रसायन विज्ञान विषय की अच्छी तैयारी के लिए कक्षा 12 रसायन विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – d- एवं f- ब्लॉक तत्व यहाँ प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे छात्र जो रसायन विज्ञान विषय की परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते है उन्हें अपनी तैयारी के लिए यहाँ d- एवं f- ब्लॉक तत्व के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर मिल जाएंगे। महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर की जानकारी किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए आवश्यक होती है। इस पेज में NCERT Book के यूनिट 8 – d- एवं f- ब्लॉक तत्व के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।
श्रोत: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद्
कक्षा: 12
विषय: रसायन विज्ञान
अध्याय: यूनिट 8 – d- एवं f- ब्लॉक तत्व
कक्षा 12 रसायन विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – d- एवं f- ब्लॉक तत्व
कक्षा 12 रसायन विज्ञान विषय के यूनिट 8 – d- एवं f- ब्लॉक तत्व के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर यहाँ प्राप्त करें।
I. बहुविकल्प प्रश्न (प्ररूप-I)
1 एक संक्रमण तत्व X का +3 ऑक्सीकरण अवस्था में इलेक्ट्रॉनिक विन्यास [Ar]3d⁵ है। इसका परमाणु-क्रमांक क्या है।
(i) 25
(ii) 26
(iii) 27
(iv) 24
2. Cu(II) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 3d⁹ है, जबकि Cu(I) का 3d¹⁰ होता है। निम्नलिखित में से कौन-सा सही है।
(i) Cu (II) अधिक स्थायी है।
(ii) Cu (II) कम स्थायी है।
(iii) Cu (I) तथा (II) समान रूप से स्थायी है।
(iv) Cu(I) तथा (II) का स्थायित्व कॉपर लवणों की प्रकृति पर निर्भर करता है।
3. कुछ संक्रमण तत्वों की धात्विक त्रिज्याएँ नीचे दी गई हैं। इनमें से किस तत्व का घनत्व सर्वाधिक होगा।
तत्व Fe Co Ni Cu
धात्विक त्रिज्या/pm 126 125 125 128
(i) Fe
(ii) Ni
(iii) Co
(iv) Cu
4. अयुगलित इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति के कारण संक्रमण तत्व सामान्यतः रंगीन लवण बनाते हैं। ठोस अवस्था में निम्नलिखित में से कौन-सा यौगिक रंगीन होगा।
(i) Ag₂SO₄
(ii) CuF₂
(iii) ZnF₂
(iv) Cu₂Cl₂
5. सांद्र H₂SO₄ में KMnO₄ की थोड़ी सी मात्रा मिलाने पर एक हरा तैलीय यौगिक प्राप्त होता है, जो अत्यधिक विस्फोटक प्रकृित का होता है। निम्नलिखित में से इस यौगिक की पहचान कीजिए।
(i) Mn₂O₇
(ii) MnO₂
(iii) MnSO₄
(iv) Mn₂O₃
6. तत्वों की चुम्बकीय प्रकृति अयुगलित इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति पर निर्भर करती है। उस संक्रमण तत्व के विन्यास की पहचान कीजिए जो उच्चतम चुम्बकीय आघूर्ण प्रदर्शित करता है।
(i) 3d⁷
(ii) 3d⁵
(iii) 3d⁸
(iv) 3d²
7. लैंथेनॉयडो के लिए निम्नलिखित में से कौन-सी ऑक्सीकरण अवस्था सभी में होती है।
(i) +2
(ii) +3
(iii) +4
(iv) +5
8. निम्नलिखित में से कौन-सी अभिक्रियाएँ असमानुपातन अभिक्रियाएँ हैं।
(a) Cu⁺→ Cu²⁺ + Cu
(b) 3MnO⁻₄ + 4H⁺→2MnO⁻⁴ MnO₂ + 2H₂O
(c) 2KMnO₄ →K₂MnO₄ + MnO₂ + O₂
(d) 2MnO⁻₄ 3Mn²⁺ + 2H₂O → 5MnO₂ + 4H⁺
(i) a, b
(ii) a, b, c
(iii) b, c, d
(iv) a, d
9. जब KMnO₄ विलयन को ऑक्सैलिक अम्ल विलयन में मिलाया जाता है तो प्रारम्भ में इसका विरंजीकरण धीमा होता है, परन्तु कुछ समय बाद यह तात्क्षणिक हो जाता है, क्योंकि-
(i) उत्पाद के रूप में CO₂ बनती है।
(ii) अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी है।
(iii) MnO⁻₄ अभिक्रिया को उत्प्रेरित करता है।
(iv) Mn²⁺ स्वोत्प्रेऱक के रूप में कार्य करता है।
10. ऐक्टिनॉयड श्रेणी में 14 तत्व हैं। निम्नलिखित में से कौन-सा तत्व इस श्रेणी का सदस्य नहीं है।
(i) U
(ii) Np
(iii) Tm
(iv) Fm
11. अम्लीय माध्यम में KMnO₄ ऑक्सीकरण कर्मक के रूप में कार्य करता है। अम्लीय माध्यम में एक मोल सल्फाइड आयनों के साथ अभिक्रिया करने हेतु आवश्यक KMnO₄ के मोलों की संख्या है-
(i) 2/5
(ii) 3/5
(iii) 4/5
(iv) 1/5
12. निम्नलिखित में से कौन-से उभयधर्मी ऑक्साइड हैं।
Mn₂O₇, CrO₃, Cr₂O₃, CrO, V₂O₅, V₂O₄
(i) V₂O₅, Cr₂O₃
(ii) Mn₂O₇, CrO₃
(iii) CrO, V₂O₅
(iv) V₂O₅, V₂O₄
13. गैडोलिनियम 4f श्रेणी का तत्व है। इसका परमाणु-क्रमांक 64 है। निम्नलिखित में से कौन-सा गैडोलिनियम का सही इलेक्ट्रॉनिक विन्यास है।
(i) [Xe] 4f⁷5d¹6s²
(ii) [Xe] 4f⁶5d²6s²
(iii) [Xe] 4f⁸6d²
(iv) [Xe] 4f⁹5s¹
14. जब धातुओं के क्रिस्टल-जालकों के बीच छोटे परमाणु फंस जाते हैं, तो अंतरकाशी यौगिक बनते हैं। निम्नलिखित में से कौन-सा अंतराकाशी यौगिकों का अभिलक्षणिक गुण नहीं है।
(i) उनके गलनांक शुद्ध धातुओं की तुलना में उच्च होते हैं।
(ii) वे बहुत कठोर होते हैं।
(iii) वे धात्विक चालकता बनाए रखते हैं।
(iv) वे रासायनिक रूप से बहुत क्रियाशील होते हैं।
15. चुंबकीय आघूर्ण अपने प्रचक्रण कोणीय संवेग और कक्षीय कोणीय संवेग से संबद्ध होता है। Cr³⁺ आयन के प्रचक्रण-मात्र चुंबकीय आघूर्ण का मान होता है-
(i) 2.87 B.M.
(ii) 3.87 B.M.
(iii) 3.47 B.M.
(iv) 3.57 B.M.
16. क्षारीय माध्यम में KMnO₄ ऑक्सीकरण कर्मक के रूप में कार्य करता है। जब क्षारीय KMnO₄ की अभिक्रिया KI से करायी जाती है तो आयोडाइड आयन किसमें ऑक्सीकृत होता है।
(i) I₂
(ii) IO⁻
(iii) IO⁻₃
(iv) IO⁻₄
17. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है।
(i) Cu अम्लों से हाइड्रोजन मुक्त करता है।
(ii) अपनी उच्चतर ऑक्सीकरण अवस्थाओं में, मैंगनीज ऑक्सीजन और फ्लुओरीन के साथ स्थायी यौगिक बनाता है।
(iii) जलीय विलयन में Mn³⁺ तथा Co³⁺ ऑक्सीकरण कर्मक होते हैं।
(iv) जलीय विलयन में Ti²⁺ तथा Cr²⁺ अपचायन कर्मक होते हैं।
18. जब Sn²⁺ लवणों में अम्लीकृत K₂Cr₂O₇ विलयन मिलाया जाता है, तो Sn²⁺ __________ में परिवर्तित होता है।
(i) Sn
(ii) Sn³⁺
(iii) Sn⁴⁺
(iv) Sn⁺
19. मैंगनीज की फ्लुओराइडों में अधिकतम आक्सीकरण अवस्था +4 (MnF₄) होती है परन्तु ऑक्साइडों में अधिकतम आक्सीकरण अवस्था +7 (Mn₂O₇) होती है क्योंकि __________ ।
(i) फ्लुओरीन ऑक्सीकरण से अधिक विद्युत ऋणात्मक होती है।
(ii) फ्लुओरीन में d-कक्षक नहीं होते।
(iii) फ्लुओरीन निम्नतर ऑक्सीकरण अवस्था को स्थायित्व देती है।
(iv) सहसंयोजी यौगिक में फ्लुओरीन केवल एक बंध बना सकती है जबकि ऑक्सीजन दो बंध बनाती है।
20. यद्यपि जकोनियम 4d संक्रमण श्रेणी से तथा हैफनियम 5d संक्रमण श्रेणी से संबंध रखता है, फिर भी ये समान भौतिक और रासायनिक गुण प्रदर्शित करते हैं, क्योंकि-
(i) दोनों d-ब्लॉक से संबंधित हैं।
(ii) दोनों में इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान है।
(iii) दोनों की परमाणु त्रिज्याएँ समान हैं।
(iv) दोनों आवर्त सारणी के एक ही वर्ग से संबंध रखते हैं।
21. KMnO₄ की ऑक्सीकरण अभिक्रियाओं में माध्यम को अम्लीय बनाने के लिए HCl का प्रयोग क्यों नहीं किया जाता।
(i) HCl और KMnO₄ दोनों ही ऑक्सीकरण कर्मकों जैसा व्यवहार करते हैं।
(ii) KMnO₄ , HCl को Cl₂ में ऑक्सीकृत कर देता है जो कि एक आक्सीकरण कर्मक है।
(iii) KMnO₄ , HCl की अपेक्षा एक दुर्बल ऑक्सीकरण कर्मक है।
(iv) HCl की उपस्थिति में KMnO₄ अपचयन कर्मक की तरह व्यवहार करता है।
II. बहुविकल्प प्रश्न (प्ररूप-II)
नोट – निम्नलिखित प्रश्नों में दो या इससे अधिक विकल्प सही हो सकते हैं।
22. धातु आयनों में अयुगलित इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति के कारण संक्रमण तत्व और उनके लवण सामान्यतः रंगीन होते हैं। निम्नलिखित में से कौन-से यौगिक रंगीन है।
(i) KMnO₄
(ii) Ce (SO₄)₂
(iii) TiCl₄
(iv) Cu₂Cl₂
23. इलेक्ट्रॉनों के प्रचक्रण और कक्षीय गति के कारण संक्रमण तत्व चुम्बकीय आघूर्ण प्रदर्शित करते हैं निम्नलिखित में से कौन-से धातु आयनों के प्रचक्रण-मात्र चुम्बकीय आघूर्ण लगभग समान है।
(i) Co²⁺
(ii) Cr²⁺
(iii) Mn²⁺
(iv) Cr³⁺
24. अम्लीय माध्यम में Cr (VI) डाइक्रोमेट के रूप में प्रबल ऑक्सीकरण कर्मक है परन्तु MoO₃ में Mo (VI) और WO₃ में W(VI) ऐसा नहीं करते क्योंकि __________।
(i) Cr (VI), Mo (VI) और W (VI) से अधिक स्थायी है।
(ii) Mo (VI) और W (VI) Cr (VI) से अधिक स्थायी है।
(iii) वर्ग-6 के संक्रमण तत्वों में से भारी सदस्यों की उच्च ऑक्सीकरण अवस्थाएँ अधिक स्थायी होती हैं।
(iv) वर्ग-6के संक्रमण तत्वों में से भारी सदस्यों की निम्न ऑक्सीकरण अवस्थाएँ अधिक स्थायी होती है।
25. निम्नलिखित में से कौन-से ऐक्टिनॉयड +7 तक ऑक्सीकरण अवस्थाएँ प्रदर्शित करते हैं।
(i) Am
(ii) Pu
(iii) U
(iv) Np
26. एक्टिनॉयडों का समान इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (n–2)f¹⁻¹⁴ (n-1)d⁰⁻²ns² है। निम्नलिखित में से कौन-से ऐक्टिनॉयडों के 6d कक्षक में एक इलेक्ट्रॉन होता है।
(i) U परमाणु संख्या 92
(ii) Np परमाणु संख्या 93
(iii) Pu परमाणु संख्या 94
(iv) Am परमाणु संख्या 95
27. निम्नलिखित में से कौन-से लैंथेनॉयड अभिलक्षणिक ऑक्सीकरण अवस्था +3 के अतिरिक्त +2 ऑक्सीकरण अवस्था भी प्रदर्शित करते हैं।
(i) Ce
(ii) Eu
(iii) Yb
(iv) Ho
28. निम्नलिखित आयनों में से कौन-से उच्चतर प्रचक्रण-मात्र चुम्बकीय आघूर्ण मान प्रदर्शित करते हैं।
(i) Ti³⁺
(ii) Mn²⁺
(iii) Fe²⁺
(iv) Co³⁺
29. संक्रमण तत्व हैलोजन के साथ द्वि-अंगी यौगिक बनाते हैं। निम्नलिखित में से कौन-से तत्व MF₃ प्रकार के यौगिक बनाएंगे।
(i) Cr
(ii) Co
(iii) Cu
(iv) Ni
30. निम्नलिखित में से कौन-से ऑक्सीकरण कर्मक की भाँति कार्य नहीं करेंगे।
(i) CrO₃
(ii) MoO₃
(iii) WO₃
(iv) CrO²⁻₄
31. यद्यपि लैंथेनॉयडों की अभिलक्षणिक ऑक्सीकरण अवस्था +3 होती है परन्तु सीरियम +4 ऑक्सीकरण अवस्था भी प्रदर्शित करता है क्योंकि __________।
(i) इसमें परिवर्तनशील आयनन एन्थैल्पी होती है।
(ii) इसमें उत्कृष्ट गैस विन्यास प्राप्त करने की प्रवृत्ति होती है।
(iii) इसमें f⁰ विन्यास प्राप्त करने की प्रवृत्ति होती है।
(iv) यह Pb⁴⁺ से समानता रखता है।
III. लघु उत्तर प्रश्न
32. Cu अम्लों से हाइड्रोजन प्रतिस्थापित क्यों नहीं करता।
33. Mn, Ni और Zn के E मान अपेक्षा से अधिक ऋणात्मक क्यों हैं।
34. Cr की प्रथम आयनन एन्थैल्पी Zn की अपेक्षा कम क्यों है।
35. संक्रमण तत्व उच्च गलनांक प्रदर्शित करते हैं, क्यों।
36. जब Cu²⁺ आयन की अभिक्रिया KI से कराई जाती है, तो एक श्वेत रंग का अवक्षेप बनता है। अभिक्रिया को रासायनिक समीकरण देकर समझाइए।
37. Cu₂Cl₂ और CuCl₂ में से कौन-सा अधिक स्थायी है और क्यों।
38. जब मैंगनीज के भूरे रंग के यौगिक (A) को HCl के साथ अभिकृत किया जाता है तो एक गैस (B) बनती है। इस गैस को आधिक्य में NH₃ से अभिकृत कराने पर एक विस्फोटक पदार्थ (C) बनता है। (A) ,(B) और (C) को पहचानिए।
39. यद्यपि फ्लुओरीन ऑक्सीजन से अधिक ऋणाविद्युती है, परन्तु उच्च ऑक्सीकरण अवस्थाओं को स्थायित्व प्रदान करने की ऑक्सीजन की योग्यता फ्लुओरीन की अपेक्षा अधिक है, क्यों।
40. यद्यपि Cr³⁺ और Co²⁺ आयनों में अयुगलित इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान है, परन्तु Cr³⁺ का चुम्बकीय आघूर्ण 3.87 BM तथा Co²⁺ का 4.87 BM है। क्यों।
41. Ce, Pr और Nd की आयनन एन्थैल्पियाँ, Th, Pa और U की अपेक्षा उच्च होती हैं। क्यों।
42. यद्यपि Zr का संबंध 4d संक्रमण श्रेणी से तथा Hf का 5d संक्रमण श्रेणी से है, परन्तु इन्हें पृथ्क करना बहुत कठिन होता है। क्यों।
43. यद्यपि लैंथेनॉयडों की अभिलक्षणिक ऑक्सीकरण अवस्था +3 है, परन्तु Ce +4 ऑक्सीकरण अवस्था भी दर्शाता है। क्यों।
44. KMnO₄ के अम्लीय विलयन में ऑक्सैलिक अम्ल का विलयन मिलाने पर इसका रंग उड़ जाता है। स्पष्ट करें क्यों।
45. जब नारंगी रंग के Cr₂O²⁻₇ आयन के विलयन को एक क्षार के साथ अभिकृत किया जाता है, तो पीले रंग का विलयन बनता है और जब इस पीले विलयन में H⁺ आयन मिलाए जाते हैं, तो नारंगी विलयन बनता है। स्पष्ट कीजिए कि ऐसे कैसे होता है।
46. KMnO₄ के विलयन का होने पर, रंगहीन विलयन, भूरा अवक्षेप या हरा विलयन बनना, विलयन की pH पर निर्भर करता है। रंगहीन विलयन, भूरा, अक्षेप और हरा विलयन अपचयन के जिन चरणों को प्रदर्शित करते हैं उनकी अभिक्रिया लिखिए। यह परिवर्तन कैसे किए जाते हैं।
47. संक्रमण तत्वों की दूसरी और तीसरी पंक्तियाँ, पहली पंक्ति की अपेक्षा, परस्पर अधिक समानता रखती हैं। समझाइए क्यों।
48. Cu का E मान + 0.34V होता है जबकि Zn का – 0.76V होता है। स्पष्ट कीजिए।
49. धातु की ऑक्सीकरण अवस्था के बढ़ने के साथ संक्रमण तत्वों के हैलाइड अधिक सहसंयोजक हो जाते हैं। क्यों।
50. परमाणु कक्षकों में इलेक्ट्रॉन भरते समय, 4s कक्षक 3d कक्षक से पहले भरा जाता है, परन्तु परमाणु के आयनन के समय इसके विपरीत होता है। समझाइए क्यों।
51. संक्रमण तत्वों की सक्रियता Sc से Cu तक लगभग लगातार घटती है। स्पष्ट कीजिए। कयों।
IV. सुमेलन प्ररुप प्रश्न
नोट – निम्नलिखित प्रश्नों में कॉलम I और कॉलम II के मदों को सुमेलित कीजिए।
52. कॉलम I में दिए गए उत्प्रेरकों को कॉलम II में दिए गए प्रक्रमों से सुमेलित कीजिए।
कॉलम I (उत्प्रेरक)
(i) हाइड्रोजन की उपस्थिति में Ni
(ii) Cu₂Cl₂
(iii) V₂O₅
(iv) सूक्ष्म विभाजित आयरन
(v) TiCl₄ Al (CH₃)₃
कॉलम II (प्रक्रम)
(a) त्सीग्लर नट्टा उत्प्रेरक
(b) सम्पर्क प्रक्रम
(c) वनस्पति तेल से घी
(d) सैन्डमायर अभिक्रिया
(e) हाबर प्रक्रम
(f) KClO₃ का अपघटन
53. कॉलम I में दिए गए यौगिकों/तत्वों को कॉलम II में दिए गए उपयोगों से सुमेलित कीजिए।
कॉलम I (यौगिक/तत्व)
(i) लैंथेनॉयड ऑक्साइड
(ii) लैंथेनॉयड
(iii) मिश धातु
(iv) मैग्नीशियम आधारित मिश्रातु जिसका अवयव है।
(v) जहाँ लैंथेनॉयडों के मिश्रित ऑक्साइडों का उपयोग करते हैं।
कॉलम II (उपयोग)
(a) आयरन मिश्रातु का उत्पादन
(b) टेलीविजन स्क्रीन
(c) पेट्रोलियम का भंजन
(d) लैथेनॉयड धातु + आयरन
(e) बंदूक की गोलियाँ
(f) X-किरण परदे पर
54. कॉलम I में दिए गए गुणों को कॉलम II में दी गई धातुओं से सुमेलित कीजिए।
कॉलम I (गुण)
(i) वह तत्व जो कि +8 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित कर सकता है।
(ii) 3d ब्लॉक का वह तत्व जो +7 तक ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित कर सकता है।
(iii) उच्चतम गलनांक वाला 3d ब्लॉक तत्व
कॉलम II (धातु)
(a) Mn
(b) Cr
(c) Os
(d) Fe
55. कॉलम I में दिए गए कथनों को कॉलम II में दी गई ऑक्सीकरण अवस्थाओं से सुमेलित कीजिए।
कॉलम I
(i) MnO₂ में Mn की ऑक्सीकरण अवस्था
(ii) Mn की सबसे अधिक स्थायी ऑक्सीकरण अवस्था
(iii) ऑक्साइडों में Mn की सर्वाधिक स्थायी ऑक्सीकरण अवस्था
(iv) लैंथेनॉयडों की अभिलक्षणिक ऑक्सीकरण अवस्था
कॉलम II
(a) + 2
(b) + 3
(c) + 4
(d) + 5
(e) + 7
56. कॉलम I में दिए गए विलयनों और कॉलम II में दिए गए रंगों को सुमेलित कीजिए।
कॉलम I (लवणों का जलीय विलयन)
(i) FeSO₄.7H₂O
(ii) NiCl₂.4H₂O
(iii) MnCl₂.4H₂O
(iv) CoCl₂.6H₂O
(v) Cu₂Cl₂
कॉलम II (रंग)
(a) हरा
(b) हलका गुलाबी
(c) नीला
(d) पीला-हरा
(e) गुलाबी
(f) रंगहीन
57. कॉलम I में दिए गुणों और कॉलम II में दिए तत्वों को सुमेलित कीजिए।
कॉलम I (गुण)
(i) लैंथेनॉयड जो +4 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है।
(ii) लैंथेनॉयड जो +2 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित कर सकता है।
(iii) रेडियोएक्टिव लैंथेनॉयड
(iv) लैंथेनॉयड जिसका +3 ऑक्सीकरण अवस्था में 4f⁷ इलेक्ट्रॉनिक विन्यास होता है।
(v) लैंथेनॉयड जिसका +3 ऑक्सीकरण अवस्था में 4f¹⁴ इलेक्ट्रॉनिक विन्यास होता है।
कॉलम II (तत्व)
(a) Pm
(b) Ce
(c) Lu
(d) Eu
(e) Gd
(f) Dy
58. कॉलम I में दिए गए गुणों और कॉलम II में दी गई धातुओं को सुमेलित कीजिए।
कॉलम I (गुण)
(i) उच्चतम द्वितीय आयनन एन्थैल्पी वाला तत्व
(ii) उच्चतम तृतीय आयनन एन्थैल्पी वाला तत्व
(iii) M (CO)₆ में M
(iv) उच्चतम कणीकरण ऊष्मा वाला तत्व
कॉलम II (धातु)
(i) Co
(ii) Cr
(iii) Cu
(iv) Zn
(v) Ni
V. अभिकथन एवं तर्क प्ररूप प्रश्न
नोट – निम्नलिखित प्रश्नों में अभिकथन के पश्चात संगत तर्क का कथन दिया है। निम्नलिखित विकल्पों में से कथन का चयन करके सही उत्तर दीजिए।
(i) अभिकथन और तर्क दोनों सही हैं और तर्क अभिकथन का सही स्पष्टीकरण है।
(ii) अभिकथन और तर्क दोनों सही कथन हैं परन्तु तर्क अभिकथन का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(iii) अभिकथन गलत है परन्तु तर्क सही कथन है।
(iv) अभिकथन और तर्क दोनों ही गलत कथन है।
59. अभिकथन – Cu²⁺ आयोडाइड ज्ञात नहीं है।
तर्क – Cu²⁺, l⁻ को आयोडीन में ऑक्सीकृत कर देता है।
60. अभिकथन – Zr और Hf का पृथक्करण कठिन होता है।
तर्क – क्योंकि Zr और Hf आवर्त सारणी के एक ही वर्ग में हैं।
61. अभिकथन – लैथेनॉयडों की तुलना में ऐक्टिनॉयड आपेक्षिक रूप से कम स्थायी संकुल बनाते हैं।
तर्क – ऐक्टिनॉयड बंध बनाने हेतु 6d कक्षकों के साथ अपने 5f कक्षक भी उपयोग में ले सकते हैं, परन्तु लैंथेनॉयड बंध बनाने में अपने 4f कक्षक उपयोग में नहीं लेते।
62. अभिकथन – Cu अम्लों से हाइड्रोजन मुक्त नहीं कर सकता।
तर्क – क्योंकि इसका इलेक्ट्रोड विभव धनात्मक होता है।
63. अभिकथन – ऑस्मियम की उच्चतम ऑक्सीकरण अवस्था +8 है।
तर्क – ऑस्मियम 5d-ब्लॉक तत्व है।
VI. दीर्घ उत्तर प्रश्न
64. A से E को पहचानिए और सम्मिलित अभिक्रियाओं को भी समझाइए।

65. जब वायु के आधिक्य में एक क्रोमाइट अयस्क (A) को सोडियम कार्बोनेट के साथ संगलित किया जाता है और उत्पाद को जल में घोला जाता है तो यौगिक (B) का पीले रंग का विलयन प्राप्त होता है। पीले रंग के विलयन की सल्फ्यूरिक अम्ल से अभिकृत कराने के पश्चात यौगिक (C) को विलयन में से क्रिस्टलीकृत किया जा सकता है। जब यौगिक (C) को KCl के साथ अभिकृत कराते हैं तो यौगिक (D) के नारंगी क्रिस्टल प्राप्त होते हैं। (A) से (D) तक यौगिकों को पहचानिए और अभिक्रियाओं को भी समझाइए।
66. जब मैंगनीज के एक ऑक्साइड (A) को एक ऑक्सीकरण कर्मक की उपस्थिति में KOH के साथ संगलित किया जाता है और जल में घोला जाता है तो यह यौगिक (B) का गहरे हरे रंग का विलयन देता है। उदासीन या अम्लीय विलयन में यौगिक (B) असमानुपतित होकर बैंगनी रंग का यौगिक (C) देता है। यौगिक (C) का क्षारीय विलयन KI विलयन को यौगिक (D) में ऑक्सीकृत कर देता है। (A) से (D) तक यौगिकों को पहचानिए तथा सम्मिलित अभिक्रियाओं को स्पष्ट भी कीजिए।
67. लैंथेनॉयड संकुचन के आधार पर निम्नलिखित को स्पष्ट कीजिए-
(i) La₂O₃ और Lu₂O₃ में बंधन की प्रकृति
(ii) La से Lu तक लैंथेनॉयडों के ऑक्सो-लवणों के स्थायित्व की प्रवृत्ति।
(iii) लैंथेनॉयडों के संकुलों का स्थायित्व।
(iv) 4d और 5d ब्लॉक तत्वों की त्रिज्याएँ।
(v) लैंथेनॉयड ऑक्साइडों के अम्लीय गुण की प्रवृत्ति।
68. (क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(i) प्रथम संक्रमण श्रेणी के कौन-से तत्व की द्वितीय आयनन एन्थैल्पी उच्चतम होती है।
(ii) प्रथम संक्रमण श्रेणी के कौन-से तत्व की तृतीय आयनन एन्थैल्पी उच्चतम होती है।
(iii) प्रथम संक्रमण श्रेणी के कौन-से तत्व की कणीकरण एन्थैल्पी निम्नतम होती है।
(ख) धातु को पहचानिए और अपने उत्तर का औचित्य भी दीजिए।
(i) कार्बोनिल M (CO)₅
(ii) MO₃F
69. उन यौगिकों के प्रकार का उल्लेख कीजिए, जिनमें संक्रमण धातुओं के क्रिस्टल जालक के मध्य H, C और N जैसे छोटे परमाणु फंसे होते हैं। इन यौगिकों के भौतिक और रासायनिक गुण भी दीजिए।
70. (क) संक्रमण धातु उत्प्रेरक के रूप में कार्य कर सकते हैं, क्योंकि ये अपनी ऑक्सीकरण अवस्था परिवर्तित कर सकते हैं। Fe(III) किस प्रकार आयोडीन और परसल्फेट आयनों के मध्य अभिक्रिया को उत्प्रेरित करता है।
(ख) किन्हीं तीन प्रक्रमों का उल्लेख कीजिए, जहाँ संक्रमण धातु उत्प्रेरक के रूप में कार्य करते हैं।
71. मैंगनीज का बैंगनी रंग का यौगिक (A) गरम करने पर वियोजित होकर ऑक्सीजन निष्काषित करता है और मैंगनीच के यौगिक (B) तथा (C) बनते हैं। यौगिक (C) पोटेशियम नाइट्रेट की उपस्थिति में KOH से अभिक्रिया करके यौगिक (B) बनाता है। यौगिक (C) को सांद्र H₂SO₄ और NaCl मिलाकर (A) से (D) तक यौगिकों को पहचानिए और निहित अभिक्रियाओं को स्पष्ट कीजिए।
कक्षा 12 रसायन विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – d- एवं f- ब्लॉक तत्व
यूनिट 8 – d- एवं f- ब्लॉक तत्व के प्रश्नों के उत्तर यहाँ से प्राप्त करें।
I. बहुविकल्प प्रश्न (प्ररुप-I)
1. (ii) 2. (i) 3. (iv) 4. (ii) 5. (i) 6. (ii) 7. (ii) 8. (i) 9. (iv) 10. (iii) 11. (i) 12. (i) 13. (i) 14. (iv) 15. (ii) 16. (iii) 17. (i) 18. (iii) 19. (iv) 20. (iii) 21. (ii)
II. बहुविकल्प प्रश्न (प्ररुप-II)
22. (i), (ii) 23. (i), (iv) 24. (ii), (iii) 25. (ii), (iv) 26. (i), (ii) 27. (ii), (iii) 28. (ii), (iii) 29. (i), (ii) 30. (ii), (iii) 31. (ii), (iii)
III. लघु उत्तर प्रश्न
32. Cu धनात्मक E मान प्रदर्शित करता है।
33. संकेत- Mn²⁺ तथा Zn²⁺ के ऋणात्मक E मान क्रमशः उनके अर्धपूर्ण और पूर्ण विन्यासों के स्थायित्व से संबंधित होते हैं। परन्तु Ni²⁺ का E मान जलयोजन की उच्चतम ऋणात्मक एन्थैल्पी से संबंधित होता है।
34. d⁵ के स्थायित्व के कारण Cr की आयनन एन्थैल्पी निम्न होती है और Zn के लिए मान उच्चतर होता है क्योंकि इसमें इलेक्ट्रॉन 4s कक्षक से निकलता है।
35. संक्रमण धातुओं के उच्च गलनांक ns इलेक्ट्रॉन के अतिरिक्त बड़ी संख्या में (n-1) d इलेक्ट्रॉनों के अंतरापरमाणुक धात्विक बंधन में भाग लेने के कारण होते हैं।
36. संकेत – Cu²⁺ का अपचयन Cu⁺ में हो जाता है।
2Cu²⁺ + 41⁻ →Cu₂I₂ + I₂
(सफेद अवक्षेप)
37. संकेत – Cu₂CI₂ की अपेक्षा CuCI₂ अधिक स्थायी होता है। Cu²⁺ (aq) के अधिक स्थायी होने का कारण है कि Cu²⁺ (aq) की अपेक्षा Cu²⁺ (aq) का ∆ᵧₐH बहुत अधिक ऋणात्मक होता है।
38. A = MnO₂ B = Cl₂ C = NCl₃
MnO₂ + 4HCl → MnCl₂ + Cl₂ + 2H₂O
(A) (B)
NH₃ + 3Cl₂ →NCl₂ + 3HCl
(आधिक्य) (C)
39. संकेत – ऐसा धातुओं के साथ ऑक्सीजन की बहुबंध बनाने की योग्यता के कारण है।
40. संकेत – सममित इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के कारण Cr³⁺ आयन में कक्षीय योगदान नहीं है। परन्तु Co²⁺ आयन में सुप्रेक्षय योगदान पाया जाता है।
41. संकेत – इसका कारण है कि प्रारम्भ में, जब 5f कक्षक भरे जाते हैं तो वे इलेक्ट्रॉनों की आन्तरिक क्रोड को कम वेधित करते हैं। अतः 5f इलेक्ट्रॉन संगत लैंथेनॉयड के 4f इलेक्ट्रॉनों की अपेक्षा नाभिक आवेश से अधिक प्रभावशाली रूप से परिरक्षित होंगे। अतः बाह्रा इलेक्ट्रॉन कम दृढ़ता से बंधे रहते हैं और ये ऐक्टिनॉयडो में बंधन हेतु उपलब्ध रहते हैं।
42. संकेत – लैंथेनॉयड संकुचन के कारण इनका साइड लगभग समान है (Zr, 160 pm और Hf,159 pm)
43. इसका कारण यह है कि Ce एक इलेकट्रॉन खोकर स्थायी इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 4f प्राप्त कर लेता है।
44. KMnO₄ ऑक्सीकरण कर्मक के रूप में कार्य करता है। यह ऑक्सैलिक अम्ल को CO₂ में ऑक्सीकृत करता है और स्वयं Mn²⁺ में परिवर्तित हो जाता है जोकि रंगहीन होता है।
5C₂O²⁻₄ + 2MnO⁻₄ + 16H⁺ → 2Mn2⁺ + 8H₂O + 10CO₂
(रंगीन) (रंगहीन)
45. Cr₂O²⁻₇ OH⁻ ≓ H⁺ C₂O²⁻₄
डाइक्रोमेट क्रोमेट
(नारंगी) (पीला)
46. KMnO₄ का ऑक्सीकरण व्यवहार विलयन की pH पर निर्भर करता है।
अम्लीय माध्यम में (PH>7)
MnO⁻₄ + 8H⁺ + 5e– → Mn2⁺ + 4H₂O
(रंगहीन)
क्षारीय माध्यम में (PH>7)
MnO⁻₄ + e– → MnO²⁻₄
(हरा)
उदासीन माध्यम में (PH=7)
MnO⁻₄ + 2H₂O + 3e– → MnO₂ + 4OH–
(भूरा अवक्षेप)
47. लैथेनॉयड संकुचन के कारण, संक्रमण तत्वों की दूसरी और तीसरी पंक्ति की परमाणु त्रिज्याएँ लगभग बराबर हो जाती हैं। अतः उनमें पहली पंक्ति की अपेक्षा परस्पर अधिक समानता होती है।
48. संकेत – Cu(s) से Cu²⁺ (aq) में परिवर्तन के लिए उच्च आयनन एन्थैल्पी उसकी जलयोजन एनथैल्पी से संतुलित नहीं हो पाती। परन्तु Zn के लिए 4s- कक्षक से इलेक्ट्रॉन निकालने पर स्थायी 3d¹⁰ विन्यास प्राप्त होता है।
49. जैसे-जैसे ऑक्सीकरण अवस्था बढ़ती है, संक्रमण तत्व के आयन का आकार कम हो जाता है। फायानन नियम के अनुसार, जैसे-जैसे धातु आयन का आकार कम होता है, बनने वाले बंध का सहसंयोजक लक्षण बढ़ जता है।
50. n + l नियम- 3d के लिए n + l = 5
4s के लिए n + l = 4
अतः इलेक्ट्रॉन 4s कक्षक में जाएगा।
परमाणु के आयनन के लिए आयनन एन्थैल्पी उत्तरदायी होती है। 4s कक्षक नाभिक से ढीले बंधे होते हैं। अतः इलेक्ट्रॉन 3d से पहले 4s कक्षक से निकलते हैं।
51. [संकेत – ऐसा आयनन एन्थैल्पी के लगातार बढ़ने के कारण होता है।
IV. सुमेलन प्ररुप प्रश्न
IV. सुमेलन प्ररुप प्रश्न
52. (i) → (c) (ii) → (d) (iii) → (b) (iv) → (e) (v) → (a)
53. (i) → (b) (ii) → (a) (iii) → (d) (iv) → (e) (v) → (c)
54. (i) → (c) (ii) → (a) (iii) → (b)
55. (i) → (c) (ii) → (a) (iii) → (e) (iv) → (b)
56. (i) → (d) (ii) → (a) (iii) → (b) (iv) → (e) (v) → (f)
57. (i) → (b) (ii) → (d) (iii) → (a) (iv) → (e) (v) → (c)
58. (i) → (c) (ii) → (d) (iii) → (b) (iv) → (a)
V. अभिकथन एवं तर्क प्ररुप प्रश्न
59. (i) 60. (ii) 61. (iii) 62. (i) 63. (iii)
VI. दीर्घ उत्तर प्रश्न


67. संकेत –
(i) जैसे-जैसे आकार घटता है, सहसंयोजक गुण बढ़ता है। अतः La₂O₃ अधिक आयनिक और Lu₂O₃ अधिक सहसंयोजक है।
(ii) जैसे-जैसे La से Lu तक साइज घटता है, ऑक्सो-लवणों का स्थायित्व भी घटता है।
(iii) जैसे-जैसे लैंथेनॉयडों का आकार घटता है, संकुलों का स्थायित्व बढ़ता है।
(iv) 4d और 5d ब्लॉक तत्वों की त्रिज्याएँ लगभग समान होंगी।
(v) La से Lu तक इनके ऑक्साइडों के अम्लीय गुण बढ़ते हैं।
68.
(क) (i) Cu क्योंकि Cu का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 3d¹⁰4s¹ है। अतः दूसरा इलेक्ट्रॉन पूर्ण भरे d-कक्षक से हटाना होगा।
(ii) Zn, [संकेत – भाग (i) देखें।]
(iii) Zn, [संकेत – धात्विक बन्ध के लिए कोई अयुगलित इलेक्ट्रॉन नहीं है।]
(ख) (i) Fe(CO)₅ [संकेत – EAN नियम]
(ii) MnO₃F [संकेत – Mn +7 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है, बंधन में d-इलेक्ट्रॉन सम्मिलित नहीं होते।
69. अंतरकाशी यौगिक
अभिलक्षणिक गुण-
(i) उच्च गलनांक, शुद्ध धातुओं से अधिक
(ii) बहुत कठोर
(iii) धात्विक चालकता बनी रहती है।
(iv) रासयनिक दृष्टि से अक्रिय।

इस पेज पर दिए गए कक्षा 12 रसायन विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्ने उत्तर – d- एवं f- ब्लॉक तत्व की सहायता से छात्रों की तैयारी अच्छे तरीके से हो सकती है। परीक्षाि में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए और अपनी तैयारी सुदृढ़ तरीके से करने के लिए छात्र इस पेज पर दिए गए महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तरों को देख सकते हैं।
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