रसायन विज्ञान विषय की अच्छी तैयारी के लिए कक्षा 12 रसायन विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – तत्वों के पृथक्करण के सामान्य सिद्धांत एवं प्रक्रम यहाँ प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे छात्र जो रसायन विज्ञान विषय की परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते है उन्हें अपनी तैयारी के लिए यहाँ तत्वों के पृथक्करण के सामान्य सिद्धांत एवं प्रक्रम के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर मिल जाएंगे। महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर की जानकारी किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए आवश्यक होती है। इस पेज में NCERT Book के यूनिट 6 – तत्वों के पृथक्करण के सामान्य सिद्धांत एवं प्रक्रम के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।
श्रोत: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद्
कक्षा: 12
विषय: रसायन विज्ञान
अध्याय: यूनिट 6 – तत्वों के पृथक्करण के सामान्य सिद्धांत एवं प्रक्रम
कक्षा 12 रसायन विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – तत्वों के पृथक्करण के सामान्य सिद्धांत एवं प्रक्रम
कक्षा 12 रसायन विज्ञान विषय के यूनिट 6 – तत्वों के पृथक्करण के सामान्य सिद्धांत एवं प्रक्रम के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर यहाँ प्राप्त करें।
I. बहुविकल्प प्रश्न (प्ररूप-I)
1 लवण-जल क्लोरीन के वैद्युत अपघटन द्वारा निष्कर्षण में __________ ।
(i) Cl⁻ आयन का क्लोरीन गैस में ऑक्सीकरण होता है।
(ii) Cl⁻ आयन का क्लोरीन गैस में अपचयन होता है।
(iii) समग्र अभिक्रिया के लिए ∆G का मान ऋणात्मक होता है।
(iv) विस्थापन अभिक्रिया होती है।
2. परावर्तनी भट्टी में कॉपर अयस्क को सिलिका के साथ मिलाने पर कॉपर मैट बनता है। कॉपर मैट में __________ होते हैं।
(i) कॉपर (II) और आयरन (II) के सल्फाइड।
(ii) कॉपर (II) और आयरन (III) के सल्फाइड।
(iii) कॉपर (I) और आयरन (II) के सल्फाइड।
(iv) कॉपर (I) और आयरन (III) के सल्फाइड।
3. निम्नलिखित अभिक्रियाओं में से कौन-सी स्वतः अपचयन का एक उदाहरण है।
(i) Fe₃O₄ + 4CO →3Fe + 4CO₂
(ii) CU₂O + C →2Cu + CO
(iii) CU²⁺ (aq) + Fe (s) →Cu (s) + Fe²⁺ (aq)
(iv) CU₂O + 1/2 CU₂S →3Cu + 1/2 SO₂
4. भूपर्पटी में बहुत से तत्व उपलब्ध हैं परन्तु सबसे अधिक प्रचुरता से उपलब्ध तत्व हैं-
(i) Al और Fe
(ii) Al और Cu
(iii) Fe और Cu
(iv) Cu और Ag
5. मंडल-परिष्करण इस सिद्धांत पर आधारित है कि __________ ।
(i) निम्न क्वथनांक वाली धातुओं की अशुद्धियाँ आसवन द्वारा पृथक की जा सकती है।
(ii) अशुद्धियाँ ठोस धातु की अपेक्षा गलित धातु में अधिक घुलनशील होती हैं।
(iii) किसी मिश्रण के विभिन्न अवयव किसी अधिशोषक पर अलग-अलग अधिशोषित होते हैं।
(iv) वाष्पशील यौगिक के वाष्प को शुद्ध धातु में वियोजित किया जा सकता है।
6. सल्फाइड अयस्क से कॉपर के निष्कर्षण में, CU₂O का अपचयन किस अपचायक द्वारा करके धातु प्राप्त की जाती है।
(i) FeS
(ii) CO
(iii) CU₂S
(iv) SO₂
7. लवण-जल का वैद्युत अपघटन अक्रिय इलेक्ट्रोडों का उपयोग करके किया जाता है। ऐनोड पर होने वाली अभिक्रिया है __________ ।
(i) Cl⁻ (aq.) →1/2 Cl₂ (g) + e⁻ ; ECell = 1.36V
(ii) 2H₂O (l)→ O₂(g) + 4H⁺ + 4e⁻; ECell = 1.23V
(iii) Na + (aq.) + e⁻ → Na(s) ; ECell = 2.71V
(iv) H⁺ (aq.) + e →1/2H₂ (g) ; ECell = 0.00V
8. ऐलुमिनियम के धातुकर्म में __________ ।
(i) Al³⁺, ऐलुमिनियम में आक्सीकृत होता है।
(ii) ग्रैफाइट ऐनोड कार्बन मोनोक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड में आक्सीकृत होता है।
(iii) ऐनोड पर ऑक्सीजन की ऑक्सीकरण अवस्था परिवर्तित हो जाती है।
(iv) प्रक्रिया की समग्र अभिक्रिया में ऑक्सीजन की आक्सीकरण अवस्था परिवर्तित होती है।
9. वैद्युत अपघटनी परिष्करण का उपयोग निम्नलिखित में से किन धातुओं के शुद्धिकरण हेतु किया जाता है-
(i) Cu और Zn
(ii) Ge और Si
(iii) Zr और Ti
(iv) Zn और Hg
10. गोल्ड और सिल्वर के निष्कर्षण के लिए धातु का CN⁻ आयन के साथ निक्षालन किया जाता है। धातु प्राप्त की जाती है __________ ।
(i) संकुल आयन में से धातु को किसी दूसरी धातु से विस्थापित करके।
(ii) संकुल आयन का भर्जन करके।
(iii) निस्तापन के पश्चात् भर्जन करके।
(iv) धातु संकुल का ऊष्मीय अपघटन करके।
नोट – प्रश्न संख्या 11 से 13 के उत्तर चित्र 6.1 के आधार पर दीजिए।

11. ताप के सही विकल्प का चयन कीजिए जिस पर कार्बन FeO का अपचयन करता है और CO बनाता है।
(i) बिन्दु A पर ताप से नीचे।
(ii) लगभग बिन्दु A के संगत ताप पर।
(iii) बिन्दु A ताप से ऊपर परन्तु बिन्दु D पर ताप से नीचे।
(iv) बिन्दु A पर ताप से ऊपर।
12. बिन्दु ‘A’ के नीचे FeO __________ ।
(i) केवल कार्बन मोनोक्साइड द्वारा अपचित किया जा सकता है।
(ii) कार्बन मोनोक्साइड और कार्बन, दोनों द्वारा अपचित किया जा सकता है।
(iii) केवल कार्बन द्वारा अपचित किया जा सकता है।
(iv) कार्बन और कार्बन मोनोक्साइड दोनों से ही अपचित नहीं किया जा सकता।
13. बिन्दु D के संगत ताप पर FeO के अपचयन के लिए निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही है।
(i) कार्बन मोनोक्साइड द्वारा समग्र अपचयन अभिक्रिया के लिए ∆G का मान शून्य है।
(ii) 1 मोल कार्बन और 1 मोल ऑक्सीजन के मिश्रण द्वारा समग्र अपचयन अभिक्रिया के लिए ∆G का मान धनात्मक है।
(iii) 2 मोल कार्बन और 1 मोल ऑक्सीजन के मिश्रम द्वारा समय अपचयन अभिक्रिया के लिए ∆G का मान धनात्मक होगा।
(iv) कार्बन मोनोक्साइड के साथ समग्र अपचयन अभिक्रिया के लिए ∆G का मान ऋणात्मक है।
II. बहुविकल्प प्रश्न (प्ररूप-II)
नोट – निम्नलिखित प्रश्नों में दो या इससे अधिक विकल्प सही हो सकते हैं।
14. चित्र 6.1 में किन बिन्दुओं के संगत ताप पर, अभिक्रिया 2FeO → 2Fe + O₂ के निम्नलिखित सभी अभिक्रियाओं से युग्मन द्वारा FeO का अपचयन Fe में हो जाएगा।
(क) C + O₂ → CO₂ (ख) 2C + O₂ →2CO (ग) 2CO + O₂ → CO₂
(i) बिन्दु A
(ii) बिन्दु B
(iii) बिन्दु D
(iv) बिन्दु E
15. निम्नलिखित में से कौन-से विकल्प सही हैं।
(i) ढलवाँ लोहा, कच्चे लोहे को लोहे की छीलन और कोक के साथ गर्म हवा के झोंके द्वारा पुनः पिघला कर प्राप्त किया जाता है।
(ii) सिल्वर के निष्कर्षण में, सिल्वर को धनायनी संकुल के रूप में निष्कर्षित किया जाता है।
(iii) निकैल का शुद्धिकरण मंडल परिष्करण द्वारा किया जाता है।
(iv) Zr और Ti का शुद्धिकरण वॉन-आरकैल विधि द्वारा किया जाता है।
16. हॉल-हेरॉल्ट प्रक्रम द्वारा ऐलुमिनियम के निष्कर्षण में शुद्ध Al₂O₃ में CaF₂ मिलाया जाता है, जो
(i) Al₂O₃ का गलनांक कम करता है।
(ii) पिघले हुए मिश्रण की चालकता बढ़ाता है।
(iii) Al³⁺ को Al(s) में अपचित करता है।
(iv) उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है।
17. फ्रेन प्लवन विधि में लगाए जाने वाले पदार्थों के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से कौन-से सही हैं।
(i) संग्राही अयस्क कणों की अक्लेदनीयता बढ़ा देते हैं।
(ii) संग्राही अपअयस्क कणों की क्लेदनीयता बढ़ा देते हैं।
(iii) प्रक्रम में अवनमकों का उपयोग करके दो सल्फाइड अयस्कों को पृथक किया जा सकता है।
(iv) फेन-स्थायीरकारी अपअयस्क की क्लेदनीयता कम करते हैं।
18. फेन प्लवन विधि में जिंक सल्फाइड अैर लेड सल्फाइड को पृथ्क किया जा सकता है __________ ।
(i) संग्राही का उपयोग करके।
(ii) जल और तेल का अनुपात संतुलित करके।
(iii) अवनमक का उपयोग करके।
(iv) फ्रेन-स्थायीकारी का उपयोग करके।
19. बॉक्साइट में उपस्थित सामान्य अशुद्धियाँ हैं __________ ।
(i) CuO
(ii) ZnO
(iii) Fe₂O₃
(iv) SiO₂
20. निम्नलिखित में से किन अयस्कों को फेन प्लवन द्वारा सांद्रित किया जाता है।
(i) हेमेटाइट
(ii) गैलेना
(iii) कॉपर पाइराइट
(iv) मैग्नेटाइट
21. निस्तापन के समय निम्नलिखित में से कौन-सी अभिक्रियाएँ होती हैं।
(i) CaCO₃ →CaO + CO₂
(ii) 22FeS₂ + 11/2 O₂ →Fe₂O₃ + 4SO₂
(iii) Al₂O₃ xH₂O →Al₂O₃ + xH₂O
(iv) ZnS + 3/2 O₂ →ZnO + SO₂
22. किन अयस्कों के धातुकर्म प्रक्रमों में निस्तापित अयस्क को कार्बन द्वारा अपचित किया जा सकता है।
(i) हेमेटाइट
(ii) कैलामाइन
(iii) आयरन पाइराइट
(iv) स्फेलेराइट
23. हेमेटाइट से आयरन के निष्कर्षण के समय वात्या भट्टी में होने वाली मुख्य अभिक्रियाएँ हैं-
(i) Fe₂O₃ + 3CO → 2Fe + 3CO₂
(ii) FeO + SiO₂ →FeSiO₃
(iii) Fe₂O₃ + 3C → 2Fe + 3CO
(iv) CaO + SiO₂ →CaSiO₃
24. शुद्धिकरण की निम्नलिखित विधियों में से किनमें धातु वाष्पशील यौगिक में बदलती है जिसे वियोजित करके शुद्ध धातु प्राप्त की जाती है।
(i) कार्बन डाइऑक्साइड के प्रवाह में गरम करना
(ii) आयोडीन के साथ गरम करना
(iii) द्रावगलन परिष्करण
(iv) आसवन
25. निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही हैं।
(i) अवनमक किसी एक प्रकार के कणों को फेन में आने से रोकता है।
(ii) कॉपर मैट में Cu₂S और ZnS होता है।
(iii) कॉपर के निष्कर्षण में SO₂ निकलने के कारण परावर्तनी भट्टी से प्राप्त कॉपर फकोलेदार दिखाई देता है।
(iv) जिंक को स्वतः अपचयन द्वारा निष्कर्षित किया जा सकता है।
26. क्लोरीन के लवण-जल से निष्कर्षण में __________ ।
(i) समग्र अभिक्रिया के लिए ∆G ऋणात्मक होता है।
(ii) समग्र अभिक्रिया के लिए ∆G धनात्मक होता है।
(iii) समग्र अभिक्रिया के लिए E का मान ऋणात्मक होता है।
(iv) समग्र अभिक्रिया के लिए E का मान धनात्मक होता है।
III. लघु उत्तर प्रश्न
27. लवण-जल से Cl₂ के निष्कर्षण के लिए 2.2V से अधिक बाह्य विद्युत वाहक बल की आवश्यकता क्यों होती है।
28. 1073K से अधिक ताप पर FeO का Fe में अपचयन करने हेतु कोक का उपयोग किया जा सकता है। एल्लिंघम आरेख द्वारा आप इस अपघटन का औचित्य कैसे बता सकते हैं।
29. पिटवाँ लोहा, लोहे का सबसे शुद्ध रूप होता है। ढलवाँ लोहे से पिटवाँ लोहा बनाने हेतु उपयोग में ली जाने वाली अभिक्रिया लिखें। ढलवाँ लोहे से सल्फर, सिलिकन और फॉस्फोरस की अशुद्धियाँ किस प्रकार दूर की जाती हैं।
30. निम्न कोटि के कॉपर अयस्कों से कॉपर किस प्रकार निष्कर्षित किया जाता है।
31. मॉन्ड प्रक्रम और वॉन-आरकैल विधि द्वारा धातु के परिष्करण हेतु दो आधारभूत आवश्यकताएँ लिखिए।
32. यद्यपि कार्बन और हाइड्रोजन उत्तम अपचयन कर्मक हैं, परन्तु उच्च ताप पर धातु ऑक्साइडों के अपचयन हेतु इन्हें उपयोग में नहीं लिया जाता। क्यों।
33. फेन प्लवन विधि द्वारा हम दो सल्फाइड अयस्कों को किस प्रकार पृथ्क करते हैं।
34. लोहे का सबसे शुद्ध रूप, ढलवाँ लोहे की अशुद्धियों का परावर्तनी भट्टी में ऑक्सीकरण करके प्राप्त किया जाता है। भट्टी में परत चढ़ाने हेतु लोहे के किस अयस्क का उपयोग किया जाता है। अभिक्रिया द्वारा स्पष्ट कीजिए।
35. ऐल्कोहॉल का उपयोग निक्षालक के रूप में करके यौगिकों A और B के मिश्रण को Al₂O₃ के स्तम्भ (कॉलम) से गुजारा जाता हैं। यौगिक A, यौगिक B से पहले पृथ्क हो जाता है। A और B यौगिकों में से कौन-सा स्तम्भ पर आसानी से अधिशोषित होता है।
36. कॉपर का सल्फाइड अयस्क सिलिका मिलाने के बाद भट्टी में गरम क्यों किया जाता है।
37. अपचयन से पूर्व सल्फाइड अयस्कों को ऑक्साइड में परिवर्तित क्यों किया जाता है।
38. Zr और Ti के परिष्करण के लिए किस विधि का उपयोग किया जाता है। समीकरण देकर समझाइए।
39. वैद्युत रासायनिक विधि द्वारा धातुओं के निष्कर्षण के समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
40. धातुकर्मीय प्रक्रमों में गालक की क्या भूमिका होती है।
41. अर्धचालकों के रूप में उपयोग में आने वाले धातुओं का परिष्करण कैसे किया जाता है। उपयोग में ली जाने वाली विधि का सिद्धांत क्या है।
42. 500-800 K ताप परास में आयरन के धातुकर्म से संबंधित वात्या भट्टी में होने वाली अभिक्रियाओं को लिखिए।
43. वाष्प प्रावस्था परिष्करण हेतु दो आवश्यकताएँ दीजिए।
44. सायनाइड विधि से गोल्ड के निष्कर्षण में सम्मिलित रासायनिक अभिक्रियाओं को लिखिए। साथ ही निष्कर्ष में जिंक की भूमिका भी बताइए।
IV. सुमेलन प्ररूप प्रश्न
नोट – निम्नलिखित प्रश्नों में कॉलम I और कॉलम II के मदों को सुमेलित कीजिए।
45. कॉलम I के मदों को कॉलम II के मदों से सुमेलित करें और सही कोड निर्धारित करें।
कॉलम I
(A) लोलक
(B) मेलाकाइट
(C) कैलामाइन
(D) क्रायोलाइट
कॉलम II
(1) क्रोम स्टील
(2) निकेल स्टील
(3) Na₃AlF₆
(4) CuCO₃.Cu (OH) ₂
(5) ZnCO₃
कोड –
(i) A (1) B (2) C (3) D (4)
(ii) A (2) B (4) C (5) D (3)
(iii) A (2) B (3) C (4) D (5)
(iv) A (4) B (5) C (3) D (2)
46. कॉलम I के मदों को कॉलम II के मदों से सुमेलित करें और सही कोड निर्धारित करें।
कॉलम I
(A) रंगीन पट्टियाँ
(B) अशुद्ध धातु से वाष्पशील संकुल
(C) Ge और Si का शुद्धिकरण
(D) मर्करी का शुद्धिकरण
कॉलम II
(1) मंडल परिष्करण
(2) प्रभाजी आसवन
(3) मॉन्ड प्रक्रम
(4) वर्णलेखिकी
(5) द्रावगलन परिष्करण
कोड –
(i) A (1) B (2) C (4) D (5)
(ii) A (4) B (3) C (1) D (2)
(iii) A (3) B (4) C (2) D (1)
(iv) A (5) B (4) C (3) D (2)
47. कॉलम I के मदों को कॉलम II के मदों से सुमेलित करें और सही कोड निर्धारित करें।
कॉलम I
(A) सायनाइड प्रक्रम
(B) फेन प्लवन प्रक्रम
(C) वैद्युत अपघटनी अपचयन
(D) मंडल परिष्करण
कॉलम II
(1) अति शुद्ध Ge
(2) ZnS का सज्जीकरण
(3) Al का निष्कर्षण
(4) Au का निष्कर्षण
(5) Ni का शुद्धिकरण
कोड –
(i) A (4) B (2) C (3) D (1)
(ii) A (2) B (3) C (1) D (5)
(iii) A (1) B (2) C (3) D (4)
(iv) A (3) B (4) C (5) D (1)
48. कॉलम I के मदों को कॉलम II के मदों से सुमेलित करें और सही कोड निर्धारित करें।
कॉलम I
(A) सैफायर (नीलम)
(B) स्फेलेराइट
(C) अवनमक
(D) कोरंडम
कॉलम II
(1) Al₂O₃
(2) NaCN
(3) Co
(4) ZnS
(5) Fe₂O₃
कोड –
(i) A (3) B (4) C (2) D (1)
(ii) A (5) B (4) C (3) D (2)
(iii) A (2) B (3) C (4) D (5)
(iv) A (1) B (2) C (3) D (4)
49. कॉलम I के मदों को कॉलम II के मदों से सुमेलित करें और सही कोड निर्धारित करें।
कॉलम I
(A) फफोलेदार Cu
(B) वात्या भट्टी
(C) परावर्तनी भट्टी
(D) हॉल-हेरॉल्ट प्रक्रम
कॉलम II
(1) ऐलुमिनियम
(2) 2Cu₂O + Cu₂S → 6Cu + SO₂
(3) आयरन
(4) FeO + SiO₂ → FeSiO₃
(5) 2Cu₂S + 3O₂→2Cu₂O + 2SO₂
कोड –
(i) A (2) B (3) C (4) D (1)
(ii) A (1) B (2) C (3) D (5)
(iii) A (5) B (4) C (3) D (2)
(iv) A (4) B (5) C (3) D (2)
V. अभिकथन एवं तर्क प्ररूप प्रश्न
नोट – निम्नलिखित प्रश्नों में अभिकथन के पश्चात संगत तर्क का कथन दिया है। निम्नलिखित विकल्पों में से कथन का चयन करके सही उत्तर दीजिए।
(i) अभिकथन और तर्क दोनों सही हैं और तर्क अभिकथन का सही स्पष्टीकरण है।
(ii) अभिकथन और तर्क दोनों सही कथन हैं परन्तु तर्क अभिकथन का स्पष्टीकरण नहीं है।
(iii) अभिकथन सही है परन्तु तर्क गलत कथन है।
(iv) अभिकथन गलत है परन्तु तर्क सही कथन है।
(v) अभिकथन और तर्क दोनों ही गलत कथन हैं।
50. अभिकथन – मॉन्ड प्रक्रम से निकैल का शुद्धिकरण किया जा सकता है।
तर्क – Ni (CO) ₄ एक वाष्पशील यौगिक है जो 460K पर अपघटित होकर शुद्ध Ni देता है।
51. अभिकथन – जर्कोनियम को वॉन-आरकैल विधि द्वारा शुद्ध किया जा सकता है।
तर्क – ZrI₄ वाष्पशील होता है और 1800 K पर अपघटित हो जाता है।
52. अभिकथन – सल्फाइड अयस्कों का सांद्रण फेन प्लवन विधि द्वारा किया जाता है।
तर्क – फेन प्लवन विधि में क्रिसॉल फेन को स्थायी करते हैं।
53. अभिकथन अर्धचालकों के उत्पादन के लिए मन्डल परिष्करण विधि बहुत उपयोगी होती है।
तर्क – अर्धचालक उच्च शुद्धता वाले होते हैं।
54. अभिकथन – हाइड्रोधातुकर्म में अयस्क को एक उचित अभिकर्मक में विलेय करते हैं, फिर उसका एक अधिक धन विद्युती धातु द्वारा अवक्षेपण कर लेते हैं।
तर्क – कॉपर का निष्कर्षण हाइड्रोधातुकर्म द्वारा किया जाता है।
VI. दीर्घ उत्तर प्रश्न
55. निम्नलिखित को समझाइए –
(क) 710K से नीचे ताप पर CO₂ एक अच्छा अपचयन कर्मक है जबकि 710K से ऊपर ताप पर CO एक अच्छा अपचयन कर्मक है।
(ख) सामान्यतः अपचयन से पहले सल्फाइड अयस्कों को ऑक्साइडों में परिवर्तित कर लिया जाता है।
(ग) परावर्तनी भट्टी में कॉपर अयस्क में सिलिका मिलाई जाती है।
(घ) उच्च ताप पर कार्बन और हाइड्रोजन का उपयोग अपचयन कर्मक के रूप में नहीं किया जाता।
(च) वाष्प प्रावस्था परिष्करण विधि का उपयोग Ti के शुद्धिकरण हेतु किया जाता है।
कक्षा 12 रसायन विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – तत्वों के पृथक्करण के सामान्य सिद्धांत एवं प्रक्रम
यूनिट 6 – तत्वों के पृथक्करण के सामान्य सिद्धांत एवं प्रक्रम के प्रश्नों के उत्तर यहाँ से प्राप्त करें।
I. बहुविकल्प प्रश्न (प्ररूप-I)
1. (iii) 2. (iii) 3. (iv) 4. (i) 5. (ii) 6. (iii) 7. (i) 8. (ii) 9. (i) 10. (i) 11. (iv) 12. (i) 13. (i)
II. बहुविकल्प प्रश्न (प्ररूप-II)
14. (ii), (iv) 15. (i), (iv) 16. (i), (ii) 17. (i), (iii) 18. (ii), (iii) 19. (iii), (iv) 20. (ii), (iii) 21. (i), (iii) 22. (i), (ii) 23. (i), (iv) 24. (i), (ii) 25. (i), (iii) 26. (ii), (iii)
III. लघु उत्तर प्रश्न
27. अभिक्रिया, 2Cl⁻ (aq.) + 2H₂O (l) →2OH⁻ (aq.) + H₂ (g)+Cl₂ (g) के लिए ∆G का मान + 422kJ है। समीकरण, ∆G = – nFE का प्रयोग करने पर E का मान -2.2V आता है। अतः लवण-जल से Cl₂ के निष्कर्षण के लिए 2.2V से अधिक बाह्य विद्युत वाहक बल की आवश्यकता होगी।
28. एलिंघन आरेख के अनुसार, 1073 K से अधिक ताप पर, ∆G (C, CO) < ∆G G (Fe, FeO), अतः कोक FeO को Fe में अपचित कर सकता है।
29. Fe₂O₃ + 3C → 2Fe + 3CO
चूने का पत्थर गालक के रूप में मिलाया जाता है और सल्फर, सिलिकन तथा फॉस्फोरस अपने ऑक्साइडों में परिवर्तित होकर धातुमल में चले जाते हैं।
30. निम्न कोटि के अयस्कों से कॉपर का निष्कर्षण हाइड्रोधातुकर्म द्वारा करते हैं। इसे अम्ल या जीवाणु के उपयोग से निक्षालित करते हैं। Cu²⁺ आयन युक्त विलयन की रद्दी लोहे, Zn या H₂ से क्रिया कराते हैं।
Cu²⁺ (aq.) + H₂ (g) →Cu(s)+ 2H⁺ (aq.)
Cu²⁺ + Fe(s)→Fe²⁺ (aq.) + Cu(s)
31. दोनों प्रक्रमों के लिए आधारभूत आवश्यकताएँ है कि –
(i) धातु उपलब्ध अभिकर्मक के साथ एक वाष्पशील यौगिक बनाती हो।
(ii) वाष्पशील यौगिक सरलतापूर्वक अपघटित हो जाए, ताकि धातु सुगमता से प्राप्त की जा सके।
32. क्योंकि उच्च ताप पर कार्बन और हाइड्रोजन धातुओं से अभिक्रिया कर क्रमशः कार्बाइड और हाइड्राइड बनाते हैं।
33. फेन प्लवन विधि में दो सल्फाइड अयस्कों को तेल और जल के अनुपात को संयोजित करके अथवा अवनमकों का उपयोग करके पृथ्क किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि अयस्क में ZnS और PbS, उपस्थित हों तो NaCN अवनमक का उपयोग करते हैं। यह ZnS के साथ संकुल बनाता है और इसे फेन के साथ आने से रोकता है परन्तु PbS फेन में रहता है।
34. हेमेटाइट
Fe₂O₃ + 3C → 2Fe + 3CO
35. क्योंकि यौगिक ‘A’ यौगिक ‘B’ से पहले निक्षालित हो जाता है, अतः यौगिक B यौगिक A की अपेक्षा स्तम्भ पर अधिक आसानी से अधिशोषित होता है।
36. कॉपर के सल्फाइड अयस्क में अशुद्धि के रूप में उपस्थित आयरन ऑक्साइड, धातुमल जो कि आयरन सिलिकेट होता है, बनाता है और कॉपर, कॉपर मेट के रूप में प्राप्त होता है।
FeO + SiO₂ →FeSiO₃
37. सल्फाइड आसानी से अपचित नहीं होते, जबकि ऑक्साइड आसानी से अपचित हो जाते हैं।
38. Zr और Ti के परिष्करण हेतु वॉन-आरकैल विधि का उपयोग किया जाता है। इस विधि में अपरिष्कृत धातु को आयोडीन के साथ गरम किया जाता है।
Zr + 2I₂ 2 → ZrI₄
ZrI₄ 1800K→Zr + 2I₂
39. सामान्यतः दो बातों का ध्यान रखा जाता है जिससे उचित सावधानियाँ रखी जा सकें।
(i) बनने वाले धातु की सक्रियता
(ii) इलेक्ट्रोडों की उपयुकत्ता
40. गालक का उपयोग पिघले हुए द्रव्यमान की चालकता बढ़ाने हेतु किया जाता है।
41. अर्धचालक धातु, मंडल परिष्करण विधि द्वारा प्राप्त किये जाते हैं। जो इस सिद्धांत पर आधारित है कि अशुद्धियाँ धातुओं को ठोस अवस्था की अपेक्षा उनकी गलित अवस्था में अधिक विलेय होती हैं।
42. 3Fe₂O₃ + CO → 2Fe₃O₄ + CO₂
Fe₃O₄ + 4CO → 3Fe + 4CO₂
Fe₂O₃ + CO→ 2FeO + CO₂
43. (i) धातु उपलब्ध अभिकर्मक के साथ वाष्पशील यौगिक बनाए।
(ii) वाष्पशील यौगिक आसानी से अपघटित हो सकता हो जिससे धातु को पुनः आसानी से प्राप्त किया जा सके।
44. 4Au(s) + 8CN⁻ (aq.) + 2H₂O(aq.) + O₂(g) →4 [Au(CN) ₂]⁻ (aq.) 4OH⁻ (aq.)
2[Au(CN)₂]⁻ (aq.) + Zn(s) → 2Au(s) + [Zn (CN₄)]²⁻ – (aq.)
इस अभिक्रिया में जिंक अपचयन कर्मक की तरह कार्य करता है।
IV. सुमेलन प्ररुप प्रश्न
45. (ii) 46. (ii) 47. (i) 48. (i) 49. (i)
V. अभिकथन एवं तर्क प्ररूप प्रश्न
50. (i) 51. (i) 52. (ii) 53. (ii) 54. (ii)
VI. दीर्घ उत्तर प्रश्न
55. (क) संकेत – एलिंघम आरेख का उपयोग करें।
(ख) संकेत – ऑक्साइड आसानी से अपचयित हो जाते हैं – देखें एलिंघम आरेख।
(ग) संकेत – कॉपर के सल्फाइड अयस्क में आयरन की अशुद्धित होती है जो आयरन सिलिकेट (धातुमल) के रूप में दूर की जाती है।
FeO + SiO₂ →FeSiO₃
(धातुमल)
(घ) संकेत – कार्बन और हाइड्रोजन उच्च ताप पर धातुओं से अभिक्रिया करके क्रमशः कार्बाइड और हाइड्राइड बनाते हैं।
(च) संकेत – Ti आयोडीन से अभिक्रिया करके वाष्पशील TiI₄ बनाता है, जो उच्च ताप पर अपघटित होकर अतिशुद्ध टाइटेनियम देता है।
इस पेज पर दिए गए कक्षा 12 रसायन विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्ने उत्तर – तत्वोंड के पृथक्करण के सामान्य सिद्धांत एवं प्रक्रम की सहायता से छात्रों की तैयारी अच्छे तरीके से हो सकती है। परीक्षाि में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए और अपनी तैयारी सुदृढ़ तरीके से करने के लिए छात्र इस पेज पर दिए गए महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तरों को देख सकते हैं।
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