब्रोमिन की इलेक्ट्रान लब्धि एन्थैल्पी = –325 kJ mol⁻¹
ब्रोमिन की आबंध वियोजन एन्थैल्पी = –192 kJ mol⁻¹
NaBr (s) का ∆f Hθ = –360.1 kJ mol⁻¹
27. दो गैसों के मिश्रण हेतु ∆H= 0 है। स्पष्ट करें कि इन गैसों का एक बंद पात्र में परस्पर विसरण एक
स्वतः प्रवर्तित प्रक्रम है या नहीं?
28. उष्मा का निकाय पर उष्मा का यादृच्छिक प्रभाव होता है और ताप निकाय में कणों की अस्त-व्यस्त गति का औसत माप है। इन तीनों प्राचलों में परस्पर संबंध स्थापित करने वाला गणितीय संबंध लिखें।
29. परिवेश की एन्थैल्पी में वृद्धि निकाय की एन्थैल्पी में कमी के बराबर होती है। क्या निकाय और परिवेश का ताप समान होगा, जब वे उष्मीय साम्य में हैं?
30. अभिक्रिया N₂O₄ (g) 2NO₂ (g) के लिए 298 K पर Kp का मान 0.98 है। बताइए कि
अभिक्रिया स्वतः प्रवर्तित है या नहीं।
31. किसी एकपरमाणविक आदर्श गैस के 1.00 मोल प्रतिदर्श को चित्र 6.1 में दर्शाए गए संकुचन और प्रसरण चक्र से ले जाया गया। इस चक्र में समग्र ∆H का मान क्या होगा ?

32. H₂O (l) की मानक मोलर एन्ट्रॉपी 70 J K⁻¹ mol⁻¹ है। H₂O (s) के लिए मानक मोलर एन्ट्रॉपी 70 kJ K⁻¹ mol⁻¹ से अधिक होगी या कम ?
33. निम्नलिखित में से अवस्था फलनों और पथ फलनों की पहचान कीजिए-
एन्थैल्पी, एन्ट्राॅपी, उष्मा, ताप, कार्य, मुक्त उर्जा।
34. ऐसीटोन के वाष्पन की मोलर एन्थैल्पी जल की अपेक्षा कम है। ऐसा क्यों?
35. ∆ᵣG और ∆ᵣGθ पर किसकी मात्रा शून्य होगी ?
36. स्थिर आयतन पर एक विलगित निकाय के लिए आंतरिक उर्जा परिवर्तन ज्ञात कीजिए।
37. यद्यपि उष्मा एक पथ फलन है परन्तु कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में निकाय द्वारा अवशोषित उष्मा, पथ फलन नहीं होती वे अवस्थाएँ कौन-सी हैं? समझाइए।
38. निर्वात में गैस का प्रसार मुक्त प्रसार कहलाता है। एक लीटर आदर्श गैस के निर्वात में 5 लीटर तक
समतापीय प्रसार में किए गए कार्य और आंतरिक उर्जा परिवर्तन का परिकलन कीजिए।
39. उष्मा धरिता (Cp) एक विस्तारी गुणधर्म है परन्तु विशिष्ट उष्मा (c) एक मात्रा स्वतंत्र गुणधर्म है। एक मोल जल के लिए Cp और c के मध्य क्या संबंध होगा?
40. आनुभविक संबंध, H = U + pV के उपयोग द्वारा Cp और Cv के मध्य अन्तर ज्ञात कर सकते हैं। एक आदर्श गैस के 10 मोल के लिए Cp और Cv के मध्य अन्तर ज्ञात कीजिए।
41. यदि 1g ग्रैफ़ाइट के दहन से 20.7 kJ उष्मा उत्पन्न होती है तो मोलर एन्थैल्पी परिवर्तन क्या होगा? चिन्ह का महत्व भी बताइए।
42. एक अभिक्रिया के लिए नेट एन्थैल्पी परिवर्तन उर्जा की वह मात्रा है जो अभिक्रियक अणुओं के सभी आबंधों को तोड़ने के लिए आवश्यक उर्जा में से उत्पाद अणुओं के सभी आबंधों के बनने हेतु आवश्यक उर्जा को घटाकर प्राप्त होती है। निम्नलिखित अभिक्रिया के लिए एन्थैल्पी परिवर्तन क्या होगा?
H₂(g) + Br₂(g) → 2HBr(g)
दिया हुआ है की H₂ , Br₂ और HBr के लिए आबंध ऊर्जा क्रमशः 435 kJ mol⁻¹ , 192 kJ mol⁻¹, और 368 kJ mol⁻¹ है।
43. CCl₄ की वाष्पण-एन्थैल्पी 30.5 kJ mol⁻¹ है। स्थिर ताप पर 284 g CCl₄ के वाष्पन हेतु आवश्यक उष्मा परिकलित कीजिए। (CCl₄ का मोलर द्रव्यमान = 154 g mol⁻¹)

44. अभिक्रिया, 2H₂(g) + O₂(g) → 2H₂O(l) के लिए अभिक्रिया की एन्थैल्पी ∆ᵣHθ= –572 kJ mol⁻¹ है। H₂O (l) विरचन की मानक एन्थैल्पी क्या होगी ?
45.एक सिलिंडर में बंद आदर्श गैस को स्थिर बाह्य दाब, (Pext) से एक पद में संपीडित करने पर जैसा कि चित्र 6.2 में दर्शाया गया है, किया गया कार्य क्या होगा? आलेख द्वारा समझाइए।
46. जब संपीडन के समय दाब में परिवर्तन अपरिमित चरणों में किया जा रहा हो तो आप एक आदर्श गैस पर किए गए कार्य का परिकलन कैसे करेंगे?
47. निम्नलिखित प्रक्रियाओं में स्थितिज उर्जा/एन्थैल्पी परिवर्तन को आरेख द्वारा प्रदर्शित करिए।
(क) भूमि से छत की ओर पत्थर फेंकना।
(ख) 1 / 2 H₂(g) +1 / 2 Cl₂(g) HCl(g) ∆ᵣHθ = –92.32 kJ mol⁻¹
किस प्रक्रिया में स्थितिज उर्जा/एन्थैल्पी परिवर्तन स्वतः प्रवर्तन के लिए सहायक कारक है?

48. एक विशेष अभिक्रिया के लिए एन्थैल्पी आरेख चित्र 6.3 में दर्शाया गया है। क्या इस आरेख से अभिक्रिया की स्वतः प्रवर्तिता तय करना संभव है?
49. एकपरमाण्विक आदर्श गैस के 1.0 मोल का अवस्था-1 से अवस्था-2 में प्रसार चित्र 6.4 में प्रदर्शित है। 298 K पर गैस का अवस्था (1) से अवस्था (2) तक प्रसार करने हेतु किए गए कार्य का परिकलन करिए।

50. 2 bar स्थिर दाब पर एक आदर्श गैस का 10 L से 50 L तक प्रसार एक चरण में किया गया। गैस द्वारा किए गए कार्य का परिकलन कीजिए। यदि यही प्रसार उत्क्रमणीय रूप से कराया जाए, तो किया गया कार्य पिछले कार्य की अपेक्षा अधिक होगा या कम ? (दिया गया है,1 L bar = 100 J)
निम्नलिखित प्रश्नों में दोनों काॅलमों के विकल्पों के मध्य एक से अधिक सुमेलन संभव हो सकते हैं।
51. निम्नलिखित में काॅलम – I के मदों को काॅलम- II के मदों से सुमेलित कीजिए।
कॉलम – I
(i) रुद्धोष्म प्रक्रम
(ii) विलगित निकाय
(iii) समतापीय परिवर्तन
(iv) पथ फलन
(v) अवस्था फलन
(vi) ∆U = q
(vii) ऊर्जा संरक्षण नियम
(viii) उत्क्रमणीय प्रक्रम
(ix) मुक्त प्रसार
(x) ∆H = q
(xi) मात्रा स्वतंत्र गुणधर्म
(xii) विस्तारी गुणधर्म
कॉलम – II
(a) ऊष्मा
(b) अपरिवर्ती आयतन पर
(c) उष्मागतिकी का प्रथम नियम
(d) ऊर्जा और द्रव्य का विनिमय नहीं
(e) ऊष्मा अन्तरण नहीं
(f) स्थिर ताप
(g) आतंरिक ऊर्जा
(h) Pext = 0
(i) स्थिर दाब पर
(j) अपरिमित रूप से मंद प्रक्रम जो साम्यावस्थाओं की एक शृंखला द्वारा सम्पन्न होता है।
(k) एन्ट्रोपी
(l) दाब
(m) विशिष्ट ऊष्मा
52. निम्नलिखित प्रक्रमों को एन्ट्राॅपी परिवर्तन के साथ सुमेलित कीजिए।
प्रक्रम
(i) एक द्रव्य वाष्पित होता है
(ii) अभिक्रिया सभी ताप पर स्वतः प्रवर्तित नहीं है एवं ∆H धनात्मक है
(iii) आदर्श गैस का अनुत्क्रमणीय प्रसार
एन्ट्राॅपी परिवर्तन
(a) ∆S = 0
(b) ∆S = धनात्मक
(c) ∆S = ऋणात्मक
53. निम्नलिखित प्राचलों को स्वतः प्रवर्तिता के विवरण के साथ सुमेलित कीजिए।

विवरण
(a) उच्च ताप पर स्वतः प्रवर्तित नहीं
(b) सभी ताप पर स्वतः प्रवर्तित
(c) सभी ताप पर स्वतः प्रवर्तित नहीं
54. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए।
(i) वाष्पन एन्ट्रॉपी
(ii) स्वतः प्रवर्तित प्रक्रम के लिए K
(iii) क्रिस्टलीय ठोस अवस्था
(iv) आदर्श गैस के रुद्धोष्म प्रसार में ∆U
(a) घटती है
(b) सदैव धनात्मक है
(c) निम्नतम एन्ट्रॉपी
(d) ∆H vap / Tb
निम्नलिखित प्रश्नों में अभिकथन (A) और तर्क (R) के कथन दिए हैं। प्रत्येक प्रश्न के नीचे लिखे विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए।
55. अभिकथन (A) – सभी कार्बनिक यौगिकों का दहन एक उष्माक्षेपी अभिक्रिया है।
तर्क (R) – मानक अवस्था में सभी तत्वों की एन्थैल्पी शून्य होती है।
(i) A और R दोनों सही हैं एवं R, A का सही स्पष्टीकरण है।
(ii) A और R दोनों सही हैं परन्तु R, A का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(iii) A सही है परन्तु R गलत है।
(iv) A गलत है परन्तु R सही है।
56. अभिकथन (A) – स्वतः प्रवर्तित प्रक्रम एक अनुत्क्रमणीय प्रक्रम है और किसी बाह्य कर्मक द्वारा उत्क्रमित हो सकता है।
तर्क (R) – स्वतः प्रवर्तिता के लिए एन्थैल्पी में कमी एक योगदायी कारक है।
(i) A और R दोनों सही हैं एवं R, A का सही स्पष्टीकरण है।
(ii) A और R दोनों सही हैं परन्तु R, A का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(iii) A सही है परन्तु R गलत है।
(iv) A गलत है परन्तु R सही है।
57. अभिकथन (A) – द्रव के ठोस में क्रिस्टलीकृत होने पर उसकी एन्ट्राॅपी कम हो जाती है।
तर्क (R) – क्रिस्टलों में अणु, एक व्यवस्थित क्रम में होते हैं।
(i) A और R दोनों सही हैं एवं R, A का सही स्पष्टीकरण है।
(ii) A और R दोनों सही हैं परन्तु R, A का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(iii) A सही है परन्तु R गलत है।
(iv) A गलत है परन्तु R सही है।
58. आदर्श गैस के लिए ∆H और ∆U में परस्पर सम्बन्ध व्युत्पन्न कीजिए। समीकरण के प्रत्येक पद को समझाइए।
59. विस्तारी गुणध्र्म पदार्थ की मात्रा पर निर्भर करते हैं परन्तु मात्रा स्वतंत्र गुणधर्म नहीं। स्पष्ट करें कि
निम्नलिखित गुणधर्म विस्तारी हैं या मात्रा स्वतंत्र।
द्रव्यमान, आंतरिक उर्जा, दाब, उष्मा धरिता, मोलर उष्मा धरिता, घनत्व, मोल अंश, विशिष्ट उष्मा,
ताप, मोलरता।
60. एक आयनिक यौगिक की जालक एन्थैल्पी, वह एन्थैल्पी परिवर्तन है जो गैसीय अवस्था में एक मोल आयनिक यौगिक के अपने आयनों में वियोजित होने पर होता है। प्रयोग द्वारा इसे प्रत्यक्ष ज्ञात करना असंभव है। NaCl(s) की जालक एन्थैल्पी के मापन हेतु परोक्ष विधि बताइए और उसे समझाइए।
61. ∆G उपयोगी कार्य करने हेतु उपलब्ध नेट उर्जा है और इस प्रकार यह “मुक्त उर्जा” का माप है। गणितीय रूप में बताएं कि ∆G मुक्त उर्जा का माप है। ∆G का मात्रक ज्ञात करें। यदि किसी अभिक्रिया में धनात्मक एन्थैल्पी परिवर्तन और धनात्मक एन्ट्राॅपी परिवर्तन होता हो, तो अभिक्रिया किन परिस्थितियों में स्वतः प्रवर्तित होगी?
62. आदर्श गैस की अवस्था (pᵢ , Vᵢ ) से (Pf , Vf ) में उत्क्रमणीय और समतापीय प्रसार में किए गए कार्य को आरेख द्वारा दर्शाइए और pV आरेख की सहायता से इस कार्य की तुलना उस कार्य से कीजिए जो स्थिर बाह्य दाब pf, के विरुद्ध किया गया हो।
कक्षा 11 रसायन विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – उष्मागतिकी
यूनिट 6 – उष्मागतिकी के प्रश्नों के उत्तर यहाँ से प्राप्त करें
1. (iii)
2. (iii)
3. (iv)
4. (iii)
5. (iii)
6. (ii)
7. (iii)
औचित्य : मुक्त प्रसार w = 0
रुद्धोष्म q = 0
∆U = q + w = 0, इसका अर्थ है की आतंरिक ऊर्जा अपरिवर्तित रहती है।
आदर्श गैस में अन्तरा आण्विक आकर्षण बल नहीं होते अतः जब ऐसी गैसों का रुद्धोष्म अवस्था में शून्य में प्रसरण होता है तो उष्मा न ही अवशोषित होती है न ही उत्सर्जित होती है क्योंकि अणुओं को अलग-अलग करने में कोई कार्य नहीं होता।
8. (ii) w (उत्क्रमणीय) < w (अनुत्क्रमणीय)
औचित्य- जैसा कि चित्र (क) और (ख) से देखा जा सकता है, अनुत्क्रमणीय संपीडन में वक्र के अन्तर्गत क्षेत्राफल अधिक होता है।

9. (iii)
औचित्य- हिमन उष्माक्षेपी प्रक्रम होता है। उत्सर्जित उष्मा से परिवेश की एन्ट्राॅपी में वृद्धि होती है।
10. (iii)
11. (iii)
औचित्य- (क) और (ख) अभिक्रियाओं में एक से आबंध बनते हैं परन्तु अभिक्रियकों के आबंध केवल (ख) अभिक्रिया में टूटते हैं।
12. (iii)
13. (i)
14. (ii)
15. (i), (iv)
16. (i), (ii)
17. (iii), (iv)
18. (iii), (iv)

आदर्श गैसों के समतापीय प्रसार के लिए, ∆U=0, क्योंकि ताप स्थिर है अर्थात आन्तरिक उर्जा में कोई परिवर्तन नहीं हो रहा है।
19. (i), (iii)
20. 81.58 kJ, ∆ᵥₐᵩHθ = + 40.79 kJ mol⁻¹
21. जल
22. नहीं, क्योकि CaCO₃ का विरचन, उसके संघटक तत्वों से न होकर अन्य यौगिकों से हुआ है।
23. ∆ᵣHθ= +91.8 kJ mol⁻¹
24. ∆ᵣH = ∆ᵣH₁+ ∆ᵣH₂ + ∆ᵣH₃ …..
25. 1665 / 4 kJ mol⁻¹ = 416.2 kJ mol⁻¹
26. +735.5 kJ mol⁻¹
27. यह स्वतः प्रवर्तित प्रक्रम है। यद्यपि एन्थैल्पी परिवर्तन शून्य है, परन्तु अव्यवस्था या अस्तव्यस्तता में वृद्धि हुई है। अतः समीकरण ∆G = ∆H – T∆S में T∆S पद ऋणात्मक होगा। अतः ∆G का मान ऋणात्मक होगा।
28. ∆S = qᵣₑᵥ / T
29. हाँ
30. अभिक्रिया स्वतः प्रवर्तित नहीं है।
∆ᵣGθ= –RT ln Kp
31. ∆H (cycle) = 0
32. कम; क्योंकि जल की अपेक्षा बर्फ अधिक व्यवस्थित होता है।
33. अवस्था फलन – एन्थैल्पी, एन्ट्राॅपी, ताप, मुक्त ऊर्जा
पथ फलन – उष्मा, कार्य
34. जल में उपस्थित प्रबल हाइड्रोजन आबंधन के कारण इसकी वाष्पन की एन्थैल्पी अधिक होती है।
35. ∆ᵣG का मान सदैव शून्य होगा।
K = 1 के लिए ∆ᵣGθ शून्य है क्योंकि ∆Gθ = – RT lnK, K के अन्य मानों के लिए यह शून्य नहीं है।
36. विलगित निकाय के लिए उष्मा या कार्य के रूप में उर्जा का अन्तरण नहीं होगा, अर्थात् w = 0
और q = 0. अतः उष्मागतिकी के प्रथम नियम के अनुसार,
∆U = q + w
= 0 + 0 = 0
∴ ∆U = 0
37. स्थिर आयतन पर,
उष्मागतिकी के पहले नियम से –
q = ∆U + (–w)
(–w) = p∆V
∴ q = ∆U + p∆V
∆V = 0, क्योंकि आयतन अपरिवर्तित है।
∴ qᵥ = ∆U + 0
⇒ qᵥ = ∆U = एन्थैल्पी ऊर्जा में परिवर्तन
स्थिर डाब पर,
qᵩ = ∆U + p∆V
लेकिन ,∆U + p∆V = ∆H
∴ qᵩ = ∆H = एन्थैल्पी में परिवर्तन
अतः स्थिर आयतन और स्थिर दाब पर उष्मा परिवर्तन क्रमशः आंतरिक उर्जा में परिवर्तन और एन्थैल्पी में परिवर्तन के बराबर हैं, जो अवस्था फलन हैं।
38. (–w) = Pext (V2–V1) = 0 × (5 – 1) = 0
समतापी प्रसार के लिए q = 0
उष्मागतिकी के प्रथम नियम के अनुसार –
q = ∆U + (–w)
⇒ 0 = ∆U + 0 इसलिए ∆U = 0
39. जल के लिए उष्माधारिता = 18 X विशिष्ट ऊष्मा
या Cp = 18 × c
विशिष्ट ऊष्मा = c = 4.18 Jg⁻¹K⁻¹
उष्मा धारिता = Cp = 18 × 4.18 JK⁻¹ = 75.3 J K⁻¹
40. Cp – Cv = nR
= 10 × 4.184 J
41. ग्रैफ़ाइट का मोलर एन्थैल्पी परिवर्तन = 1 g कार्बन का एन्थैल्पी परिवर्तन × कार्बन का मोलर द्रव्यमान
= – 20.7 kJ g⁻¹× 12g mol⁻¹
∴ ∆H = – 2.48 × 102 kJ mol⁻¹
∆H का ऋणात्मक मान ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया
42. ∆ᵣHθ = H₂ की आबंध ऊर्जा + Br₂ की आबंध ऊर्जा – 2 × HBr की आबंध ऊर्जा
= 435 + 192 – (2 × 368) kJ mol⁻¹
⇒∆ᵣHθ = –109 kJ mol⁻¹
43. Qp = ∆H = 30.5 kJ mol⁻¹
∴ 284 g CCl₄ के वाष्पन के लिए आवश्यक ऊर्जा = 284g / 154g mol⁻¹ x 30.5kJ mol⁻¹
= 56.2 kJ
44. विरचन की मानक एन्थैल्पी की परिभाषा के अनुसार, निम्नलिखित अभिक्रियाओं के लिए एन्थैल्पी परिवर्तन जल (l) के विरचन की मानक एन्थैल्पी होगी।
H₂(g) +1 / 2 O₂(g) → H₂O(l)
या H₂O(l) के विरचन की मानक एन्थैल्पी समीकरण में दी गई एन्थैल्पी की आधी होगी यानी ∆ᵣHθ भी आधा होगा।

45. आदर्श गैस पर किया गया कार्य चित्र 6.6 में दिए p-V आरेख से परिकलित किया जा सकता है। किया गया कार्य छायामय क्षेत्र ABVᵢVᵢᵢ के बराबर है।

46. किए गए कार्य की p-V आरेख की सहायता से गणना की जा सकती है। संपीडन के कार्य का जिसे अनन्त चरणों में दाब परिवर्तन द्वारा किया गया है, p-V आरेख चित्र 6.7 में दिया गया है। इसमें छायामय क्षेत्र गैस पर किए गए कार्य को निरूपित करता है।


48. नहीं
स्वतः प्रवर्तिता तय करने में एन्थैल्पी एक सहयोगी कारक है परन्तु यह एकमात्र कारक नहीं है। सही परिणाम के लिए दूसरे कारक अर्थात एन्ट्राॅपी के योगदान को भी देखना चाहिए।
49. चित्र से स्पष्ट है कि प्रक्रम अनन्त पदों में हुआ है अतः यह समतापी उत्क्रमणीय प्रसार है।
w = – 2.303nRT log V₂ / V₁
लेकिन , p₁V₁ = p₂V₂ ⇒ V₂ / V₁ = p₁ / p₂ = 2 / 1 = 2
∴ w = – 2.303 nRT log p₁ / p₂
= – 2.303 × 1 mol × 8.314 J mol⁻¹ K⁻¹ × 298 K⁻¹ × log 2
= – 2.303 × 8.314 × 298 × 0.3010 J = –1717.46 J
50. w = – pₑₓ (Vf –Vi ) = –2 × 40 = – 80 L bar = – 8 kJ
ऋणात्मक चिन्ह दर्शाता है कि निकाय द्वारा परिवेश पर कार्य किया गया है। उत्क्रमणीय प्रसार में किया गया कार्य अधिक होगा क्योंकि प्रत्येक पद में, आंतरिक दाब और बाह्य दाब लगभग एक समान होते हैं।
51. (i) → (e)
(ii) → (d)
(iii) → (f)
(iv) → (a)
(v) → (g), (k), (l)
(vi) → (b)
(vii) → (c)
(viii) → (j)
(ix) → (h)
(x) → (i)
(xi) → (a), (l), (m)
(xii) → (g), (k)
52. (i) →(b)
(ii) → (c)
(iii) → (a)
53. (i) → (c)
(ii) → (a)
(iii) → (b)
54. (i) → (b), (d)
(ii) → (b)
(iii) → (c)
(iv) → (a)
55. (ii)
56. (ii)
57. (i)
59. संकेत : (दो विस्तारी गुणधर्मों का अनुपात सदैव मात्रा स्वतंत्रा गुणधर्म होता है,
विस्तारी गुणधर्म / विस्तारी गुणधर्म = मात्रा स्वतंत्र गुणधर्म
उदहारण के लिए , मोल अंश = मोल / कुल मोल = विस्तारी गुणधर्म / विस्तारी गुणधर्म
60. Na (s) +1 / 2 Cl₂ (g) → Na⁺(g) + Cl⁻ (g) ; ∆latticeH θ
बॉर्न – हाबर चक्र
बॉर्न – हाबर चक्र से जालक एन्थैल्पी मापने के पद
सोडियम धातु का ऊर्ध्वपातन ,
(1) Na(s) → Na (g) ; ∆sub Hθ
(2) सोडियम परमाणुओं का आयनन,
Na(g) →Na⁺(g) + e⁻(g) ; ∆t Hθ अर्थात आयनन एन्थैल्पी
(3) क्लोरीन अणुओं का वियोजन,
1 / 2 Cl₂(g) → Cl(g) ; 1 / 2 ∆bond Hθ अर्थात आबंध वियोजन एन्थैल्पी का आधा
(4) Cl(g) + e⁻(g) → Cl⁻ (g) ∆eg Hθ अर्थात इलेक्ट्रान लब्धि एन्थैल्पी


62.

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