गणित विषय की अच्छी तैयारी के लिए कक्षा 11 गणित के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – अनुक्रम तथा श्रेणी यहाँ प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे छात्र जो गणित विषय की परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते है उन्हें अपनी तैयारी के लिए यहाँ अनुक्रम तथा श्रेणी के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर मिल जाएंगे। महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर की जानकारी किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए आवश्यक होती है। इस पेज में NCERT Book के यूनिट 9 – अनुक्रम तथा श्रेणी के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।
श्रोत – राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद्
कक्षा: 11
विषय: गणित
अध्याय: यूनिट 9 – अनुक्रम तथा श्रेणी
कक्षा 11 गणित के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – अनुक्रम तथा श्रेणी
कक्षा 11 गणित विषय के यूनिट 9 – अनुक्रम तथा श्रेणी के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर यहाँ प्राप्त करें।
9.1 समग्र अवलोकन (Overview)
अनुक्रम से हमारा तात्पर्य है, किसी नियमानुसार संख्याओं का एक निश्चित क्रम में विन्यास। अनुक्रम के पदों को हम a1, a2, a3 , … , इत्यादि से निर्दिष्ट करते हैं जिसमें पदांक पद की स्थिति को निर्दिष्ट करते हैं।
उपर्युक्त के संदर्भ में अनुक्रम को किसी समुच्चय X में fn t n = ∀ ∈ N द्वारा परिभाषित प्रतिचित्रण अथवा फलन f : N → X क रूप में समझा जा सकता है। f का प्रांत प्राकृत संख्याओं का समुच्चय अथवा उपसमुच्चय है जो पदों की स्थिति को निर्दिष्ट करता है। यदि पदों के मान को निर्दिष्ट करने वाला इसका परिसर वास्तविक संख्याओं का उपसमुच्चय R है तो यह वास्तविक अनुक्रम कहलाता है।
पदों की संख्या के अनुसार अनुक्रम परिमित अथवा अपरिमित होता है। हमें यह आशा नहीं करनी चाहिए कि अनुक्रम के पद किसी विशिष्ट सूत्र से ही अवश्य प्रदत्त होंगे।
यद्यपि हम पदों को प्राप्त करने के लिए किसी सैद्धांतिक पद्धति अथवा नियम की आशा करते हैं। मान लीजिए, a₁, a₂, a₃, … , अनुक्रम हैं, तब, व्यंजक a₁ + a₂ + a₃ + … दिए हुए अनुक्रम से जुड़ी हुई श्रेणी कहलाती है। दिए हुए अनुक्रम के परिमित अथवा अपरिमित होने के अनुसार श्रेणी भी परिमित अथवा अपरिमित होती है।
टिप्पणीः श्रेणी का उपयोग करने पर यह निरूपित योग का बोध कराता है न कि स्वयं योग का। निश्चित पैटर्नों का अनुसरण करने वाले अनुक्रम श्रेणी कहलाते हैं। श्रेणी में प्रथम पद के अतिरिक्त प्रत्येक पद एक निश्चित तरीके से प्रगति करता है।
9.1.1 समान्तर श्रेणी (A.P.)
समांतर श्रेणी एक ऐसा अनुक्रम है जिसमें प्रथम पद के अतिरिक्त प्रत्येक पद उससे पूर्व पद में एक निश्चित संख्या (धनात्मक अथवा ऋणात्मक) जोड़ने पर प्राप्त होता है।


यदि किसी समांतर श्रेणी के पदों को समान अचर से जोड़ा घटाया, गुणा अथवा भाग कर दिया जाए तब भी वे पद समांतर श्रेणी में ही रहते हैं।
यदि a₁, a₂, a₃ + … एक ऐसा समांतर श्रेणी है जिसका सार्वअंतर d है, तो
(i) a₁ ± k, a₂ ± k, a₃ ± k, … भी सार्वअंतर d वाला एक समांतर श्रेणी होगा।

(iii) यदि किसी अनुक्रम का nवाँ पद n में एक रैखिक व्यंजक है तो वह अनुक्रम समांतर श्रेणी हैं।
(iv) यदि किसी अनुक्रम के nपदों का योग n में एक द्विघात व्यंजक है तो वह अनुक्रम समांतर श्रेणी है।
9.1.2 गुणोत्तर श्रेणी (G.P.)
गुणोत्तर श्रेणी एक ऐसा अनुक्रम है जिसमें प्रथम पद के अतिरिक्त प्रत्येक पद, उससे पूर्व पद को किसी निश्चित शून्येत्तर अचर से गुणा करने पर प्राप्त होता है। यह शून्येत्तर अचर सार्व अनुपात कहलाता है।

(i) यदि किसी गुणोत्तर श्रेणी के पदों को किसी शून्येत्तर अचर (k ≠ 0) से गुणा अथवा भाग कर दिया जाए तो इस प्रकार प्राप्त पद भी गुणोत्तर श्रेणी में होते हैं।


9.1.3 विशेष अनुक्रमों के योग से संबंधित महत्त्वपूर्ण परिणाम

9.2 हल किए हुए उदाहरण (Solved Examples)
लघु उत्तरीय (S.A.)
उदाहरण 1 किसी समांतर श्रेणी का प्रथम, द्वितीय एवं अंतिम पद क्रमशः a, b एवं c हैं। दर्शाइए कि

हल मान लीजिए कि समांतर श्रेणी के पदों की संख्या n तथा सार्वअंतर d है।
क्योंकि प्रथम पद a है तथा द्वितीय पद b है,
इसलिए d = b – a
यह भी ज्ञात है कि अंतिम पद c है, इसलिए
c = a + (n – 1) (b – a) (क्योंकि d = b – a)

उदाहरण 2 किसी समांतर श्रेणी का pवाँ पद a तथा qवाँ पद b है। सिद्ध कीजिए कि इसके

हल मान लीजिए कि समांतर श्रेणी का प्रथम पद A तथा सार्वअंतर D है।

उदाहरण 3 यदि किसी समांतर श्रेणी के पदों की संख्या (2n + 1) है तो सिद्ध कीजिए कि विषम
पदों के योग का समपदों के योग से अनुपात (n + 1) : n है।
हल मान लीजिए, समांतर श्रेणी का प्रथम पद a तथा सार्वअंतर d है। यह भी मान लीजिए कि जिस समांतर श्रेणी के पदों की संख्या (2n + 1) है उसके विषम पदों का योग S₁ है। तो

इसी प्रकार यदि सम पदों के योग को S₂ द्वारा निर्दिष्ट किया जाता है, तो

उदाहरण 4 प्रत्येक वर्ष के अंत में किसी मशीन का मूल्य उस वर्ष के प्रारंभिक मूल्य का 20% कम हो जाता है। यदि मशीन का प्रारंभिक मूल्य 1250 रुपये है तो 5 वर्ष के अंत में उसका मूल्य ज्ञात कीजिए।
हल :प्रत्येक वर्ष के अंत में मशीन का मूल्य पिछले वर्ष के मूल्य का 80% हो जाता है। इसलिए 5 वर्ष के अंत में मशीन के मूल्य का 5 बार अवमूल्यन होगा।
अतः हमें एक ऐसे गुणोत्तर श्रेणी का 6वाँ पद ज्ञात करना है जिसका प्रथम पद a₁ = 1250 है तथा सार्वअनुपात r = 8 है।
अतः 5 वर्ष के अंत में मशीन का मूल्य = t₆ = a₁ r⁵ = 1250 (.8)⁵ = 409.6
उदाहरण 5 समांतर श्रेणी a₁, a₂, a₃ … के प्रथम 24 पदों का योग ज्ञात कीजिए, यदि
a₁ + a₅ + a₁₀ + a₁₅ + a₂₀ + a₂₄ = 225 दिया हुआ है।
हल : हम जानते हैं कि किसी भी समांतर श्रेणी के प्रारंभ एवं अंत से समदूरस्थ पदों का योग समान होता है और यह प्रथम एवं अंतिम पद के योग के बराबर होता है।
इसलिए d = b – a
अर्थात् a₁ + a₂₄ = a₅ + a₂₀ = a₁₀ + a₁₅
दिया हुआ है कि ; (a₁ + a₂₄) + (a₅ + a₂₀) + (a₁₀ + a₁₅) = 225
⇒ (a₁ + a₂₄) + (a₁ + a₂₄) + (a₁ + a₂₄) = 225
⇒ 3 (a₁ + a₂₄) = 225
⇒ a₁ + a₂₄ = 75

उदारहण 6 समांतर श्रेणी बनाने वाली तीन संख्याओं का गुणनफल 224 है और सबसे बड़ी संख्या छोटी संख्या का सात गुना है। संख्याएँ ज्ञात कीजिए।
हल मान लीजिए समांतर श्रेणी की तीन संख्याएँ a – d, a, a + d (d > 0) हैं।
अब, (a – d) a (a + d) = 224
⇒ a (a2 – d2) = 224 … (1)
क्योंकि सबसे बड़ी संख्या सबसे छोटी संख्या से सात गुना है अर्थात् a + d = 7 (a – d)

उदाहरण 7 यदि x, y एवं z समांतर श्रेणी में हैं तो दर्शाइए कि (x² + xy + y²), (z² + xz + x²) एवं (y² + yz + z²) किसी समांतर श्रेणी के क्रमागत पद हैं।
हल: (x² + xy + y²), (z² + xz + x²) एवं (y² + yz + z²) समांतर श्रेणी में होंगे यदि
(z² + xz + x²) – (x² + xy + y²) = (y² + yz + z²) – (z² + xz + x²)
अर्थात् z² + xz – xy – y² = y² + yz – xz – x²
अर्थात् x² + z² + 2xz – y² = y² + yz + xy
अर्थात् (x + z)² – y² = y (x + y + z)
अर्थात् x + z – y = y
अर्थात् x + z = 2y
यह सत्य है क्योंकि x, y, z समांतर श्रेणी में हैं। अतः x² + xy + y², z² + xz + x, y² + yz + z² भी समांतर श्रेणी में हैं।
उदाहरण 8 यदि a, b, c, d गुणोत्तर श्रेणी में हैं तो सिद्ध कीजिए कि a² – b², b² – c, c² – d² भी गुणोत्तर श्रेणी में हैं।
हल: मान लीजए कि दी हुई गुणोत्तर श्रेणी का सार्वअनुपात r है।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (L.A.)
उदाहरण 9 यदि किसी समांतर श्रेणी के m पदों का योग अगले n पदों अथवा p पदों के योग के बराबर है, तो सिद्ध कीजिए कि




उदाहरण 11
(i) यदि चार विभिन्न धनात्मक राशियाँ a, b, c, d समांतर श्रेणी में हैं, तो सिद्ध कीजिए कि bc > ad
(ii) यदि चार विभिन्न धनात्मक राशियाँ a, b, c, d गुणोत्तर श्रेणी में हैं तो सिद्ध कीजिए कि a + d > b + c
हल
(i) क्योंकि a, b, c, d समांतर श्रेणी में हैं, इसलिए प्रथम तीन पदों के लिए A.M. > G.M

(1) तथा (2) को गुणा करने पर हम
b²c² > (ac) (bd) प्राप्त करते हैं।
⇒ bc > ad
(ii) क्योंकि a, b, c, d गुणोत्तर श्रेणी में है
प्रथम तीन पदों के लिए A.M. > G.M

(3) एवं (4) को जोड़ने पर हम
(a + c) + (b + d) > 2b + 2c प्राप्त करते हैं
⇒ a + d > b + c
उदाहरण 12 यदि a, b, c किसी समांतर श्रेणी के तीन क्रमागत पद हैं और x, y, z किसी गुणोत्तर श्रेणी के तीन क्रमागत पद हैं, तो सिद्ध कीजिए कि

हल: a, b, c समांतर श्रेणी के तीन क्रमागत पद हैं
इसलिए b – a = c – b = d (मान लीजिए)
c – a = 2d
a – b = – d


प्राकृत संख्याओं x, y के लिए संतुष्ट करता है एवं f (1) = 2 है, तो प्राकृत संख्या a ज्ञात कीजिए।
हल: दिया हुआ है कि
f (x + y) = f (x) . f (y) vkSj f (1) = 2
इसलिए , f (2) = f (1 + 1) = f (1) . f (1) = 2²
f (3) = f (1 + 2) = f (1) . f (2) = 2³
f (4) = f (1 + 3) = f (1) . f (3) = 2₄
और इस प्रकार इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए हम


वस्तुनिष्ठ प्रश्न
उदाहरण संख्या 14 से 23 तक में दिए हुए चार विकल्पों से सही उत्तर का चयन कीजिए।
उदाहरण 14 अनुक्रम को निम्नलिखित में से किस रूप में परिभाषित किया जा सकता हैः
(A) एक संबंध, जिसका परिसर ⊆ N (प्राकृत संख्याएं)
(B) एक फलन जिसका प्रांत ⊆ N
(C) एक फलन जिसका प्रांत ⊆ N
(D) वास्तविक मानों वाली श्रेणी।
हल: (C) सही उत्तर है। अनुक्रम को एक फलन f : N → X के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसका प्रांत ⊆ N
उदाहरण 15 यदि x, y, z धनात्मक पूर्णांक हैं तो व्यंजक (x + y) (y + z) (z + x) का मान हैः
(A) = 8xyz (B) > 8xyz (C) < 8xyz (D) = 4xyz
हल : (B) सही उत्तर है क्योंकि

उदाहरण 16 धनात्मक पदों की किसी गुणोत्तर श्रेणी का कोई भी पद अगले दो पदों के योग के समान है तो गुणोत्तर श्रेणी का सार्वअनुपात हैः
(A) sin 18° (B) 2 cos18° (C) cos 18° (D) 2 sin 18°
हल (D) सही उत्तर है क्योंकि


उदाहरण 17 किसी समांतर श्रेणी का pवाँ पद q है एवं (p + q)वाँ पद 0 है। उस श्रेणी का qवाँ पद हैः
(A) – p (B p (C) p + q (D) p – q
हल: (B) सही उत्तर है
मान लीजिए a और d क्रमशः प्रथम पद और सार्वअंतर हैं

उदाहरण 18 मान लीजिए कि किसी गुणोत्तर श्रेणी के तीन पदों का योग S है, गुणफल p है एवं
व्युत्क्रमों का योग R है, तो P² R³ : S³ बराबर हैः

उदाहरण 19 श्रेणी 3 + 7 + 11 + … एवं 1 + 6 + 11 + … का 10 वाँ उभयनिष्ठ पद निम्नलिखित में से कौन-सा है?
(A) 191 (B) 193 (C) 211 (D) इनमें से कोई नहीं
हल: (A) सही उत्तर है
प्रथम उभयनिष्ठ पद 11 है।
इससे अगला पद सार्वअंतर 4 एवं 5 के ल.स.व. अर्थात् 20 को जोड़ने पर प्राप्त होता है।
इसलिए 10वाँ उभयनिष्ठ पद = समांतर श्रेणी का T¹⁰ जिसमें a = 11 एवं d = 20.
T¹⁰ = a + 9 d = 11 + 9 (20) = 191
उदाहरण 20 एक गुणोत्तर श्रेणी में पदों की संख्या सम है। यदि सभी पदों का योग विषम पदों के योग का 5 गुना है, तो गुणोत्तर श्रेणी का सार्वअनुपात हैंः


9.3 प्रश्नावली
लघु उत्तरीय प्रश्न (S.A)
1. एक समांतर श्रेणी का प्रथम पद a है एवं प्रथम p पदों का योग शून्य है। दर्शाइए कि इसके

2. एक व्यक्ति 20 वर्ष में 66000 रुपये बचाता है। प्रथम वर्ष के पश्चात् प्रत्येक परवर्ती वर्ष में वह पिछले वर्ष की तुलना में 200 रुपये अधिक बचाता है। ज्ञात कीजिए कि वह व्यक्ति प्रथम वर्ष में कितने रुपये बचाता था?
3. एक व्यक्ति 5200 रुपये के प्रारंभिक वेतन पर किसी पद को स्वीकार करता है। अगले ही महीने से उसे प्रत्येक महीने 320 रुपये की वेतन वृद्धि प्राप्त होती है।
(a) उसका दसवें महीने का वेतन ज्ञात कीजए
(b) प्रथम वर्ष में उसने कुल कितना धन अर्जित किया?
4. यदि किसी गुणोत्तर श्रेणी के pवाँ एवं qवाँ पद क्रमशः q एवं p है तो सिद्ध कीजिए कि उस

5. एक बढ़ई को 192 खिड़कियों के फ्रेम तैयार करने के लिए काम पर रखा गया । प्रथम दिन उसने पाँच फ्रेम बनाये और उसके पश्चात् प्रतिदिन पिछले दिन की तुलना में 2 फ्रेम अधिक बनाए। ज्ञात कीजिए कि कार्य को पूरा करने में उसने कितने दिन लगाए?
6. हम जानते हैं कि त्रिभुज के अंतः कोणों का योग 180º होता है। सिद्ध कीजिए कि 3, 4, 5, 6 ………. भुजाओं वाले बहुभुजों के अंतः कोणों का योग एक समांतर श्रेणी बनाता है। 21भुजाओं वाले बहुभुज के अंतःकोणों का योग ज्ञात कीजिए।
7. एक समबाहु त्रिभुज की एक भुजा 20 सेमी लंबी है। प्रथम त्रिभुज की भुजाओं के मध्य बिंदुओं को मिलाकर एक दूसरी त्रिभुज पहली त्रिभुज के अंदर बनायी जाती है। यह प्रक्रम चलता ही रहता है तो इस प्रकार बनी हुई (छठी) अंतः समबाहु त्रिभुज का परिमाप ज्ञात कीजिए।
8. एक आलू दौड़ में 20 आलू एक ही पंक्ति में 4 मीटर के अंतराल पर रखे गये हैं जिसमें प्रथम आलू दौड़ शुरू होने वाले बिंदु से 24 मीटर की दूरी पर रखा गया है। एक प्रतिभागी को एक समय में एक आलू को उठाकर लाते हुए सभी आलुओं को वापस उस बिंदु पर लाना है जहाँ से दौड़ शुरू हुई है। सभी आलुओं को वापस लाने के लिए उसे कितनी दूरी तय करनी पड़ेगी।
9. किसी क्रिकेट टूर्नामेंट में 16 विद्यालयों की टीम हिस्सा लेती है। सभी टीमों के लिए पुरस्कार राशि के रूप में 8000 रुपये की राशि वितरित की जानी है। यदि अंतिम टीम को पुस्कार राशि के रूप में 275 रुपये दिए जाते हैं और बारी-बारी से आने वाली प्रत्येक टीम का पुरस्कार एक निश्चित राशि से बढ़ाया जाता है। ज्ञात कीजिए कि प्रथम स्थान पाने वाली टीम को कितनी राशि प्राप्त होगी?

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (L.A.)
13. किंहीं दो संख्याओं के बीच A समांतर माध्य है और G₁, G₂ दो गुणोत्तर माध्य हैं, तो सिद्ध कीजिए कि-

15. यदि किसी समांतर श्रेणी के p पदों का योग q है और q पदों का योग p है, तो सिद्ध कीजिए कि श्रेणी के p + q पदों का योग – (p + q) है। उस समांतर श्रेणी के प्रथम p – q (p > q) पदों का योग भी ज्ञात कीजिए।
16. किसी समांतर श्रेणी एवं गुणोत्तर श्रेणी दोनों के pवाँ, qवाँ एवं rवाँ पद क्रमशः a, b एवं c है, तो सिद्ध कीजिए कि-

वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न संख्या 17 से 26 तक प्रत्येक में दिए हुए चार विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए। (M.C.Q)

18. एक गुणोत्तर श्रेणी का तीसरा पद 4 है। इसके प्रथम पाँच पदों का गुणनपफल है-
(A) 4³ (B) 4⁴ (C) 4⁵ (D) इनमें से कोई नहीं
19. यदि किसी समांतर श्रेणी के 9वें पद का 9 गुना और उसके 13वें पद के 13 गुना के बराबर है, तो उस समांतर श्रेणी का 22वाँ पद है-
(A) 0 (B) 22 (C) 220 (D) 198
20. यदि x, 2y, 3z समांतर श्रेणी में हैं जबकि x, y, z गुणोत्तर श्रेणी में हैं, तो गुणोत्तर श्रेणी का सार्वअनुपात है-
(A) 3 (B) 1/3 (C) 2 (D)1/ 2

26. लकड़ी के ठोस आयताकार खंड के तीन असमान किनारों की लंबाई गुणोत्तर श्रेणी में है। उस लकड़ी के खंड का आयतन 216 घन सेमी एवं कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल 252 वर्ग सेमी है। सबसे लंबे किनारे की लंबाई है।
(A) 12 cm (B) 6 cm (C) 18 cm (D) 3 cm
प्रश्न संख्या 27 से 29 तक रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

28. किसी समांतर श्रेणी के प्रारंभ एवं अंत से समदूरस्थ पदों का योग। ………………….के समान है।
29. एक गुणोत्तर श्रेणी का तीसरा पद 4 है, तो प्रथम पाँच पदों का गुणनफल। ………………. है।
बताइए, प्रश्न संख्या 30 से 34 तक में दिए हुए कथन सत्य हैं अथवा असत्य हैं।
30. दो अनुक्रम एक साथ समांतर श्रेणी एवं गुणोत्तर श्रेणी नहीं हो सकते है।
31. प्रत्येक श्रेणी एक अनुक्रम होता हैं परंतु यह आवश्यक नहीं है कि प्रत्येक अनुक्रम एक श्रेणी होता है।
32. किसी समांतर श्रेणी के प्रथम पद के अतिरिक्त कोई भी पद स्वयं से समदूरस्थ पदों के योग के आधे के समान होता है।
33. दो गुणोत्तर श्रेणियों का योग अथवा अंतर भी एक गुणोत्तर श्रेणी होता है।
34. यदि किसी अनुक्रम के n पदों का योग एक द्विघात व्यंजक है तो वह अनुक्रम हमेशा एक समांतर श्रेणी को निरुपित करता है।
स्तंभ I में दिए हुए प्रश्नों का स्तंभ II में दिए हुए उत्तरों में से सही उत्तर के साथ मिलान कीजिएः

उत्तरमाला अध्याय 9 (अनुक्रम तथा श्रेणी)

इस पेज पर दिए गए कक्षा 11 गणित के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – अनुक्रम तथा श्रेणी की सहायता से छात्रों की तैयारी अच्छे तरीके से हो सकती है। परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए और अपनी तैयारी सुदृढ़ तरीके से करने के लिए छात्र इस पेज पर दिए गए महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तरों को देख सकते हैं।
कक्षा 11 गणित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
To get fastest exam alerts and government job alerts in India, join our Telegram channel.