भौतिक विज्ञान विषय की अच्छी तैयारी के लिए कक्षा 11 भौतिक विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – कार्य, ऊर्जा और शक्ति यहाँ प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे छात्र जो भौतिक विज्ञान विषय की परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते है उन्हें अपनी तैयारी के लिए यहाँ कार्य, ऊर्जा और शक्ति के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर मिल जाएंगे। महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर की जानकारी किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए आवश्यक होती है। इस पेज में NCERT Book के यूनिट 6 – कार्य, ऊर्जा और शक्ति के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।
श्रोत – राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद्
कक्षा: 11
विषय: भौतिक विज्ञान
अध्याय: यूनिट 6 – कार्य, ऊर्जा और शक्ति
कक्षा 11 भौतिक विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – कार्य, ऊर्जा और शक्ति
कक्षा 11 भौतिक विज्ञान विषय के यूनिट 6 – कार्य, ऊर्जा और शक्ति के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर यहाँ प्राप्त करें।
बहु विकल्पीय प्रश्न I (MCQ I)
6.1- एक इलेक्ट्राॅन एवं एक प्रोटाॅन पारस्परिक बलों के प्रभाव से गतिमान हैं। गति के दौरान इस तंत्र की गतिज ऊर्जा के परिवर्तन की गणना करते समय हम एक के द्वारा दूसरे पर लगने वाले चुंबकीय बलों की उपेक्षा कर देते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि,
(a) दोनों चुंबकीय बल परिमाण में बराबर और दिशाओं में विपरीत होते हैं इसलिए वे कोई नेट (परिणामी) प्रभाव उत्पन्न नहीं करते।
(b) चुंबकीय बल इन दोनों में से किसी भी कण पर कोई कार्य नहीं करते।
(c) चुंबकीय बल प्रत्येक कण पर बराबर (परंतु शून्येतर) और विपरीत कार्य करते हैं।
(d) चुंबकीय बल अनिवार्यतः नगण्य होते हैं।
6.2- एक प्रोटाॅन विरामावस्था में रखा गया है। इसके क्षेत्र में एक अन्य धन आवेशयुक्त कण, इससे d दूरी पर विराम अवस्था में ही विमुक्त किया जाता है। दो प्रयोगों पर विचार
कीजिए– पहला वह जिसमें दूसरा आवेशित कण भी प्रोटाॅन ही है और दूसरा वह जिसमें दूसरा धन आवेशित कण पाॅजिट्राॅन है। समान समय t में दोनों गतिमान कणों पर किया गया कार्य-
(a) समान है क्योंकि इन दो प्रयोगों में एक ही बल नियम लागू होता है।
(b) पाॅजिट्राॅन के प्रकरण में कम होता है क्योंकि पाॅजिट्राॅन अधिक तीव्र गति से प्रतिकर्षित होता है और उस पर बल कम हो जाता है।
(c) पाॅजिट्राॅन के प्रकरण में अधिक होता है क्योंकि पाॅजिट्राॅन अधिक दूरी तक प्रतिकर्षित होता है।
(d) उतना ही होता है जितना अवेशित कण द्वारा स्थिर प्रोट्राॅन पर किया गया कार्य।
6.3- जमीन पर उकड़ू बैठा हुआ एक व्यक्ति उठकर सीधा खड़ा होता है। इस प्रक्रिया में व्यक्ति पर लगने वाला पृथ्वी का प्रतिक्रिया बल-
(a) अपरिवर्तित रहता है और परिमाण में mg के बराबर होता है।
(b) अपरिवर्तित रहता है और परिमाण में mg से अधिक होता है।
(c) प्रारंभ परिवर्ती परंतु परिमाण में सदैव mg से अधिक
(d) प्रारंभ में mg से अधिक होता है परंतु बाद में mg के बराबर हो जाता है।
6.4- एक बाइसिकल सवार ब्रेक लगाने के बाद 10 m की दूरी फिसलते हुए जा सकता है। इस प्रक्रिया में सड़क द्वारा बाइसिकल पर लगाया गया बल 200N है और गति के ठीक विपरीत दिशा में लगता है। साइकिल द्वारा सड़क पर किया गया कार्य है-
(a) + 2000J
(b) – 200J
(c) शून्य
(d) – 20,000J
5.5- एक पिंड निर्वात में केवल गुरुत्व के अधीन स्वतंत्रातापूर्वक गिर रहा है। इसके गिरने के दौरान निम्नलिखित में से कौन-सी राशि अचर रहती है?
(a) गतिज ऊर्जा
(b) स्थितिज ऊर्जा
(c) कुल यांत्रिक ऊर्जा
(d) कुल रेखीय संवेग
6.6- दो पिंडों के बीच होने वाले अप्रत्यास्थ संघट्ट के दौरान निम्नलिखित में से कौन-सी राशि सदैव संरक्षित रहती है-
(a) कुल गतिज ऊर्जा
(b) कुल यांत्रिक ऊर्जा
(c) कुल रेखीय संवेग
(d) प्रत्येक पिंड की चाल
6.7- दो घर्षण विहीन नत पथों में से एक दूसरे की अपेक्षा, क्षैतिज से कम कोण पर झुका है। ये दोनों पथ बिंदु A पर मिलते हैं, जहाँ से दो पत्थर विरामावस्था से छोड़े जाते हैं, जिनमें से प्रत्येक पत्थर अलग पथ पर फिसलता है जैसा चित्र में दर्शाया गया है। निम्नलिखित में कौन-सा कथन सत्य है?

(a) दोनों पत्थर एक ही क्षण पर तलों के आधार पर पहुँचते हैं परंतु वहाँ उनकी चाल समान नहीं होती।
(b) दोनों पत्थर, तलों के आधार पर एक ही चाल से पहुँचते हैं और पत्थर I, पत्थर II से पहले पहुँचता है।
(c) दोनों पत्थर तलों के आधार पर एक ही चाल से पहुँचते हैं और पत्थर II, पत्थर I से पहले पहुँचता है।
(d) दोनों पत्थर तलों के आधार पर अलग-अलग समय पर तथा अलग-अलग वेग से पहुँचते हैं।

6.9- दो सर्वसम बाॅल बियरिंग एक घर्षण विहीन मेज पर एक दूसरे के संपर्क में विरामावस्था में रखे हैं, और समान द्रव्यमान का एक तीसरा बाॅल बियरिंग V चाल से चलता हुआ
आकर इनसे सम्मुख संघट्ट करता है जैसा चित्र में दर्शाया गया है।

यदि संघट्ट प्रत्यास्थ हो तो नीचे दिए गए चित्र में दर्शायी गई कौन-सी स्थिति संघट्ट के पश्चात संभव है?

6.10- 0.5 kg द्रव्यमान का एक पिंड एक सरल रेखा में v = a x³⁄² वेग से गतिमान है जहाँ a = 5 m⁻¹/²s⁻¹ है। इसके x = 0 से x = 2 m तक विस्थापन में कुल बल द्वारा किया गया कार्य है-
(a) 1.5 J
(b) 50 J
(c) 10 J
(d) 100 J
6.११- एक पिंड किसी नियत शक्ति प्रदायक ऊर्जा स्रोत के प्रभाव में एक ही दिशा में चल रहा है। चित्र में कौन-सा आरेख इसकी गति का सही विस्थापन-समय ग्राफ है?

6.12- चित्र में दर्शाये गये आरेखों में से कौन-सा आरेख सूर्य के चारों ओर दीर्घ वृत्ताकार कक्षा में घूमती हुई पृथ्वी की एक परिक्रमा में गतिज ऊर्जा में परिवर्तन का निकटतम निरूपण करता है?

6.13- चित्र में दर्शाए गए आरेखों में से कौन-सा आरेख वायु में दोलन करते हुए किसी लोलक की कुल यांत्रिक ऊर्जा में समय के साथ होने वाले परिवर्तन का सही निरूपण
करता है?

5.14- 5 kg द्रव्यमान का एक पिंड 1 m त्रिज्या के वृत्ताकार पथ पर गतिमान है। यदि यह पिंड प्रति मिनट 300 चक्कर लगाता हो तो इसकी गतिज ऊर्जा होगी-
(a) 250π²
(b) 100π²
(c) 5π²
(d) 0
5.15- एक वर्षा की बूँद जो पृथ्वी के ऊपर की ऊँचाई से गिरना प्रारंभ करती है। (3/4)h ऊँचाई से गिरने के बाद अंतिम वेग (Terminal Velocity) प्राप्त कर लेती है। चित्र में
दर्शाए गए आरेखों में से कौन-सा आरेख इस बूँद के भू-पृष्ठ तक गिरने में इसकी गतिज तथा स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तनों को सही प्रकार दर्शाता है?

5.16- गोला फेंकने की प्रतियोगिता में एक खिलाड़ी 10 kg द्रव्यमान के एक गोले को 1m s⁻¹ के आरंभिक वेग से पृथ्वी से 1.5 मीटर की ऊँचाई से 45° पर फेंकता है। यह
मानते हुए कि वायु प्रतिरोध नगण्य है एवं गुरुत्व के कारण त्वरण 10m s⁻² है, जब गोला पृथ्वी पर गिरता है तो इसकी गतिज ऊर्जा होती है-
(a) 2.5 J
(b) 5.0 J
(c) 52.5 J
(d) 155.0 J
6.17- चित्र में कौन-सा आरेख किसी झील में स्वतंत्रातापूर्वक गिरते हुए लोहे के गोले की गतिज ऊर्जा के परिवर्तन का सही निरूपण करता है जबकि झील की गहराई इतनी है कि गोला अंतिम वेग (Terminal Velocity) प्राप्त कर सकता है-

6.18- 126 km h⁻¹ की चाल से चलती हुई 150 g द्रव्यमान की एक क्रिकेट गेंद, बल्लेबाज द्वारा दृढ़तापूर्वक पकड़े गए बल्ले के बीचों-बीच टकराती है। बल्ले से टकराकर गेंद सीधे गेंदबाज की ओर लौट जाती है। यह मानते हुए कि गेंद और बल्ले के बीच संघट्ट पूर्णतः प्रत्यास्थ है और ये दोनों 0.001s के लिए पारस्परिक संपर्क में रहते हैं, वह बल जो
बल्लेबाज को अपना बल्ला दृढ़तापूर्वक पकड़े रहने के लिए लगाना आवश्यक है, वह है-
(a) 10.5 N
(b) 21 N
(c) 1.05 ×10⁴ N
(d) 2.1 × 10⁴ N
बहु विकल्पीय प्रश्न II (MCQ II)
6.19- m द्रव्यमान का एक व्यक्ति L ऊँचाई की सीढ़ी के आधार पर खड़ा होता है। फिर वह सीढ़ी पर चढ़कर इसके शीर्ष पर खड़ा हो जाता है।
(a) व्यक्ति पर लगे सभी बलों द्वारा किया गया कार्य उसकी स्थितिज ऊर्जा में वृद्धि mgL के बराबर होता है।
(b) व्यक्ति पर लगे कुल बलों द्वारा किया गया कार्य शून्य होता है। (c) व्यक्ति पर लगे गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा किया गया कार्य mgL है।
(d) सीढ़ी की किसी पौढ़ी द्वारा लगाए गए प्रतिक्रिया बल द्वारा कोई कार्य नहीं होता क्योंकि बल तो विद्यमान होता है, किन्तु जिस बिंदु पर बल लगता है, वह बिंदु स्थानांतरित नहीं होता।
6.20- m द्रव्यमान की एक गोली बंदूक की नली से क्षैतिज से 30° का कोण बनाते हुए v वेग से बाहर आती है। गोली धरातल से h ऊँचाई पर रखे एक कोमल लक्ष्य से नीचे की ओर आते हुए टकराती है और जिस गतिज ऊर्जा से लक्ष्य से टकराती है उसकी आधी गतिज ऊर्जा से इसके बाहर निकलती है। लक्ष्य से बाहर निकलने पर गोली के विषय में
निम्नलिखित में कौन-से कथन सत्य हैं?
(a) गोली का वेग इसके प्रारंभिक वेग का आधा होगा?
(b) गोली का वेग इसके प्रारंभिक वेग के आधे से अधिक होगा?
(c) गोली उस ही परिवलियक पथ पर चलती रहेगी।
(d) गोली एक भिन्न परिवलियक पथ पर चलेगी।
(e) लक्ष्य से टकराने के बाद गोली उर्ध्वाधरतः नीचे की ओर गिरेगी।
(f) लक्ष्य के कणों की आंतरिक ऊर्जा में वृद्धि हो जाएगी।
6.21- दो ब्लाॅक M₁ और M₂ जिनके द्रव्यमान बराबर हैं एक क्षैतिज, घर्षणविहीन सतह पर चलने के लिए स्वतंत्र हैं। M₂ के साथ एक द्रव्यमानविहीन स्प्रिंग जुड़ा है जैसा चित्र में दर्शाया गया है। प्रारंभ में M₂ विराम अवस्था में है और M₁, M₂ की ओर v₁ वेग से चल रहा है और इससे सम्मुख संघट्ट करता है-

(a) जब स्प्रिंग पूर्णतः संपीड़ित है तो M₁ की संपूर्ण गतिज ऊर्जा स्प्रिंग की स्थितिज ऊर्जा PE के रूप में संग्रहित हो जाती है।
(b) जब स्प्रिंग पूर्णतः संपीड़ित होता है तो इस निकाय का संवेग संरक्षित नहीं होता यद्यपि अंतिम संवेग प्रारंभिक संवेग के बराबर होता है।
(c) यदि स्प्रिंग द्रव्यमान रहित है तो M₁ की अंतिम अवस्था विराम की अवस्था है।
(d) यदि वह पृष्ठ जिस पर ब्लाॅक चल रहे हैं घर्षणयुक्त हैं तो संघट्ट प्रत्यास्थ नहीं हो सकता है।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (VSA)
6.22- एक खुरदरा आनत समतल एक गाड़ी पर रखा है जो क्षैतिज भूमि पर नियत वेग न से गतिमान है। M द्रव्यमान का एक ब्लाॅक आनत समतल पर रखा है। क्या ब्लाॅक और आनत समतल के बीच लगने वाले घर्षण बल द्वारा कोई कार्य होता है? क्या तब ऊर्जा का कोई क्षय होता है?
6.23- एलिवेटर जहाँ नीचे की ओर आता है तो इसे विद्युत शक्ति की आवश्यकता क्यों होती है? इस स्थिति में यात्रियों की संख्या सीमित क्यों होनी चाहिए?
6.24- एक पिंड को पृथ्वी की सतह से h ऊँचाई तक ऊपर उठाया जा रहा है, तो
(a) लगाए गए बल तथा
(b) गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा किए गए कार्य का चिन्ह क्या है?
6.25- एक सीधी क्षैतिज सड़क पर गतिमान कार द्वारा गुरुत्व के विरुद्ध किये गये कार्य की गणना
कीजिए। कार का द्रव्यमान 400kg तथा चली गई दूरी 2 m है।
6.26- एक पिंड वायु में पृथ्वी की ओर गिरता है। क्या गिरने के दौरान इसकी कुल यांत्रिक ऊर्जा संरक्षित रहती है? अपने उत्तर के समर्थन में तर्क दीजिए।
6.27- एक पिंड एक बंद लूप पर चलता है। क्या पिंड के चलने में किया गया कार्य अनिवार्यतः शून्य होता है? यदि नहीं तो वह शर्तें बताइए जिनके अंतर्गत बंद पथ पर चलने में किया गया कार्य सदैव शून्य होता है।
6.28- बिलियर्ड की दो गेंदों के प्रत्यास्थ संघट्ट में निम्नलिखित में से कौन-सी राशि गेंदों के
संघट्ट के अल्पकाल में (अर्थात जब वे दोनों संपर्क में रहते हैं) संरक्षित रहती है?
(a) गतिज ऊर्जा
(b) कुल रेखीय संवेग
प्रत्येक स्थिति में अपने उत्तर के लिए तर्क दीजिए।
6.29- उस क्रेन की शक्ति वाट में परिकलित कीजिए जो 100 kg द्रव्यमान के एक पिंड को 20s में 10 m की ऊँचाई तक ऊपर उठाती है।
6.30- एक बार धड़कने में मानव हृदय औसतन 0.5 J कार्य करता है। यदि हृदय 1 मिनट में 72 बार धड़कता है तो इसकी शक्ति की गणना कीजिए।
6.31- एक ऐसी स्थिति का उदाहरण बताइए जिसमें लगाए गए बल के कारण गतिज ऊर्जा में परिवर्तन नहीं होता।
6.32- असमान द्रव्यमान के दो पिंड एक ही दिशा में समान गतिज ऊर्जा से गतिमान हैं। दोनों पिंडों पर बराबर परिमाण का बल लगाकर उन्हें विरामावस्था में लाया गया है। विरामावस्था में आने तक उनके द्वारा चली गई दूरियों की तुलना कीजिए।
6.33- L लंबाई की हल्की डोरी से लटका हुआ m द्रव्यमान का एक लोलक चित्र में
दर्शाए अनुसार एक ऊर्ध्वाधर वृत्त में घुमाया जाता है। कण का गमन पथ क्या होगा जब
डोरी को उस समय काट दिया जाता है जब यह,
(a) बिंदु B पर है।
(b) बिंदु C पर है।
(c) बिंदु X पर है।
लघु उत्तरीय प्रश्न (SA)
6.34- स्थितिज ऊर्जा V ( x ) और दूरी x के बीच ग्राफ चित्र में दर्शाया गया है। यहाँ E₀ ऊर्जा का एक कण गति कर रहा है। एक पूर्ण चक्र AFA के संगत वेग एवं दूरी तथा गतिज
ऊर्जा एवं दूरी के बीच ग्राफ खींचिए।
6.35- m द्रव्यमान की 2v₀ वेग से चलती हुई एक गेंद विरामावस्था में रखी हुई एक अन्य सर्वसम
गेंद से अप्रत्यास्थ (e > 0) रूप से टकराती है। दर्शाइए कि,
(a) सम्मुख संघट्ट होने पर दोनों गेंदें आगे चलेंगी।
(b) सामान्य संघट्ट में, संघट्ट के पश्चात् प्रकीर्णित गेंदों के वेगों के बीच कोण 90° से कम होगा।
6.36- माना कि एक कण जिसकी कुल ऊर्जा E है एक विमीय गति कर रहा है। चार A, B, C एवं D क्षेत्रों में स्थिैतिज ऊर्जा V, गतिज ऊर्जा (K) तथा कुल ऊर्जा E के बीच संबंध नीचे दिए गए हैं-
क्षेत्र A : V > E
क्षेत्र B : V < E
क्षेत्र C : K > E
क्षेत्र D : V > K
प्रत्येक क्षेत्र के लिए कारण सहित समझाइए कि कण का दिए गए क्षेत्र में पाया जाना संभव है या नहीं।
6.37- किसी लोलक का गोलक A क्षैतिज स्थिति से विमुक्त किए जाने पर लटकन बिंदु के उर्ध्वाधरतः नीचे मेज पर विरामावस्था में स्थित समान द्रव्यमान के एक अन्य गोलक
B से टकराता है जैसा चित्र में दर्शाया गया है। लोलक की लंबाई 1 m है, तो परिकलन कीजिए-

(a) उस ऊँचाई की जिस तक संघट्ट के पश्चात् गोलक A जाएगा।
(b) उस चाल की जिससे गोलक B चलना प्रारंभ करेगा।
गोलकों के साइज की उपेक्षा कर सकते हैं और संघट्ट को पूर्णतः प्रत्यास्थ माना जा सकता है।
6.38- 1.00 g द्रव्यमान की एक वर्षा की बूँद 1 km ऊँचाई से गिरती है और भूतल पर 50 m s⁻¹ की चाल से टकराती है। गणना कीजिए-
(a) बूँद की स्थिैतिज ऊर्जा में हुई क्षति की।
(b) बूँद की गतिज ऊर्जा में वृद्धि की।
(c) क्या स्थिैतिज ऊर्जा की क्षति गतिज ऊर्जा की वृद्धि के बराबर है? यदि नहीं तो क्यों? ( g = 10 m s⁻² ले सकते हैं)
6.39- समान लंबाई और सर्वसम गोलकों से युक्त दो लोलक एक उभयनिष्ठ आधार से इस प्रकार लटकाए गए हैं कि विरामावस्था में दोनों गोलक संपर्क में रहते हैं। (चित्र के अनुसार)। एक लोलक को 10° पर विस्थापित करके छोड़ दिया जाता है और यह दूसरे गोलक से प्रत्यास्थ सम्मुख संघट्ट करता है।

(a) दोनों गोलकों की गति का वर्णन कीजिए।
(b) 0 2 ≤ ≤ t T के लिए, समयके के साथ प्रत्येक लोलक की ऊर्जा का परिवर्तन दर्शाने के लिए ग्राफ बनाइए। जहाँ T प्रत्येक लोलक का दोलन काल है।
6.40- माना कि वर्षा की बूँदों का औसत द्रव्यमान 3.0 × 10⁻⁵kg तथा उनका औसत अंतिम 9 m s⁻¹ है। किसी स्थान पर जहाँ वर्ष में 100 cm वर्षा पड़ती है प्रति वर्ग मीटर क्षेत्र में वर्षा द्वारा हस्तांतरित ऊर्जा का परिकलन कीजिए।
6.41- एक इंजन और एक वैगन को 1.5m लंबाई का प्रघात अवशोषक लगाकर जोड़ा गया है। 50,000 kg कुल द्रव्यमान का यह निकाय उस समय 36km h⁻¹ के वेग से चल रहा था जब इसे रोकने के लिए इस पर ब्रेक लगाए गए। विराम में लाने के प्रक्रम में प्रघात अवशोषक का स्प्रिंग 1.0 m संपीड़ित होता है। यदि वैगन की 90% ऊर्जा घर्षण के कारण क्षयित हो जाए तो स्प्रिंग नियतांक का परिकलन कीजिए।
6.42- 600 N भार का एक प्रौढ़ व्यक्ति जाॅगिंग करते समय 1 m लंबाई का प्रत्येक कदम रखने में अपने शरीर के गुरुत्व केंद्र को 0.25 m ऊपर उठाता है। यदि वह 6km की दूरी तक जाॅगिंग करता है तो यह मानते हुए कि हवा और पृथ्वी के घर्षण के कारण कोई ऊर्जा क्षति नहीं होती। उस व्यक्ति के द्वारा जाॅगिंग में व्यय की गई ऊर्जा का परिकलन कीजिए। यदि यह मान लें कि व्यक्ति के शरीर में भोजन के रूप में ग्रहण की गई ऊर्जा वेफ 10% को परिवर्तित करने की क्षमता है तो जाॅगिंग में प्रयुक्त ऊर्जा की पूर्ति के लिए आवश्यक तुल्य खाद्य की गणना कीजिए।
6.43- एक लीटर पेट्रोल के पूर्ण दहन पर 3×10⁷ J के तुल्य ऊष्मा प्राप्त होती है। ड्राइवर सहित 1200 km द्रव्यमान की कार को चलाने के परीक्षण में यह पाया गया कि एक सीधी सड़क पर समान चाल से चलने पर यह 1 लीटर पेट्रोल में 15 km चलती है। यह मानते हुए कि इस परीक्षण के दौरान सड़क की सतह और हवा के कारण घर्षण एक समान रहता है और कार के इंजन की दक्षता 0.5 है। कार के ऊपर लगने वाले घर्षण बल की गणना कीजिए।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (LA)
6.44- क्षैतिज से 30° के कोण पर झुके एक समतल पृष्ठ पर 1 kg द्रव्यमान का एक ब्लाॅक
इस आनत समतल के पृष्ठ के समांतर 10 N का बल लगाकर ऊपर की ओर धकेला
जाता है। नीचे दिए चित्र के अनुसार)। ब्लाॅक एवं आनत समतल के बीच घर्षण गुणांक 0.1 है। यदि
ब्लाॅक आनत समतल के अनुदिश 10 m की दूरी तक धकेला जाए तो, परिकलन
कीजिए-

(a) गुरुत्व के विरुद्ध किए गए कार्य की।
(b) घर्षण बल के विरुद्ध किए गए कार्य की।
(c) स्थिैतिज ऊर्जा में हुई वृद्धि की।
(d) गतिज ऊर्जा में हुई वृद्धि की।
(e) लगाये गये बल द्वारा किये गये कार्य की।
6.45- नीचे दिए गए चित्र में एक वक्र पृष्ठ दर्शाया गया है। इसका BCD भाग घर्षणरहित है। सर्वसम त्रिज्याओं और द्रव्यमानों की तीन गोलाकार गेंदें दी गई हैं। गेंदों को एक-एक करके बिंदु A से विरामावस्था में छोड़ा जाता है। बिंदु A बिंदु C से कुछ अधिक ऊँचाई पर है।

पृष्ठ AB के साथ गेंद-1 का घर्षण इतना अधिक है कि यह इस पर फिसले बिना लुढ़कती है; गेंद-2 का घर्षण कम है और गेंद-3 का घर्षण नगण्य है-
(a) किन गेंदों के लिए कुल यांत्रिक ऊर्जा संरक्षित रहती है?
(b) कौन-सी गेंदें बिंदु D तक पहुँच पाती हैं?
(c) जो गेंदें D तक नहीं पहुँच पाती उनमें से कौन-सी गेंदें वापस A पर लौट पाती हैं?

6.47- दो सर्वसम स्टील के बने घनाकार ठोस (द्रव्यमान 50g, भुजा 1cm) प्रत्येक 10cm/s⁻¹ की चाल से आकर पृष्ठ से पृष्ठ मिलाते हुए सम्मुख संघट्ट करते हैं।
प्रत्येक घन में होने वाले अधिकतम संपीडन की गणना कीजिए। स्टील के लिए यंग प्रत्यास्थता गुणांक, Y= 2 × 1011 N/m² है।
6.48- हीलियम से भरा गुब्बारा गुरुत्व के विरुद्ध ऊपर उठता है। जिससे इसकी स्थिैतिज ऊर्जा में वृद्धि हो जाती है। जैसे-जैसे गुब्बारा ऊपर जाता है इसकी चाल भी बढ़ जाती है। इस प्रेक्षण का तालमेल आप यांत्रिक ऊर्जा संरक्षण के नियम से कैसे बैठाएंगे? आप वायु के श्यान कर्षण की उपेक्षा कर सकते हैं और यह मान सकते हैं कि इसका घनत्व नहीं
बदलता।
उत्तरमाला अध्याय 6 (कार्य, ऊर्जा और शक्ति)











इस पेज पर दिए गए कक्षा 11 भौतिक विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – कार्य, ऊर्जा और शक्ति की सहायता से छात्रों की तैयारी अच्छे तरीके से हो सकती है। परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए और अपनी तैयारी सुदृढ़ तरीके से करने के लिए छात्र इस पेज पर दिए गए महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तरों को देख सकते हैं।
कक्षा 11 भौतिक विज्ञान प्रश्न उत्तर
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