रसायन विज्ञान विषय की अच्छी तैयारी के लिए कक्षा 12 रसायन विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – p-ब्लॉक तत्व यहाँ प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे छात्र जो रसायन विज्ञान विषय की परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते है उन्हें अपनी तैयारी के लिए यहाँ p-ब्लॉक तत्व के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर मिल जाएंगे। महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर की जानकारी किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए आवश्यक होती है। इस पेज में NCERT Book के यूनिट 7 – p-ब्लॉक तत्व के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।
श्रोत: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद्
कक्षा: 12
विषय: रसायन विज्ञान
अध्याय: यूनिट 7 – p-ब्लॉक तत्व
कक्षा 12 रसायन विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – p-ब्लॉक तत्व
कक्षा 12 रसायन विज्ञान विषय के यूनिट 7 – p-ब्लॉक तत्व के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर यहाँ प्राप्त करें।
I. बहुविकल्प प्रश्न (प्ररुप-I)
1 क्लोराइड लवण में सांद्र H₂SO₄ मिलाने पर रंगहीन धून बनते हैं, परन्तु आयोडाइड लवण के साथ बैंगनी धून बनते हैं। इसका कारण हैं-
(i) H₂SO₄, HI को I₂ में अपचित कर देता है।
(ii) HI बैंगनी रंग का होता है।
(iii) HI का ऑक्सीकरण I₂ में हो जाता है।
(iv) HI, HIO₃ में परिवर्तित हो जाता है।
2. गुणात्मक विश्लेषण में जब लवण के तनु HCl द्वारा अम्लीकृत जलीय विलयन में से H₂S प्रवाहित की जाती है, तो एक काला अवक्षेप प्राप्त होता है। अवक्षेप को तनु HNO₃ के साथ मिलाकर उबालने पर एक नीले रंग का विलयन बनता है। इस विलयन में अमोनिया का जलीय विलयन आधिक्य में मिलाने से यह देता है _________ ।
(i) Cu ( OH ) ₂ का गहरा नीला अवक्षेप।
(ii) [Cu ((NH₃)₄]²⁺ का गहरा नीला विलयन।
(iii) Cu(NO₃)₂ का गहरा नीला विलयन।
(iv) Cu ( OH ) ₂.Cu(NO₃)₂ का गहरा नीला विलयन।
3. साइक्लोट्राइमेटाफॉस्फोरिक अम्ल के एक अणु में कितने एकल बंध और कितने द्वि-बंध होते हैं।
(i) 3 द्वि-बंध; 9 एकल बंध
(ii) 6 द्वि-बंध; 6 एकल बंध
(iii) 3 द्वि-बंध; 12 एकल बंध
(iv) शून्य द्वि-बंध; 12 एकल बंध
4. निम्नलिखित में से कौन-से तत्व pπ–dπ बंधन बना सकते हैं।
(i) कार्बन
(ii) नाइट्रोजन
(iii) फास्फोरस
(iv) बोरॉन
5. निम्नलिखित में से कौन-सा आयनों को युगल समइलेक्ट्रॉनी और समसंरचनात्मक है।
(i) CO ²⁻₃ , NO⁻₃
(ii) ClO⁻₃ , CO ²⁻₃
(iii) SO ²⁻₃ , NO⁻₃
(iv) ClO⁻₃ , SO²⁻₃
6. समूह में हाइड्रोजन के प्रति बंधुता फ्लुओरीन से आयोडीन की और घटती है। निम्नलिखित में से किस हैलोजन अम्ल की बंध वियोजन एन्थैल्पी सर्वाधिक होगी।
(i) HF
(ii) HCl
(iii) HBr
(iv) HI
7. E—H (E = तत्व) की बंध वियोजन एन्थैल्पियाँ नीचे दी गई हैं। इनमें से कौन-सा यौगिक प्रबलतम अपचयन कर्मक होगा।
यौगिक NH₃ PH₃ AsH₃ SbH₃
∆disss (E—H)/kJ mol⁻¹ 389 322 297 255
(i) NH₃
(ii) PH₃
(iii) AsH₃
(iv) SbH₃
8. सफेद फॉस्फोरस CO₂ के अक्रिय वातावरण में सांद्र NaOH विलयन के साथ गरम करने पर एक गैस बनाता है। इस गैस के लिए निम्निलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है।
(i) यह अत्यधिक विषैली होती है और सड़ी मछली जैसी गंध वाली होती है।
(ii) प्रकाश की उपस्थिति में इसका जलीय विलयन अपघटित हो जाता है।
(iii) यह NH₃ की अपेक्षा अधिक क्षारकीय होती है।
(iv) यह NH₃ से कम क्षारकीय होती है।
9. निम्नलिखित में से कौन-सा अम्ल लवणों की तीन श्रेणियाँ बनाता है।
(i) H₃PO₂
(ii) H₃BO₃
(iii) H₃PO₄
(iv) H₃PO₃
10. H₃PO₂ के प्रबल अपचायक व्यवहार का कारण है ___________ ।
(i) फॉस्फोरस की निम्न ऑक्सीकरण अवस्था।
(ii) दो -OH समूहों और एक P–H बंध की उपस्थिति।
(iii) एक -OH समूहों और एक P–H बंध की उपस्थिति।
(iv) फॉस्फोरस की उच्च इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी।
11. लेड नाइट्रेट को गरम करने पर वह नाइट्रोजन और लेड के ऑक्साइड बनाता है। बनने वाले ऑक्साइड हैं ___________ ।
(i) N₂O, PbO
(ii) NO₂, PbO
(iii) NO, PbO
(iv) NO, PbO₂
12. निम्नलिखित तत्वों में से कौन-सा तत्व अपररूपता प्रदर्शित नहीं करता।
(i) नाइट्रोजन
(ii) बिसमथ
(iii) ऐन्टिमनी
(iv) आर्सेनिक
13. नाइट्रोजन की अधिकतम सहसंयोजकता ___________ होती है।
(i) 3
(ii) 5
(iii) 4
(iv) 6
14. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन गलत है।
(i) एकल N–N बंध, एकल P–P बंध की तुलना में अधिक प्रबल होता है।
(ii) संक्रमण तत्वों के साथ उपसहसंयोजक यौगिक बनाने में PH₃ एक लिगन्ड के रूप में कार्य कर सकता है।
(iii) NO₂ की प्रकृति अनुचुम्बकीय होती है।
(iv) N₂O₅ में नाइट्रोजन की सहसंयोजकता चार है।
15. NO⁻₃ आयन के वलय परीक्षण में एक भूरे रंग का वलय बनता है। इसके बनने का कारण है ___________ ।
(i) [Fe(H₂O) ₅ (NO)]²⁺
(ii) FeSO₄,NO₂
(iii) [Fe(H₂O)₄ (NO)₂]²⁺
(iv) FeSO₄,HNO₃
16. वर्ग -15 के तत्व +5 ऑक्सीकरण में यौगिक बनाते हैं। परन्तु बिसमथ +5 ऑक्सीकरण अवस्था में केवल एक अभिलक्षणिक यौगिक बनाता है। यह यौगिक है ___________ ।
(i) Bi₂O₅
(ii) BiF₅
(iii) BiCl₅
(iv) Bi₂S₅
17. अमोनियम डाइक्रोमेट और बेरियम ऐजाइड को अलग-अलग गरम करने पर हमें प्राप्त होता है ___________ ।
(i) दोनों से N₂
(ii) अमोनियम डाइक्रोमेट से N₂ और बेरियम ऐसाइड से NO
(iii) अमोनियम डाइक्रोमेट से N₂O और बेरियम ऐजाइड से N₂
(iv) अमोनियम डाइक्रोमेट से N₂O और बेरियम ऐजाइड से NO₂
18. HNO₃ के विरचन में, हमें अमोनिया के उत्प्रेरकी ऑक्सीकरण से NO गेस मिलती है। दो मोल NH₃ के ऑक्सीकरण से प्राप्त NO के मोल होंगे ___________ ।
(i) 2
(ii) 3
(iii) 4
(iv) 6
19. यौगिक NaH₂PO₂ के ऋणायन में केंद्रीय परमाणु की ऑक्सीकरण अवस्था होगी___________ ।
(i) +3
(ii) +5
(iii) +1
(iv) -3
20. निम्नलिखित में से कौन-सा चतुष्फलकीय आकृति का नहीं है।
(i) NH⁺₄
(ii) SiCl₄
(iii) SF₄
(iv) SO²⁻₄
21. निम्नलिखित में से कौन-से सल्फर के परॉक्सोअम्ल है।
(i) H₂SO₅ और H₂S₂O₈
(ii) H₂SO₅ और H₂S₂O₇
(iii) H₂S₂O₇ और H₂S₂O₈
(iv) H₂S₂O₆ और H₂S₂O₇
22. गरम सांद्र H₂SO₄ मध्यम प्रबलता के ऑक्सीकरण कर्मक के समान कार्य करता है। यह धातुओं और अधातुओं दोनों का ऑक्सीकरण करता है। निम्नलिखित में से कौन-सा तत्व सांद्र H₂SO₄ से दो गैसीय उत्पादों में आक्सीकृत है।
(i) Cu
(ii) S
(iii) C
(iv) Zn
23. मैंगनीज का एक काले रंग का यौगिक, एक हैलोजन अम्ल से अभिक्रिया करके हरी-पीली गैस देता है। जब यह गैस आधिक्य में NH₃ से अभिक्रिया करती है तो एक अस्थायी ट्राइहैलाइड बनता है। इस प्रक्रम में नाइट्रोजन की ऑक्सीकरण अवस्था में परिवर्तन होता है ___________ ।
(i) -3 से +3
(ii) -3 से 0
(iii) -3 से +5
(iv) 0 से -3
24. Xe के यौगिक के विरचन में बार्टलेट ने O⁺₂ Pt F⁻₆ को आधार यौगिक के रूप में लिया, क्योंकि –
(i) O₂ और Xe दोनों एक ही साइज के हैं।
(ii) O₂ और Xe दोनों की विद्युत ऋणात्मकता समान है।
(iii) O₂ और Xe दोनों की आयनन एन्थैल्पी लगभग समान है।
(iv) Xe और O₂ दोनों गैस हैं।
25. ठोस अवस्था में PCl₅ ___________ ।
(i) सहसंयोजक यौगिक होता है।
(ii) की संरचना अष्टफलकीय होती है।
(iii) आयनी ठोस होता है जिसमें [PCl₆]⁺ अष्टफलक और [PCl₄]⁻ चतुष्फलक होते हैं।
(iv) आयनी ठोस होता है जिसमें [PCl₄]⁺ चतुष्फलक और [PCl₆]⁻ अष्टफलक होते हैं।
26. कुछ आयनों के अपचयन विभव नीचे दिए गए हैं। उन्हें ऑक्सीकरण सामर्थ्य के घटते क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
आयन ClO⁻₄ IO⁻₄ BrO⁻₄
अपचयन विभव E=1.19V E=1.65V E=1.74V
E/V
(i) ClO⁻₄ > IO⁻₄ > BrO⁻₄
(ii) O⁻₄ > BrO⁻₄ > ClO⁻₄
(iii) BrO⁻₄ > IO⁻₄ > ClO⁻₄
(iv) BrO⁻₄ > ClO⁻₄ > IO⁻₄
27. निम्नलिखित में से कौन-सा समइलेक्ट्रॉनी युगल है।
(i) ICl₂, ClO₂
(ii) BrO⁻₂, BrF⁺₂
(iii) ClO₂, BrF
(iv) CN⁻, O₃
II. बहुविकल्प प्रश्न (प्ररूप-II)
नोट – निम्नलिखित प्रश्नों में दो या इससे अधिक विकल्प सही हो सकते हैं।
28. यदि क्लोरीन गैस NaOH के गरम विलयन में से प्रवाहित की जाए तो क्लोरीन की ऑक्सीकरण संख्या में दो परिवर्तन प्रेक्षित होते हैं। यह हैं ___________ और ___________ ।
(i) 0 से +5
(ii) 0 से +3
(iii) 0 से -1
(iv) 0 से +1
29. निम्नलिखित में से कौन-से विकल्प उनके उल्लेखित गुण के अनुरूप नहीं हैं।
(i) F₂ > Cl₂ > Br₂ > I₂ ऑक्सीकरण सामर्थ्य
(ii) MI > MBr > MCl > MF आयनी गुण
(iii) F₂ > Cl₂ > Br₂ > I₂ बंध वियोजन एन्थैल्पी
(iv) HI < HBr < HCl < HF हाइड्रोजन-हैलोजन बंध सामर्थ्य
30. निम्नलिखित में से सफेद फॉस्फोरस के P₄ अणु के लिए क्या सही है।
(i) इसमें इलेक्ट्रॉनों के 6 एकाकी युगल होते हैं।
(ii) इसमें छः P–P एकल बंध होते हैं।
(iii) इसमें तीन P–P एकल बंध होते हैं।
(iv) इसमें इलेक्ट्रॉनों के चार एकाकी युगल होते हैं।
31. निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही है।
(i) हैलोजनों में आयोडीन और फ्लुओरीन के मध्य त्रिज्याओं का अनुपात सर्वाधिक होता है।
(ii) F—F बंध को छोड़कर सभी हैलोजनों में X—X बंध अंतराहैलोजनों के X—X बंध से कमजोर होता है।
(iii) अंतराहैलोजनों में से आयोडीन फ्लुओराइड में अधिकतम अणु होते हैं।
(iv) अंतराहैलोजन यौगिक हैलोजन यौगिकों की अपेक्षा अधिक क्रियाशील होते हैं।
32. SO₂ गैस के लिए निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य है।
(i) यह नम अवस्था में विरंजक के समान कार्य करती है।
(ii) इसके अणु की ज्यामिति रैखिक होती है।
(iii) इसके तनु विलयन का उपयोग रोगाणुनाशी के रूप में किया जाता है।
(iv) इसे धातु सल्फाइड के साथ तनु H₂SO₄ की अभिक्रिया द्वारा बनाया जा सकता है।
33. निम्नलिखित में कौन-से कथन सत्य हैं।
(i) HNO₃ में तीनों N—O आबंध बराबर लम्बाई के होते हैं।
(ii) गैसीय अवस्था में PCl₅ के अणु के सभी P—Cl आबंधों की लम्बाई बराबर होती है।
(iii) श्वेत फास्फोरस के P₄ अणुओं में कोणीय तनाव होता है अतः यह अत्यधिक क्रियाशील होता है।
(iv) PCl ठोस अवस्था में आयनी होता है जिसमें धनायन चतुष्फलक और ऋणायन अष्टफलक होता है।
34. निम्नलिखित में से कौन-से क्रम उनके समक्ष उल्लेखित गुणों के अनुसार सही है।
(i) As₂O₃ < SiO₂ < P₂O₃ < SO₂ अम्ल सामर्थ्य
(ii) AsH₃ < PH₃ < NH₃ वाष्पन की एन्थैल्पी
(iii) S < O < Cl < F अधिक ऋणात्मक इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी
(iv) H₂O > H₂S > H₂Se > H₂Te ऊष्मीय स्थायित्व
35. निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही है।
(i) H₂S₂O₆ में S–S बंध उपस्थित होता है।
(ii) परॉक्सोसल्फ्यूरिक अम्ल (H₂SO₅) में सल्फर +6 ऑक्सीकरण अवस्था में है।
(iii) NH₃ बनाने की हाबर विधि में Al₂O₃ तथा K₂O के साथ आयरन चूर्ण का उपयोग उत्प्रेरक के रूप में किया जाता है।
(iv) SO₂ के उत्प्रेरंकी ऑक्सीकरण द्वारा SO₃ के विरचन में एन्थैल्पी में धनात्मक परिवर्तन होता है।
36. निम्नलिखित अभिक्रियाओं में से किनमें सांद्र H₂SO₄ का उपयोग ऑक्सीकरण कर्मक के रूप में होता है।
(i) CaF₂ + H₂SO₄ →CaSO₄ + 2HF
(ii) 2HI + H₂SO₄ →I₂ + SO₂ + 2H₂O
(iii) Cu + 2H₂SO₄ → CuSO₄ + SO₂ + 2H₂O
(iv) NaCl + H₂SO₄ →NaHSO₄ + HCl
37. निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं।
(i) उत्कृष्ट गैसों के कणों के मध्य अन्योन्य क्रियाएँ केवल दुर्बल परिक्षेपण बलों के कारण होती है।
(ii) आण्विक ऑक्सीजन की आयनन एन्थैल्पी जीनॉन की आयनन एन्थैल्पी के अत्यधिक निकट होती है।
(iii) XeF₆ की जलअपघटन अभिक्रिया रेडॉक्स अभिक्रिया है।
(iv) जीनॉन के फ्लुओराइड अभिक्रियाशील नहीं होते।
III. लघु उत्तर प्रश्न
38. H₂SO₄ बनाने की सम्पर्क विधि में, SO₃ को जल में सीधे अवशोषित करके H₂SO₄ क्यों नहीं बनाते।
39. NH₃ का वायवीय ऑक्सीजन से उत्प्रेरकी ऑक्सीकरण प्रदर्शन करने वाली अभिक्रिया की संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
40. पाइरोफॉस्फोरिक अम्ल की संरचना लिखिए।
41. PH₃ को धीमी गति से जल में प्रवाहित करने पर यह बुलबुले बनाती है जबकि NH₃ विलेय हो जाती है। समझाइए क्यों।
42. PCl₅ में फॉस्फोरस sp³d संकरित अवस्था में होता है, परन्तु इसके सभी पाँच बंध तुल्य नहीं होते। कारण देकर अपने उत्तर का औचित्य बताइए।
43. नाइट्रिक ऑक्साइड गैसीय अवस्था में अनुचुम्बकीय होता है परन्तु इसे ठंडा करके प्राप्त ठोस अवस्था में यह प्रतिचुम्बकीय क्यों हो जाता है।
44. कारण देकर समझाइए कि ClF₃ पाया जाता है परन्तु FCl₃ क्यों नहीं।
45. H₂O और H₂S में से किसका बंध कोण अधिक है और क्यों।
46. SF₆ ज्ञात है परन्तु SCl₆ नहीं। क्यों।
47. Cl₂ से अभिक्रिया करके, फॉस्फोरस ‘A’ और ‘B’ दो प्रकार के हैलाइड बनाता है। हैलाइड ‘A’ पीत-श्वेत चूर्ण है जबकि हैलाइड ‘B’ एक रंगहीन तैलीय द्रव होता है। ‘A’ और ‘B’ को पहचानिए तथा इनके जल अपघटन उत्पादों के सूत्र लिखिए।
48. NO⁻₃ आयन के वलय परीक्षण में, Fe²⁺ आयन नाइट्रेट आयन को नाइट्रिक ऑक्साइड में अपचित कर देते हैं, जो Fe²⁺ (aq) आयनों से जुड़कर भूरे रंग का संकुल बनाता है। भूरे वलय के बनने में सम्मिलित अभिक्रियाओं को लिखिए।
49. समझाइए कि क्लोरीन के ऑक्सीअम्लों का स्थायित्व नीचे दिए क्रमानुसार क्यों बढ़ता है।
HClO < HClO₂ < HClO₃ < HClO₄
50. स्पष्ट कीजिए कि ओजोन ऊष्मागतिकीय रूप से ऑक्सीजन की अपेक्षा कम स्थायी क्यों होती है।
51. P₄O₆ जल से P₄O₆ + 6H₂O →4H₃PO₃ अभिक्रिया के अनुसार क्रिया करता है। 1.1 g P₄O₆ को H₂O में घोलने पर बने अम्ल के उदासीनीकरण हेतु आवश्यक 0.1 M NaOH विलयन का आयतन परिकलित कीजिए।
52. श्वेत फॉस्फोरस क्लोरीन से अभिक्रिया करता है और बनने वाला उत्पाद जल की उपस्थिति में जल अपघटित हो जाता है। जल की उपस्थिति में 62 g श्वेत फॉस्फोरस की क्लोरीन से अभिक्रिया कराने पर प्राप्त उत्पाद के जल अपघटन से बनने वाले HCl का द्रव्यमान पिरकलित कीजिए।
53. नाइट्रोजन के तीन ऑक्सोअम्लों के नाम दीजिए। नाइट्रोजन के उस ऑक्सोअम्ल की असमानुपातन अभिक्रिया लिखिए, जिसमें नाइट्रोजन +3 ऑक्सीकरण अवस्था में है।
54. नाइट्रिक अम्ल P₄O₁₀ से अभिक्रिया करके नाइट्रोजन का एक ऑक्साइड बनाता है। इससे संबंधित अभिक्रिया लिखिए। बनने वाले नाइट्रोजन के ऑक्साइड की अनुनादी संरचनाएँ भी दीजिए।
55. फॉस्फोरस के तीन अपररूप होते हैं- (i) श्वेत फॉस्फोरस (ii) लाल फॉस्फोरस और (iii) काला फॉस्फोरस। संरचना तथा अभिक्रियाशीलता के आधार पर श्वेत और लाल फॉस्फोरस के बीच अन्तर लिखिए।
56. नाइट्रिक अम्ल की ऑक्सीकरण अभिक्रिया में उत्पाद के बनने पर नाइट्रिक अम्ल की सांद्रता का प्रभाव पड़ता है, इसे एक उदाहरण द्वारा प्रदर्शित कीजिए।
57. PCl₅ को सूक्ष्म विभाजित सिल्वर के साथ गरम करने पर श्वेत रंग का सिल्वर का लवण बनाता है जो जलीय NH₃ का आधिक्य मिलाने पर विलेय हो जाता है। संबंधित अभिक्रियाएँ लिखकर स्पष्ट कीजिए कि ऐसा क्यों होता है।
58. फॉस्फोरस बहुत से ऑक्सोअम्ल बनाता है। इन ऑक्सोअम्लों में से फॉस्फीनिक अम्ल प्रबल अपचायक गुण वाला है। इसकी संरचना लिखें और इसके अपचायक व्यवहार को दर्शाने वाली एक अभिक्रिया लिखें।
IV. सुमेेलन प्ररुप प्रश्न
नोट – निम्नलिखित प्रश्नों में कॉलम I कॉलम II के मदों को सुमेलित कीजिए।
59. कॉलम I में दिए गए यौगिकों को कॉलम II में दिए गए संकरण और संरचनाओं को सुमेलित कीजिए और निम्नलिखित कोडों में से सही कोड का चयन कीजिए।
कॉलम I
(A) Xe F₆
(B) Xe O₃
(C) Xe OF₄
(D) Xe F₄
कॉलम II
(1) sp³d³ – विकृत अष्टफलकीय
(2) sp³d² – वर्ग समतलीय
(3) sp³ – पिरैमिडी
(4) sp³ d² – वर्ग पिरैमिडी
कोड –
(i) A (1) B (3) C (4) D (2)
(ii) A (1) B (2) C (4) D (3)
(iii) A (4) B (3) C (1) D (2)
(iv) A (4) B (1) C (2) D (3)
60. कॉलम I में दिए गए ऑक्साइडों के सूत्रों को कॉलम II में दिए गए ऑक्साइडों के प्रकारों से सुमेलित कीजिए और निम्नलिखित कोडों में से सही कोड का चयन कीजिए।
कॉलम I
(A) Pb₃O₄
(B) N₂O
(C) Mn₂O₇
(D) Bi₂O₃
कॉलम II
(1) उदासीन ऑक्साइड
(2) अम्लीय ऑक्साइड
(3) क्षारकीय ऑक्साइड
(4) मिश्रित ऑक्साइड
कोड –
(i) A (1) B (2) C (3) D (4)
(ii) A (4) B (1) C (2) D (3)
(iii) A (3) B (2) C (4) D (1)
(iv) A (4) B (3) C (1) D (2)
61. कॉलम I और कॉलम II की विषय-वस्तुओं को सुमेलित कीजिए और निम्नलिखित कोडों में से सही कोड का चयन कीजिए।
कॉलम I
(A) H₂SO₄
(B) CCl₃NO₂
(C) Cl₂
(D) सल्फर
कॉलम II
(1) उच्चतम इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी
(2) केल्कोजन
(3) अश्रुगैस
(4) संचायक बैटरी
कोड –
(i) A (4) B (3) C (1) D (2)
(ii) A (3) B (4) C (1) D (2)
(iii) A (4) B (1) C (2) D (3)
(iv) A (2) B (1) C (3) D (4)
62. कॉलम I में दी गई स्पीशीज को कॉलम II में दी गई संरचनोओं से सुमेलित कीजिए और निम्नलिखित कोडों में से सही कोड का चयन कीजिए।
कॉलम I
(A) SF₄
(B) BrF₃
(C) BrO⁻₃
(D) NH⁺₄
कॉलम II
(1) चतुष्फलकीय
(2) पिरैमिडी
(3) ढेंकुली (सी-सा) आकृति का
(4) बंकित T-आकृति का
कोड-
(i) A (3) B (2) C (1) D (4)
(ii) A (3) B (4) C (2) D (1)
(iii) A (1) B (2) C (3) D (4)
(iv) A (1) B (4) C (3) D (2)
63. कॉलम I और कॉलम II की विषय-वस्तुओं को सुमेलित कीजिए और निम्मलिखित कोडों में से सही कोड का चयन कीजिए।
कॉलम I
(A) इसका आंशिक जलअपघटन केंद्रीय परमाणु की ऑक्सीकरण अवस्था को परिवर्तित नहीं करता।
(B) यह आधुनिक गोताखोरी उपकरणों में काम में लिया जाता है।
(C) यह बिजली के बल्वों में अक्रिय वातावरण उपलब्ध कराने हेतु उपयोग में लाया जाता है।
(D) इसके केंद्रीय परमाणु का संकरण sp³d² होता है।
कॉलम II
(1) He
(2) XeF₆
(3) XeF₄
(4) Ar
कोड –
(i) A (1) B (4) C (2) D (3)
(ii) A (1) B (2) C (3) D (4)
(iii) A (2) B (1) C (4) D (3)
(iv) A (1) B (3) C (2) D (4)
V. अभिकथन एवं तर्क प्ररुप प्रश्न
नोट – निम्नलिखित प्रश्नों में अभिकथन के पश्चात संगत तर्क का कथन दिया है। निम्नलिखित विकल्पों में से कथन का चयन करके सही उत्तर दीजिए।
(i) अभिकथन और तर्क दोनों सही हैं और तर्क अभिकथन का सही स्पष्टीकरण है।
(ii) अभिकथन और तर्क दोनों सही हैं परन्तु तर्क अभिकथन का स्पष्टीकरम नहीं हैं।
(iii) अभिकथन सही है परन्तु तर्क गलत कथन है।
(iv) अभिकथन गलत है परन्तु तर्क सही कथन है।
(v) अभिकथन और तर्क दोनों ही गलत कथन है।
64. अभिकथन – P₄ की अपेक्षा N₂ कम अभिक्रियाशील है।
तर्क – नाइट्रोजन की इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी फॉस्फोरस की तुलना में अधिक है।
65. अभिकथन – HNO₃ आयरन को निष्क्रिय बना देता है।
तर्क – HNO₃ आयरन की सतह पर फेरिक नाइट्रेट की संरक्षी परत बनाता है।
66. अभिकथन – KI की सांद्र H₂SO₄ के साथ अभिक्रिया से HI नहीं बनाया जा सकता।
तर्क – हैलोजन अम्लों में से HI के H–X बंध का बंध सामर्थ्य सबसे कम है।
67. अभिकथन – विषमलंबाक्ष और एकनताक्ष, दोनों प्रकार के गंधक S₈ के रूप में रहते हैं परन्तु ऑक्सीजन O₂ के रूप में रहती है।
तर्क – छोटे साइज और छोटी बंध लम्बाई के कारण ऑक्सीजन pπ – pπ बहुबंध बनाती है, परन्तु सल्फर में pπ – pπ बंधन संभव नहीं है।
68. अभिकथन – NaCl सांद्र H₂SO₄ से अभिक्रिया करके तीखी गंध वाले रंगहीन धूम बनाता है। परन्तु MnO₂ मिलाने पर धूम हरे-पीले को जाते हैं।
तर्क – MnO₂, HCl का क्लोरीन गैस में ऑक्सीकरण कर देता है, जो हरी-पीली होती है।
69. अभिकथन – SF₆ का जलअपघटन नहीं हो सकता परन्तु SF₄ का हो सकता है।
तर्क – SF₆ के छः F परमाणु, SF₆ के सल्फर परमाणु पर H₂O के आक्रमण को रोकते हैं।
VI. दीर्घ उत्तर प्रश्न
70. एक अक्रिस्टलीय ठोस “A” वायु में जलकर एक गैस “B” बनाता है, जो चूने के पानी को दूधिया कर देती है। यह गैस सल्फाइड अयस्क के भर्जन के समय भी उप-उत्पाद के रूप में बनती है। यह गैस KMnO₄ के अम्लीकृत जलीय विलयन को रंगहीन कर देती है और Fe³⁺ को Fe²⁺ में अपचित कर देती है। ठोस “A” तथा गैस “B” को पहचानिए तथा संबंधित अभिक्रियाएँ लिखिए।
71. लेड (II) नाइट्रेट गरम करने पर भूरे रंग की गैस ‘A’ देता है। गैस ‘A’ ठंडा करने पर रंगहीन ठोस ‘B’ में परिवर्तित हो जाती है। ठोस ‘B’ को NO के साथ गरम करने पर यह नीले रंग के ठोस ‘C’ में परिवर्तित हो जाता है। ‘A’, ‘B’ और ‘C’ को पहचानिए। संबंधित अभिक्रियाएँ लिखिए तथा ‘B’ और ‘C’ की संरचनाएँ भी लिखिए।
72. यौगिक (A) गरम करने पर एक गैस (B) देता है, जो वायु की अवयव है। जब इस गैस के 1 mol की अभिक्रिया हाइड्रोजन (H₂) के 3 mol से कराई जाती है तो एक दूसरी गैस (C) बनती है जो क्षारकीय प्रकृति की होती है। गेस (C) के नम अवस्था में ऑक्सीकरण पर यौगिक (D) बनता है, जो अम्ल वर्षा का एक भाग होता है। (A) से (D) तक यौगिकों की पहचान कीजिए तथा सभी पदों के लिए आवश्यक समीकरण भी दीजिए।
कक्षा 12 रसायन विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – p-ब्लॉक तत्व
यूनिट 7 – p-ब्लॉक तत्व के प्रश्नों के उत्तर यहाँ से प्राप्त करें।
I. बहुविकल्प प्रश्न (प्ररूप-I)
1. (iii) 2. (ii) 3. (i) 4. (iii) 5. (i) 6. (i) 7. (iv) 8. (iii) 9. (iii) 10. (iii) 11. (ii) 12. (i) 13. (iii) 14. (i) 15. (i) 16. (ii) 17. (i) 18. (i) 19. (iii) 20. (iii) 21. (i) 22. (iii) 23. (i) 24. (iii) 25. (iv) 26. (iii) 27. (ii)
II. बहुविकल्प प्रश्न (प्ररूप-II)
28. (i), (iii) 29. (ii), (iii) 30. (ii), (iv) 31. (i), (iii), (iv) 32. (i), (iii) 33. (iii), (iv) 34. (i), (iv) 35. (i), (ii) 36. (ii), (iii) 37. (i), (ii)
III. लघु उत्तर प्रश्न
38. अम्ल कुहरा बन जाता है, जिसका संघनित होना कठिन होता है।
41. NH₃ जल के साथ हाइड्रोजन बंध बनाती है अतः उसमें विलेय हो जाती है, परन्तु PH₃ जल के साथ हाइड्रोजन बंध नहीं बना पाती और यह गैस के रूप में ही बाहर निकल जाती है।
42 संकेत – इसकी ज्यामिति त्रिकोणीय द्विपिरैमिडी होती है।
43. गैसीय अवस्था में NO₂ एकलक रूप में रहती है जिसमें इससे एक अयुगलित इलेक्ट्रॉन होता है, परन्तु द्रव N₂O₄ अवस्था में आ जाती है और इसमें अब कोई अयुगलित इलेक्ट्रॉन नहीं होता। अतः ठोस अवस्था में यह प्रतिचुंबकीय होती है।
44. क्योंकि क्लोरीन की तुलना में फ्लुओरीन अधिक ऋणविद्युती है।
45. H₂O का आबंध कोण अधिक होगा क्योंकि ऑक्सीजन सल्फर से अधिक ऋण विद्युती होती है अतः O–H बंध इलेक्ट्रॉनों का बंध युगल ऑक्सीजन के निकट होगा और O–H बंधों के बंध युगलों के मध्य अधिक बंध युगल-बंध युगल विकर्षण होगा।
46. फ्लुओरीन का आकार छोटा होने के कारण, सल्फर के चारों ओर 6 F आयन समंजित हो सकते हैं, जबकि क्लोराइड आयन तुलनात्मक रूप से बड़े आकार के होते हैं अतः उनके मध्य अंतरा आयनिक विकर्षण होगा।
47. A यौगिक PCl₅ है (यह पीत-श्वेत चूर्ण होता है)
P₄ + 10Cl₂ →4PCl₅
B यौगिक PCl₃ है (यह रंगहीन तैलीय द्रव होता है)
P₄ + 6Cl₂ →4PCl₃
जलअपघटन उत्पाद निम्नलिखित प्रकार से बनते हैं-
PCl₃ + 3H₂O →H₃PO₃+3HCl
PCl₅ + 4H₂O →H₃PO₄+5HCl
48. NO⁻₃ + 3Fe²⁺ + 4H⁺→ NO + 3Fe³⁺ + 2H₂O
[Fe(H₂O)₈]²⁺ + NO →[Fe(H₂O)₅ (NO)]²⁺ + H₂O
(भूरा संकुल)
49. ऑक्सीजन, क्लोरीन की तुलना में अधिक ऋणविद्युती होती है। अतः क्लोरीन पर उपस्थित ऋण आवेश का परिक्षेपण ClO⁻ से ClO⁻₄ तक बढ़ता चला जाता है क्योंकि क्लोरीन से जुड़े ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है। अतः आयनी के स्थायित्व में निम्नलिखित क्रमानुसार वृद्धि होगी-
ClO⁻ < ClO ⁻₂ < ClO ⁻₃ < ClO⁻₄
इस प्रकार संयुग्मी क्षारक के स्थायित्व में वृद्धि के कारण, संगत अम्ल का सामर्थ्य निम्नलिखित क्रम में बढ़ेगा-
HClO < HClO₂ < HClO₃ < HClO₄
50. एन.सी.ई.आर.टी.की कक्षा 12 की पाठ्यपुस्तक का पृष्ठ 191 देखें।
51. P₄O₈ + 6H₂O → 4H₃PO₃
H₃PO₃ + 2NaOH → Na₂ HPO₃ + 2H₂O] × 4 (उदासीनीकरण अभिक्रिया)
P₄O₆ + 8NaOH → 4Na₂ HPO₄ + 2H₂O
1 mol 8 mol
∴ 1.1/220 mol P₄O₆ से बने उत्पाद को उदासीन करेंगे NaOH के 1.1/220 × 8 mol
NaOH विलयन की मोलरता 0.1M है।
अतः NaOH के 0.1 mol, 1 L विलयन में उपस्थित हैं।
∴ 1.1/220 × 8 mol NaOH उपस्थित होंगे 1.1× 8/220× 0.1L = 88/220 L = 4/10L=0.4 L= 400 mL NaOH विलयन में
52. P₄ + 6Cl₂→4PCl₃
PCl₃ + 3H₂O → H₃PO₃ + 3HCl × 4
P₄ + 6Cl₂ + 12H₂O → 4H₃PO₃ + 12HCl
1 mol श्वेत फॉस्फोरस 12 mol HCl बनाता है।
इसलिए 62g श्वेत फॉस्फोरस 62/124=1/2 mol HCl के तुल्य है अतः HCl के 6 mol बनेंगे 6 mol HCl का द्रव्यमान = 6 × 36.5 = 210 g
53. नाइट्रोजन के तीन ऑक्सोअम्ल हैं-
(i) HNO₂, नाइट्स अम्ल
(ii) HNO₃, नाइट्रिक अम्ल
(iii) H₂N₂O, हाइपोनाइट्स अम्ल
3HNO₂ असमानुपातन HNO₃ + H₂O + 2NO
55. (a) • संरचनाएँ (एन.सी.ई.आर.टी. की कक्षा XII की पाठ्यपुस्तक देखें)
• श्वेत फॉस्फोरस विविक्त चतुष्फलकीय अणु होता है। इसकी चतुष्फलकीय संरचना होती है जिसमें छः P–P बंध होते हैं।
• लाल फॉस्फोरस की बहुलकी संरचना होती है जिसमें P₄ चतुष्फलक परस्पर P—P बंधों द्वारा जुड़े रहते हैं।
(b) अभिक्रियाशीलता
श्वेत फॉस्फोरस, लाल फॉस्फोरस की तुलना में बहुत अधिक अभिक्रियाशील होता है। इसका कारण है कि श्वेत फॉस्फोरस के P₄ अणओं में बध कोण केवल 60° के होते हैं जिससे कोणीय तनाव रहता है।
56. तनु और सांद्र नाइट्रिक अम्ल कॉपर धातु से अभिक्रिया करके अलग-अलग उत्पाद देते हैं।
3Cu + 8HNO₃ (तनु) → 3Cu(NO₃)₂ + 2NO + 4H₂O
Cu + 4HNO₃ (सांद्र) → 3Cu(NO₃)₂ + 2NO + 2H₂O
57. PCl₅ + 2Ag → 2AgCl + PCl₃
AgCl + 2NH₃ (aq) →[Ag(NH₃)₂]⁺Cl⁻
विलेय संकुल
58. फॉस्फीनिक अम्ल (हाइपोफॉस्फोरस अम्ल) की संरचना निम्न प्रकार है-
फॉस्फीनिक अम्ल का अपचायक व्यवहार नीचे दी गई सिल्वर नाइट्रेट के साथ अभिक्रिया में देखा जा सकता है।
4AgNO₃ + 2H₂O + H₃PO₂ →4Ag + 4HNO₃ + H₃PO₄
IV. सुमेलन प्ररुप प्रश्न
59. (i) 60. (ii) 61. (i) 62. (ii) 63. (iii)
V. अभिकथन एवं तर्क प्ररूप प्रश्न
64. (iii) 65. (iii) 66. (ii) 67. (i) 68. (i) 69. (i)
VI. दीर्घ उत्तर प्रश्न
72. A = NH₄NO₂ B = N₂ C = NH₃ D = HNO₃
(i) NH₄NO₂ →N₂ + 2H₂O
(ii) N₂ + 3H₂ →2NH₃
(iii) 4NH₃ + 5O₂ → 4NO + 6H₂O
4NO + O₂ → 2NO₂
3NO₂ + H₂O →2HNO₃ + NO
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