गणित विषय की अच्छी तैयारी के लिए कक्षा 11 गणित के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – शंकु परिच्छेद यहाँ प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे छात्र जो गणित विषय की परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते है उन्हें अपनी तैयारी के लिए यहाँ शंकु परिच्छेद के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर मिल जाएंगे। महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर की जानकारी किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए आवश्यक होती है। इस पेज में NCERT Book के यूनिट 11 – शंकु परिच्छेद के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।
श्रोत – राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद्
कक्षा: 11
विषय: गणित
अध्याय: यूनिट 11– शंकु परिच्छेद
कक्षा 11 गणित के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – शंकु परिच्छेद
कक्षा 11 गणित विषय के यूनिट 11 – शंकु परिच्छेद के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर यहाँ प्राप्त करें।
शंकु परिच्छेद
11.1 समग्र अवलोकन (Overview)
11.1.1 शंकु के परिच्छेद (Sections of a cone)
मान लीजिए कि l एक स्थिर ऊर्ध्वाधर रेखा है और m एक दूसरी रेखा है जो इस रेखा को स्थिर बिन्दु V पर प्रतिच्छेद करती है और इसके साथ एक कोण α बनाती है। (आकृति 11.1)

अब हम रेखा m को रेखा l के परितः इस प्रकार घुमाते हैं कि m की सभी स्थितियों में कोण α अचर रहता है। इस प्रकार उत्पन्न पृष्ठ एक लंब वृतीय खोखला द्विशंकु है जिसे हम अब से शंकु ही कहेंगे और ये दोनों दिशाओं में अनिश्चित दूरी तक बढ़ रहा है। (आकृति 11.2)

बिन्दु V को शीर्ष कहते हैं और स्थिर रेखा / शंकु का अक्ष कहलाती है। घूमने वाली रेखा m शंकु की जनक कहलाती हैं। शीर्ष शंकु को दो भागों में विभक्त करता है जिन्हें नापे (Nappes) कहा जाता है।
यदि हम एक तल और शंकु का परिच्छेद लेते हैं तो इस प्रकार प्राप्त परिच्छेद एक, शंकु परिच्छेद कहलाता है। अतः शंकु परिच्छेद ऐसे वक्र हैं जिन्हें एक लम्बवृतीय शंकु और एक तल के परिच्छेदन से प्राप्त किया जाता है।
शंकु के ऊर्ध्वाधर अक्ष और परिच्छेदी तल के बीच बने कोण और परिच्छेदी तल की स्थितियों के अनुसार विभिन्न प्रकार के शंकु प्राप्त होते हैं। मान लीजिए परिच्छेदी तल, शंकु के ऊर्ध्वाधर अक्ष के साथ β कोण बनाता है (आकृति 11.3) तल का शंकु के साथ परिच्छेदन या तो शंकु के शीर्ष पर हो सकता है या नापे के दूसरे किसी भाग पर ऊपर या नीचे हो सकता है। तब तल, शंकु के नापे ; शीर्ष के अतिरिक्तद्ध को काटता है तो हमें निम्नांकित स्थितियाँ प्राप्त होती हैं-
- (a) जब β = 90° , तो परिच्छेद एक व्रत होता है।
- (b) जब α < β < 90° तो परिच्छेद एक दीर्घवृत्त होता है।
- (c) जब β = α तो परिच्छेदा एक परवलय होता है।
(उपरोक्त तीनों परिस्थितियों में तल शंकु के एक नापे को पूर्णतः आर-पार काटता है।) - (d) जब 0 ≤ β < α; तो तल शंकु के दोनों नेप्स को काटता है और परिच्छेद व्रत अतिपरवलय होता है। वास्तव में, ये वक्र, आजकल बाहरी अंतरिक्ष के अन्वेषण और परमाणु कणों के व्यवहार की खोज के लिए महत्वपूर्ण साधन है।
हम शंकु परिच्छेदों को तलीय वक्रों के रूप में लेते हैं। इस उद्देश्य के लिए अन्य समान परिभाषा का उपयोग सुविधाजनक है जो केवल उस तल से सम्बन्ध जोड़ती है जिसमें वक्र स्थित हैं और इस तल में विशिष्ट बिन्दुओं एवं रेखाओं, जिन्हें नाभियां एवं नियंताएं कहते हैं, के साथ सम्बन्ध जोड़ती है। इस उपगमन के अनुसार परवलय, दीर्घवृत्त एवं अतिपरवलय को तल के एक निश्चित बिन्दु (जिसे नाभि कहा जाता है) और एक निश्चित रेखा जिसे नियता कहा जाता है) की सहायता से परिभाषित किया जाता है।
यदि, S नाभि और i नियता हैं, तो तल के ऐसे सभी बिन्दुओं का समुच्चय जिनकी बिन्दु S से दूरी, रेखा i से दूरी के साथ एक अचर अनुपात (e) धारण करती है, शंकु परिच्छेद कहलाता है। अचर अनुपात (e) को उत्केंद्रता कहते हैं। दीर्घवृत्त के विशिष्ट स्थिति के रूप में हमें वृत्त प्राप्त होता है जिसके लिए (e) का मान शून्य होता है और इसलिए इसका अध्ययन हम विभिन्न विधि से करते हैं।
11.1.2 वृत्त (Circle)
वृत्त, तल के उन सभी बिन्दुओं का समुच्चय होता हैं जो तल के एक स्थिर बिंदु से एक निश्चित दूरी पर होते हैं। स्थिर बिन्दु को वृत्त का केंद्र कहते हैं और वृत्त पर किसी भी बिंदु की केंद्र से दूरी वृत्त की त्रिज्या कहलाती है।





11.1.4 दीर्घवृत्त (Ellipse)
एक दीर्घवृत्त तल वेफ उन बिन्दुओं का समुच्चय है, जिसका तल में दो स्थिर बिन्दुओं से दूरियों का योग अचर होता है। विकल्पतः दीर्घवृत्त तल के उन सभी बिन्दुओं का समुच्चय है जिनकी तल के किसी स्थिर बिंदु से दूरी, तल की किसी स्थिर रेखा से दूरी के साथ, एक अचर अनुपात (< 1) धारण करती है। स्थिर बिंदु को नाभि एवं स्थिर रेखा को नियता, कहते हैं अचर अनुपात (e < 1) दीर्घवृत्त की उत्केंद्रता कहलाता है। दीर्घवृत्त के दो मानक समीकरण इस प्रकार हैंः


दीघवृत्त पर स्थित किसी बिंदु की नाभीय दूरीयों का योग अचर एवं दीर्घ अक्ष की लंबाई के समान होता है।
11.1.5 अतिपरवलय (Hyperbola)
एक अतिपरवलय, तल के उन सभी बिन्दुओं का समुच्चय है जिनकी तल में दो स्थिर बिन्दुओं से दूरी का अंतर अचर होता है। विकल्पतः अतिपरवलय तल के उन सभी बिन्दुओं का समुच्चय है जिनकी तल के किसी स्थिर बिन्दु से दूरी, तल की किसी स्थिर रेखा से दूरी के साथ, एक अचर अनुपात ( > 1) बनती है। स्थिर बिंदु को नाभि, स्थिर रेखा को नियता एवं स्थिर अनुपात (e > 1) को उत्वेंफद्रता कहते हैं। अतिपरवलय के दो मानक रूप हैं,

अतिपरवलय (i) का अनुप्रस्थ अक्ष, x-अक्ष के अनुदिश है एवं संयुग्मी अक्ष, y-अक्ष के अनुदिश है। जबकि अतिपरवलय (ii) का अनुप्रस्थ अक्ष, y- अक्ष के अनुदिश है एवं संयुग्मी अक्ष, x- अक्ष के अनुदिश है।



11.2 हल किए हुए उदाहरण
लघु उत्तरीय उदाहरण
उदाहरण 1 वृत्त x² + y² – 2x + 4y = 8 की त्रिज्या एवं केंद्र ज्ञात कीजिये।
हल दिए हुए समीकरण को (x² – 2x) + ( y² + 4y) = 8 के रूप में लिखा जा सकता है। पूर्ण वर्ग बनाने पर हम (x² – 2x + 1) + ( y² + 4y + 4) = 8 + 1 + 4
अथवा
(x – 1)² + (y + 2)² = 13, प्राप्त करते हैं। वृत्त के मानक समीकरण के साथ इसको तुलना करने पर हम देखते हैं कि वृत्त का केंद्र (1, – 2) एवं त्रिज्या √13 है।
उदाहरण 2 यदि x² = – 8y किसी परवलय का समीकरण है, तो नाभि के निर्देशांक, नियता का समीकरण और नाभिलंब जीवा की लम्बाई ज्ञात कीजिए।
हल : दिया हुआ समीकरण x² = – 4ay के रूप का है जिसमें a धनात्मक है। इसलिए परवलय की नाभि ऋणात्मक y – अक्ष पर है और यह परवलय नीचे की तरफ खुलता है। दिए हुए समीकरण को, मानक रूप से तुलना करने पर हम a = 2 प्राप्त करते हैं। इसलिए नाभि के निर्देशांक (0, –2) हैं। नियता का समीकरण y = 2 है एवं नाभिलंब जीवा की लम्बाई 4a अर्थात् 8 है।
उदाहरण 3 : यदि एक दीर्घवृत्त का समीकरण 9x² + 25y² = 225, है, तो दीर्घ अक्ष, लघु अक्ष,उत्केंद्रता, नाभियाँ एवं शीर्ष ज्ञात कीजिए।
हल : 225 से भाग करने पर दिए हुए समीकरण को मानक रूप में निम्नलिखित प्रकार लिख सकते हैंः

इससे हम a = 5 एवं b = 3 प्राप्त करते हैं। अतः 99 = 25 (1 – e2 ) इसलिए e = 4/5 क्योंकि x² का हर बड़ा है इसलिए दीर्घ अक्ष, x- अक्ष के अनुदिश है एवं लघु-अक्ष, y-अक्ष के अनुदिश है। नाभियाँ (4, 0) एवं (-4, 0) हैं। शीर्ष (5, 0) एवं (-5, 0) हैं।


दीर्घ उत्तरीय उदाहरण
उदाहरण 7 : बिन्दुओं (20, 3), (19, 8) और (2, –9) से गुजरने वाले वृत्त का समीकरण ज्ञात कीजिए। वृत्त का केंद्र एवं त्रिज्या भी ज्ञात कीजिए।
हल : दिए हुए निर्देशांकों को वृत्त के व्यापक समीकरण x² + y² + 2gx + 2fy + c = 0 में प्रतिस्थापित करने पर हम
40g + 6f + c = – 409
38g + 16 f + c = – 425
4g – 18 f + c = – 85 प्राप्त करते हैं।
इन तीन समीकरणों से हम g = – 7, f = – 3 एवं c = –111 प्राप्त करते हैं।
अतः वृत्त का समीकरण
x² + y² – 14x – 6y – 111 = 0
अथवा (x – 7)² + (y – 3)² = 132
इसलिए वृत्त का केंद्र (7, 3) एवं त्रिज्या 13 है।
उदहारण 8 परवलय y² = 4ax के अन्तर्गत एक समबाहु त्रिभुज इस प्रकार बनाया जाता है कि त्रिभुज का एक शीर्ष, परवलय के शीर्ष पर है। त्रिभुज की भुजा की लम्बाई ज्ञात कीजिए।


अथवा 3x² + 5y²= 32.
उदाहरण 10 : एक ऐसे अतिपरवलय का समीकरण ज्ञात कीजिए जिसके शीर्ष (± 6, 0) पर है और किसी एक नियता का समीकरण x = 4 है।


उदाहरण 11 मूल बिन्दु से 1 इकाई की दूरी पर प्रत्येक निर्देशांक अक्ष को स्पर्श करने वाले वृत्त का प्रथम चतुर्थांश में समीकरण हैः
- (A) x² + y² – 2x – 2y + 1= 0
- (B) x² + y² – 2x – 2y – 1 = 0
- (C) x² + y² – 2x – 2y = 0
- (D) x² + y² – 2x + 2y – 1 = 0
हल : सही विकल्प (A) है। क्योंकि दिया हुआ समीकरण (x – 1)² + (y – 1)² = 1 के रूप में लिखा जा सकता है। यह समीकरण एक ऐसे वृत्त को निरूपित करता है जिसका केंद्र (1, 1) है, एवं त्रिज्या 1 ईकाई है। यह वृत्त दोनों अक्षों का मूल बिन्दु से 1 ईकाई की दूरी पर स्पर्श करता है।
उदाहरण 12 : रेखाओं 3x + y = 14 एवं 2x + 5y = 18 के प्रतिच्छेद बिन्दु से जाने वाले उस वृत का समीकरण जिसका केंद्र (1, -2) है।
- (A) x² + y² – 2x + 4y – 20 = 0
- (B) x² + y² – 2x – 4y – 20 = 0
- (C) x² + y² + 2x – 4y – 20 = 0
- (D) x² + y² + 2x + 4y – 20 = 0

उदाहरण 14 परवलय y² = 6x के शीर्ष को इसके ऐसे बिन्दुओं, जिनका भुज (x-निर्देशांक) 24 है, से मिलाने पर, प्राप्त रेखाओं वेफ समीकरण हैं –
- (A) y ± 2x = 0
- (B) 2y ± x = 0
- (C) x ± 2y = 0
- (D) 2x ± y = 0

उदाहरण 15 : एक दीर्घ वृत्त का केंद्र मूल बिन्दू है एवं दीर्घ अक्ष, x-अक्ष पर है, यह बिन्दुओं (–3, 1) एवं (2, –2) से जाता है। उस दीर्घवृत्त का समीकरण हैंः
- (A) 5x²+ 3y² 32
- (B) 3x² + 5y² = 32
- (C) 5x² – 3y² = 32
- (D) 3x² + 5y² + 32 = 0


उदहारण 17 : एक वृत्त पर किसी भी बिंदु के निर्देशांक(2 + 4 cosθ, –1 + 4 sinθ) है, जहाँ θ प्राचल है। उस वृत्त का समीकरण (x – 2)² + (y + 1)² = 16 है।
हल : सत्य, दिए हुए प्रतिबंधों से हम
x = 2 + 4 cosθ ⇒ (x – 2) = 4 cosθ
अथवा y = –1 + 4 sinθ ⇒ y + 1 = 4 sinθ प्राप्त करते हैं। वर्ग करने पर एवं जोड़ने पर हमें (x – 2)² + (y + 1)² = 16 प्राप्त होता है।
उदाहरण 18 : दी हुई लम्बाई की एक छड़ इस प्रकार घूमती है कि इसके अन्तिम छोर, परस्पर लंब दो निश्चित सरल रेखाओं पर ही रहते हैं। छड़ पर लिया हुआ कोई भी बिन्दु दीर्घवृत्त को दर्शाता है।


उदारहण संख्या 19 से 23 में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिये :



11.3 प्रश्नावली
लघु उत्तरीय प्रश्न
1 . एक वृत्त की त्रिज्या a है और यह प्रथम चतुर्थांश में दोनों अक्षों को स्पर्श करता है, वृत्त का समीकरण ज्ञात कीजिए।

3. यदि कोई वृत्त बिन्दुओं (0, 0), (a, o) एवं (o, b) से जाता है तो इसके केंद्र के निर्देशांक ज्ञात कीजिए।
4. ऐसे वृत्त का समीकरण ज्ञात कीजिए जो x- अक्ष को स्पर्श करता है और जिसका केंद्र (1,2) है।
5. यदि रेखाएं 3x – 4y + 4 = 0 एवं 6x – 8y – 7 = 0 एक वृत्त की स्पर्श रेखाएं हैं, तो वृत्त की त्रिज्या ज्ञात कीजिए।
(संकेत : दी हुई समांतर रेखाओं के बीच की दूरी से हम वृत्त का व्यास प्राप्त करते हैं)
6. तीसरे चतुर्थाश में स्थित एक ऐसे वृत्त का समीकरण ज्ञात कीजिये जो दोनों अक्षों एवं रेखा 3x – 4y + 8 = 0 को स्पर्श करता है।
(संकेत : माना a वृत्त की त्रिज्या है, तब (–a, –a) वृत्त के केंद्र होंगे और दी गई रेखा की केंद्र में लम्ब दूरी, वृत्त की त्रिज्या है।
7. यदि वृत्त x² + y² – 4x – 6y + 11 = 0 के व्यास एक छोर (3, 4) पर है, तो व्यास के दूसरे छोर के निर्देशांक ज्ञात कीजिए।
8. एक वृत्त का वेंफद्र (1, –2) पर है और यह 3x + y = 14, 2x + 5y = 18 से जाता है। वृत्त का समीकरण ज्ञात कीजिए।
9. यदि रेखा y = √3 x + k o वृत्त x² + y² = 16 को स्पर्श करती है, तो k का मान ज्ञात कीजिए। (संकेत : वृत की त्रिज्या वृत के केंद्र से लम्ब दूरी के बराबर है।)
10. वृत्त x² + y² – 6x + 12y + 15 = 0 के संकेन्द्री एवं इससे दुगने क्षेत्रफल के वृत्त का समीकरण ज्ञात कीजिये।
(संकेत : संकेन्द्री वृत्तों के केंद्र सामान होते हैं। )
11. यदि किसी दीर्घ वृत्त की नाभिलंब जीवा, लधु अक्ष के आधे के सामान हैं, तो इसकी उत्केंद्रता ज्ञात कीजिये।
12. दिए गये दीर्घ वृत्त 9x²+ 25y² = 225 की उत्केंद्रता एवं नाभिया ज्ञात कीजिये।

16. परवलय y² = 8x पर किसी बिंदु की नाभिया दुरी 4 है। उस बिंदु के निर्देशांक ज्ञात कीजिये।
17. परवलय y² = 4ax के शीर्ष एवं परवलय पर स्थित किसी बिन्दु को मिलाने वाले रेखाखंड की लम्बाई ज्ञात कीजिए। यदि रेखाखंड x- अक्ष के साथ θ कोण बनाता है।
18. यदि एक परवलय का शीर्ष एवं नाभि क्रमशः (0, 4) एवं (0, 2) पर हैं, तो उसका समीकरण ज्ञात कीजिए।
19. यदि रेखा y = mx + 1 परवलय y²= 4x की स्पर्श रेखा है, तो m का मान ज्ञात कीजिए।(संकेत परवलय एवं रेखा के समीकरण को हल करने पर हमें एक द्विघात समीकरण प्राप्त होता है और स्पर्शिता के प्रतिबंध का उपयोग करने पर m का मान प्राप्त होता है। )
20. यदि एक अतिपरवलय की उत्केंद्रता √2 है और इसकी नाभियों के बीच की दूरी 16 हैं, तो अतिपरवलय का समीकरण ज्ञात कीजिए।
21. अतिपरवलय 9y² – 4x² = 36 की उत्केंद्रता ज्ञात कीजिए।
22. एक अतिपरवलय की उत्केंद्रता 3/2 है और इसकी नाभियाँ (± 2, 0) पर हैं, अतिपरवलय का समीकरण ज्ञात कीजिए।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (L.A.)
23. यदि रेखाएं 2x – 3y = 5 एवं 3x – 4y = 7 किसी ऐसे वृत्त के व्यास हैं जिसका क्षेत्रफल 154 वर्ग इकाई है, तो वृत्त का समीकरण ज्ञात कीजिए।
24. एक वृत्त का केंद्र सरल रेखा y – 4x + 3 = 0 पर स्थित हैं और यह वृत्त बिन्दुओं (2, 3) एवं (4, 5) से होकर जाता है। वृत्त का समीकरण ज्ञात कीजिए।
25. एक ऐसे वृत्त का समीकरण ज्ञात कीजिए जिसका केंद्र (3, -1) है और जो रेखा 2x – 5y + 18 = से 6 इकाई लम्बी एक जीवा काटता है।
(संकेत : वृत्त की त्रिज्या ज्ञात करने के लिए, केंद्र से दी हुई रेखा पर लंब दूरी ज्ञात कीजिये। )
26. 5 सेमी त्रिज्या वाले एक ऐसे वृत्त का समीकरण ज्ञात कीजिए जो एक दूसरे वृत्त x² + y² – 2x – 4y – 20 = 0 को (5, 5) पर स्पर्श करता है।
27. 3 इकाई त्रिज्या वाला एक वृत्त बिन्दु (7, 3) से जाता है और इसका केंद्र रेखा y = x – 1 पर स्थित है। वृत्त का समीकरण ज्ञात कीजिए।
28. निम्नलिखित परवलयों में से प्रत्येक का समीकरण ज्ञात कीजिए।
- (a) नियता x = 0, नाभि (6, 0)
- (b) शीर्ष (0, 4), नाभि (0, 2)
- (c) नाभि (–1, –2), नियता x – 2y + 3 = 0
29. उन सभी बिंदु के समुच्चय का समीकरण ज्ञात कीजिये, जिनकी बिंदुओं (3, 0) ,एवं (9, 0) से दूरियों का योग 12 है।
30. उन सभी बिन्दुओं के समुच्चय का समीकरण ज्ञात कीजिए जिनकी बिन्दु (0, 4) से दूरी, रेखा y = 9 से दूरी का 2/3 है।
31. दर्शाइए कि ऐसे सभी बिन्दुओं का समुच्चय, जिनकी (4, 0) एवं (-4, 0) से दूरी का अन्तर हमेंशा 2 है, एक अतिपरवलय को निरूपित करता है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न
बताइए कि प्रश्न संख्या 33 से 40 तक वेफ कथनों में से कौन-सा कथन सत्य है और कौन-सा असत्य है?
33. रेखा x + 3y = 0, वृत्त x² + y² + 6x + 2y = 0का व्यास है
34. बिंदु (2, -7) से वृत्त x² + y² – 14x – 10y – 151 = 0 का न्यूनतम दूरी 5 इकाई है।
(संकेत : न्यूनतम दूरी त्रिज्या एवं केंद्र से दिए हुए बिंदु के बीच की दूरी का अंतर है)
35. यदि रेखा lx + my = 1, वृत्त x² + y² = a² की सपर्श रेखा है, तो बिंदु (l, m) वृत्त पर स्थित हैं। (संकेत : केंद्र से रेखा की दूरी, वृत्त की त्रिज्या के समान है। )
36. बिंदु (1, 2) वृत्त x² + y² – 2x + 6y + 1 = 0 के अंदर स्थित हैं।
37. रेखा lx + my + n = 0, परवलय y² = 4ax को स्पर्श करेगी यदि ln = am²

प्रश्न संख्या 41 से 46 तक रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिएः
41. एक वृत्त का केंद्र (3, -4) है और यह रेखा 5x + 12y – 12 = 0 को स्पर्श करता है। वृत्त का समीकरण ________ है।
(संकेत : वृत्त त्रिज्या, वृत्त के केंद्र से स्पर्श रेखा की लम्ब दूरी है। )
42. रेखाएं y = x + 2, 3y = 4 और 2y = 3x किसी त्रिभुज की भुजाएँ हैं। इन त्रिभुज को परिगत (Circumscribing) करने वाला वृत्त का समीकरण _______ है।
43. एक अंतहीन रस्सी को दो पिनों के ऊपर से निकालकर एक दीर्घवृत्त का निर्धारण किया जाता है। यदि अक्षों की लम्बाई 6 सेमी एवं 4 सेमी हैं, तो रस्सी की लम्बाई एवं पिनों के बीच की दूरी __________है।
44. एक दीर्घवृत्त की नाभियाँ (0, 1), (0, -1) है और लघु अक्ष की लम्बाई 1 इकाई है। दीर्घ वृत्त का समीकरण _________ है।
45. एक परवलय की नाभि (-1, -2) पर है और नियता x – 2y + 3 = 0 0 है। परवलय का समीकरण ________ है।
46. एक अतिपरवलय के शीर्ष (0, ± 6) हैं और उत्केंद्रता 5/3 है। अति परवलय का समीकरण एवं नाभियां क्रमशः ______एवं ______ हैं।
प्रश्न संख्या 47 से 59 तक दिए हुए चार विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए –
47. बिंदु (, 2) पर केंद्रित एवं बिंदु (4, 6) से जाने वाले वृत्त का क्षेत्रफल है :-
- (A) 5π
- (B) 10π
- (C) 25π
- (D) इनमें से कोई नहीं
48. दोनों अक्षों को स्पर्श करने वाले एवं बिंदु (3, 6) से जाने वाले वृत्त का समीकरण है :-
- (A) x² + y² + 6x + 6y + 3 = 0
- (B) x² + y² – 6x – 6y – 9 = 0
- (C) x² + y² – 6x – 6y + 9 = 0
- (D) इसमें से कोई नहीं
49. यदि एक वृत्त मूल बिन्दु एवं बिन्दु (2, 3) से जाता है और उसका वेंफद्र y-अक्ष पर है, तो वृत्त का समीकरण हैः-
- (A) x² + y² + 13y = 0
- (B) 3x² + 3y² + 13x + 3 = 0
- (C) 6x² + 6y² – 13x = 0
- (D) x² + y² + 13x + 3 = 0
50. एक वृत्त का केंद्र मूल बिन्दु पर है और यह एक ऐसे समबाहु त्रिभुज के शीर्षों से जाता है जिसकी माध्यिका की लम्बाई 3a है। वृत्त का समीकरण है-
- (A) x² + y² = 9a²
- (B) x² + y² = 16a²
- (C) x² + y² = 4a²
- (D) x² + y² = a2
(संकेत : त्रिभुज का केन्द्रक और वृत्त का केंद्र संपाती है। वृत्त की त्रिज्या, माध्यिका की लम्बाई का 2/3 गुना है।)
51. यदि किसी परवलय की नाभि (0, -3) है और इसकी नियता y = 3 है, तो इसका समीकरण हैः
- (A) x² = –12y
- (B) x² = 12y
- (C) y²= –12x
- (D) y²= 12x



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