गणित विषय की अच्छी तैयारी के लिए कक्षा 12 गणित के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – सारणिक यहाँ प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे छात्र जो गणित विषय की परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते है उन्हें अपनी तैयारी के लिए यहाँ सारणिक के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर मिल जाएंगे। महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर की जानकारी किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए आवश्यक होती है। इस पेज में NCERT Book के यूनिट 4 – सारणिक के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।
श्रोत: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद्
कक्षा: 12
विषय: गणित
अध्याय: यूनिट 4 – सारणिक
कक्षा 12 गणित के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – सारणिक
कक्षा 12 गणित विषय के यूनिट 4 – सारणिक के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर यहाँ प्राप्त करें।
4.1 समग्र अवलोकन (Overview)
हम n कोटि के प्रत्येक वर्ग आव्यूह A = [aᵢⱼ] को एक संख्या (वास्तविक या सम्मिश्र) द्वारा संबंधित करा सकते हैं जिसे वर्ग आव्यूह का सारणिक कहते हैं। इसे detA, द्वारा निरूपित किया जाता है। जहाँ aᵢⱼ अव्यव A का (i, j) वाँ आव्यूह है।
यदि A = a/c b/d है तो A का सारणिक को |A| (या det A)
|A| = |a/c b/d|= ad – bc द्वारा दिया जाता है।
टिप्पणी
(i) केवल वर्ग आव्यूहों के सारणिक होते हैं।
(ii) आव्यूह A के लिए |A| को A का सारणिक पढ़ते हैं न कि A का परिणाम (Modulus)
4.1.1 एक कोटि के आव्यूह का सारणिक (Determinants of a matrix of order one)
माना एक कोटि का आव्यूह A = [a] है तो A के सारणिक को a के बराबर परिभाषित किया जाता है।
4.1.2 द्वितीय कोटि के आव्यूह का सारणिक (Determinants of a matrix of order two)
माना कोटि 2 का आव्यूह A = [aᵢⱼ]=[a/c b/d] है। तब A के सारणिक को इस प्रकार परिभाषित करते हैं- det (A) = |A| = ad – bc
4.1.3 कोटि 3 के आव्यूह का सारणिक (Determinants of a matrix of order 3)
तृतीय कोटि के आव्यूह के सारणिक को द्वितीय कोटि के सारणिकों में व्यक्त करके ज्ञात किया जाता है। यह एक सारणिक का एक पंक्ति (या एक स्तंभ) के अनुदिश प्रसरण कहलाता है। तृतीय कोटि के सारणिक को छह प्रकार से प्रसारित किया जा सकता है यह है। तीनों पंक्तियों (R1, R2 तथा R3) और तीनों स्तंभों (C₁, C₂ तथा C₃) में से प्रत्येक के संगत प्रसरण है प्रत्येक प्रसरण से समान ही मान प्राप्त होता है।
वर्ग आव्यूह A = [aᵢⱼ]₃ₓ₃ के सारणिक पर विचार कीजिए, जहाँ

4.1.4 सारणिकों के गुणधर्म (Properties of Determinations)
किसी भी वर्ग आव्यूह A के लिए, |A| निम्नलिखित गुणधर्मों को संतुष्ट करता है।
(i) |A′| = |A|, जहाँ A आव्यूह A का परिवर्त है।
(ii) यदि हम एक सारणिक की कोई दो पंक्तियों (या स्तंभों) को परस्पर परिवर्तित कर दें तो सारणिक का चिन्ह परिवर्तित हो जाता है।
(iii) यदि एक सारणिक की कोई दो पंक्तियाँ (अथवा स्तंभ) समान हैं (या समानुपाती है) तब सारणिक का मान शून्य होता है।
(iv) किसी सारणिक को एक अचर k से गुणा करने का अर्थ है कि इसके केवल एक पंक्ति (अथवा स्तंभ) के प्रत्येक अवयव को k से गुणा करना।
(v) यदि हम एक सारणिक के किसी एक पंक्ति (अथवा स्तंभ) के प्रत्येक अवयव को एक अचर k से गुणा करते हैं तो सारणिक का मान भी k से गुणित हो जाता है।
(vi) यदि एक सारणिक की एक पंक्ति (या स्तंभ) के अवयवों को दो या अधिक पदों के योगफल के रूप में व्यक्त किया गया हो तो दिए गए सारणिक को दो या अधिक सारणिकों के योग के रूप में व्यक्त किया जा सकता है।
(vii) यदि एक सारणिक की किसी पंक्ति (या स्तंभ) के प्रत्येक अवयव में दूसरी पंक्ति (या स्तंभ) के संगत अवयवों के समान गुणजों को जोड़ दिया जाता है तो सारणिक का मान वही रहता है।
टिप्पणी
(i) यदि किसी पंक्ति (या स्तंभ) के सभी अवयव शून्य हों तो सारणिक का मान शून्य होता है।
(ii) यदि x = α रखने पर सारणिक ‘∆’ का मान शून्य हो जाता है तब ‘∆’ का एक गुणनखंड (x – α) होता है।
(iii) यदि किसी सारणिक के मुख्य विकर्ण के ऊपर या नीचे के सभी अवयव शून्य हैं तब सारणिक का मान विकर्ण के सभी अवयवों के गुणनफल के बराबर होता है।

4.1.6 उपसारणिक और सहखंड (Minors and Co-factor)
(i) आव्यूह A के सारणिक के अवयव aᵢⱼ का उप-सारणिक वह सारणिक है जो i वीं पंक्ति और j वें स्तंभ को हटाने से प्राप्त होता है तथा इसे Mᵢⱼ द्वारा व्यक्त करते हैं।
(ii) एक अवयव aᵢⱼ के सहखंड को Aᵢⱼ = (–1)i+j Mᵢⱼ द्वारा दिया जाता है।
(iii) किसी आव्यूह A के सारणिक का मान किसी पंक्ति (या स्तंभ) के अवयवों और उनके संगत सहखंडों के गुणनफल का योग होता है। उदाहरणार्थ
|A| = α₁₁ A₁₁ + α₁₂ A₁₂ + α₁₃ A₁₃
(iv) यदि एक पंक्ति (या स्तंभ) के अवयवों को अन्य पंक्ति (या स्तंभ) के सहखंडों से गुणा किया जाए तो उनका योग शून्य होता है। उदाहरणार्थ
α₁₁ A₂₁ + α₁₂ A₂₂ + α₁₃ A₂₃ = 0
4.1.7 आव्यूह के सहखंडज और व्युत्क्रम (Adjoint and Inverse of a Matrix)
(i) एक वर्ग आव्यूह A = [aᵢⱼ]n×n के सहखंडज को आव्यूह [Aᵢⱼ]n×n के परिवर्त के रूप में परिभाषित किया जाता है। जहाँ Aᵢⱼ अवयव aᵢⱼ का सहखंड है। इसे adj A द्वारा व्यक्त करते हैं।

(ii) A (adj A) = (adj A) A = |A| I, जहाँ A एक कोटि n का वर्ग आव्यूह है।
(iii) यदि |A| = 0 तो वर्ग आव्यूह A को अव्युत्क्रमणीय (singular) कहते हैं तथा यदि |A| ≠ 0 हो तो व्युत्क्रमणीय (non-singular) कहते हैं।
(iv) यदि A एक कोटि n का वर्ग आव्यूह है तो |adj A| = |A|ⁿ⁻¹ होता है।
(v) यदि A और B समान कोटि की व्युत्क्रमणीय आव्यूह है तो AB तथा BA भी उसी कोटि की व्युत्क्रमणीय आव्यूह होंगे।
(vi) आव्यूहों के गुणनफल का सारणिक उनके क्रमशः सारणिकों के गुणनफल के समान होता है। अर्थात् |AB| = |A| |B|
(vii) यदि AB = BA = I हो जहाँ A और B वर्ग आव्यूह हैं तब B को A का व्युत्क्रम कहते हैं और इसे B = A⁻¹ लिखते हैं। इसके अतिरिक्त B⁻¹ = (A⁻¹) = A होता है।
(viii) आव्यूह A व्युत्क्रमणीय होता है यदि और केवल यदि |A| ≠ 0 हो।
(ix) यदि A एक व्युत्क्रमणीय आव्यूह है तब A⁻¹ = 1/|A| | (adj A)
4.1.8 रैखिक समीकरणों के निकाय (System of Linear equations)

(ii) समीकरण AX = B के अद्वितीय (unique) हल को X = A⁻¹B, जहाँ |A| ≠ 0 है द्वारा दिया जाता है।
(iii) समीकरणों का एक निकाय संगत या असंगत होता है यदि इसके हल का असतित्व है अथवा नहीं है।
(iv) आव्यूह समीकरण AX = B में वर्ग आव्यूह A के लिए
(a) यदि |A| ≠ 0, तो अद्वितीय हल अस्तित्व है।
(b) यदि |A| = 0 और (adj A) B ≠ 0, तो किसी हल का अस्तित्व नहीं है।
(c) यदि |A| = 0 और (adj A) B = 0, तो निकाय संगत तथा अनंत हल होते हैं।
4.2 हल किए हुए उदाहरण (Solved Examples)
लघु उत्तरीय (S.A.)
















4.3 प्रश्नावली
लघु उत्तरीय (S.A.)














कक्षा 12 गणित के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – सारणिक
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