भौतिकी विज्ञान विषय की अच्छी तैयारी के लिए कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता यहाँ प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे छात्र जो भौतिकी विज्ञान विषय की परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते है उन्हें अपनी तैयारी के लिए यहाँ स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर मिल जाएंगे। महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर की जानकारी किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए आवश्यक होती है। इस पेज में NCERT Book के यूनिट 2 – स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।
श्रोत: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद्
कक्षा: 12
विषय: भौतिकी विज्ञान
अध्याय: यूनिट 2 – स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता
कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता
कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान विषय के यूनिट 2 – स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर यहाँ प्राप्त करें।
बहुविकल्पी प्रश्न 1 (MCQ I)
2.1 चित्र 2.1 दर्शाेए अनुसार परिपथ में 4 µ F का संधारित्र संयोजित है। बैटरी का आन्तरिक प्रतिरोध 0.5Ω है। संधारित्र की प्लेटों पर आवेश की मात्रा होगी-

(a) 0
(b) 4 µ C
(c) 16 µ C
(d) 8 µ C
2.2 किसी एकसमान विद्युत क्षेत्र में किसी धनावेशित कण को मुक्त किया जाता है। आवेश की वैद्युत स्थितिज ऊर्जा
(a) नियत रहती है क्योंकि विद्युत क्षेत्र एकसमान है।
(b) बढ़ जाती है क्योंकि आवेश विद्युत क्षेत्र के अनुदिश गति करता है।
(c) घट जाती है क्योंकि आवेश विद्युत क्षेत्र के अनुदिश गति करता है।
(d) घट जाती है क्योंकि आवेश विद्युत क्षेत्र के विपरीत गति करता है।
2.3 चित्र 2.2 में दिक्काल में वितरित कुछ समविभव रेखाएँ दर्शायी गई हैं। कोई आवेशित पिण्ड बिन्दु A से बिन्दु B तक गति करता है

(a) चित्र (i) में किया गया कार्य अधिकतम है।
(b) चित्र (ii) में किया गया कार्य न्यूनतम है।
(c) चित्र (i), चित्र (ii), चित्र (iii) में किया गया कार्य समान है।
(d) चित्र (iii) में किया गया कार्य चित्र (ii) से अधिक है परन्तु चित्र (i) के समान है।
2.4 किसी आवेशित चालक गोले के पृष्ठ पर स्थित वैद्युत विभव 100 V है। इसके संदर्भ में दो प्रकथन दिए गए हैंः
S₁ : गोले के भीतर किसी बिन्दु पर विद्युत तीव्रती शून्य है।
S₂ : गोले के भीतर किसी बिन्दु पर स्थिर वैद्युत विभव 100 V है।
नीचे दिए गए प्रकथनों में कौन सा सही है।
(a) S₁ सत्य है परन्तु S₂ असत्य है।
(b) S₁ तथा S₂, असत्य है।
(c) S₁ सत्य है, S₂ भी सत्य है तथा प्रकथन S₂ का कारण प्रकथन S₁ है।
(d) S₁ सत्य है, S₂ भी सत्य है परन्तु दोनों प्रकथन एक दूसरे से स्वतंत्र हैं।
2.5 कुछ आवेशों के एक समूह का कुल योग शून्य नहीं है। इससे अधिक दूरी पर बनने वाले समविभव पृष्ठ होंगे
(a) गोले
(b) समतल
(c) परवलयज
(d) दीर्घवृत्तज

2.6 कोई समान्तर पट्टिका संधारित्र दो श्रेणीबद्ध परावैद्युत गुटकों से बना है। इनमें चित्र 2.3 में दर्शाए अनुसार एक गुटके की मोटाई d₁ तथा परावैद्युतांक k₁ तथा दूसरे गुटके की मोटाई d₂ तथा परावैद्युतांक k₂ है। इस व्यवस्था को एक ऐसा परावैद्युत गुटका माना जा सकता है जिसकी मोटाई d (= d₁+d₂) तथा प्रभावी परावैद्युतांक k है। तब k का मान है

बहुविकल्पी प्रश्न II (MCQ II)
2.7 z दिशा में किसी एकसमान विद्युत क्षेत्र पर विचार कीजिए। इस स्थिति में विभव नियत होगा।
(a) समस्त दिक्काल में।
(b) दिए गए z के लिए किसी भी x के लिए
(c) दिए गए z के लिए किसी भी y के लिए
(d) दिए गए z के लिए xy तल पर।
2.8 समविभव पृष्ठ
(a) निम्न विद्युत क्षेत्रों के प्रदेशों की तुलना में उच्च विद्युत क्षेत्र के प्रदेशों में अधिक पास होते हैं।
(b) चालक के तीक्ष्ण किनारों के निकट अधिक संकुल होंगे।
(c) उच्च आवेश घनत्वों के प्रदेशों के निकट संकुल होंगे।
(d) सदैव समान दूरी पर होंगे।
2.9 किसी समविभव पृष्ठ के अनुदिश किसी आवेश को A से B तक गति कराने में किया गया कार्य
(a) –∫ E.dl के रूप में परिभाषित नहीं किया जा सकता।
(b) –∫ E.dl के रूप में परिभाषित किया जाना चाहिए।
(c) शून्य होता है
(d) शून्येतर हो सकता है।
2.10 नियत विभव के किसी प्रदेश में
(a) विद्युत क्षेत्र एकसमान होता है।
(b) विद्युत क्षेत्र शून्य होता है।
(c) प्रदेश के भीतर कोई आवेश नहीं हो सकता।
(d) यदि आवेश प्रदेश के बाहर स्थित है तो अवश्य परिवर्तित होगा।

2.11 चित्र 2.4 में दर्शाए गए परिपथ में आरम्भ में कुंजी K₁ बन्द तथा कुन्जी K₂ खुली है। तत्पश्चात K₁ खोली जाती है तथा K₂ बन्द की जाती है (क्रम महत्वपूर्ण है)। (C₁ तथा C₂ पर क्रमशः आवेश Q₁ तथा Q₂ और वोल्टता V₁ तथा V₂ लीजिए) तब
(a) C₁ पर आवेश इस प्रकार पुनः वितरित हो जाता है कि V₁ = V₂ हो।
(b) C₁ पर आवेश इस प्रकार पुनः वितरित हो जाता है कि Q₁ = Q₂ हो।
(c) C₁ पर आवेश इस प्रकार पुनः वितरित हो जाता है कि C₁V₁ + C₂ V₂ = C₁E
(c) C₁ पर आवेश इस प्रकार पुनः वितरित हो जाता है कि Q₁ + Q₂ = Q
2.12 यदि किसी चालक का विभव V ≠ 0 है तथा उसके पृष्ठ से परे कहीं भी कोई आवेश नहीं है, तब
(a) चालक के पृष्ठ अथवा इसके भीतर आवेश होने चाहिए।
(b) चालक में कहीं भी कोई आवेश नहीं हो सकता।
(c) केवल चालक के पृष्ठ पर ही आवेश होने चाहिए।
(d) चालक के पृष्ठ के भीतर आवेश अवश्य होने चाहिए।

2.13 चित्र 2.5 में दर्शाए अनुसार कोई समान्तर पट्टिका संधारित्र किसी बैटरी से संयोजित है। दो स्थितियों पर विचार कीजिए।
A: कुंजी K बन्द रखी जाती है तथा संधारित्र की पट्टिकाओं के मध्य दूरी विद्युतरोधी हत्थे की सहायता से बढ़ाई जाती है।
B: कुंजी K खुली है तथा विद्युतरोधी हत्थी द्वारा संधारित्र की पट्टिकाओं के बीच की दूरी बढ़ाई जाती है।
सही विकल्प (विकल्पों) का चयन कीजिएः
(a) A में – Q समान रहता है परन्तु C परिवर्तित होता है।
(b) B में – V समान रहता है परन्तु C परिवर्तित होता है।
(c) A में – V समान रहता है इसलिए Q परिवर्तित होता है।
(d) B में – Q समान रहता है इसलिए V परिवर्तित होता है।
अति लघुउत्तरीय (VSA)
2.14 R₁ तथा R₂ त्रिज्याओं (R₁ > R₂) के दो चालक गोलों पर विचार कीजिए। यदि दोनों गोले समान विभव पर हैं तो छोटे गोले की अपेक्षा बड़े गोले पर अधिक आवेश होता है। उल्लेख कीजिए, छोटे गोले का आवेश घनत्व बड़े गोले की तुलना में अधिक होगा अथवा कम।
2.15 मुक्त इलेक्ट्रॉन उच्च विभव के क्षेत्र की ओर गमन करते हैं अथवा निम्न विभव के क्षेत्र की ओर।
2.16 समान आवेश वाले दो निकटवर्ती चालकों के बीच क्या कोई विभवान्तर हो सकता है।
2.17 क्या मुक्त आकाश में विभव फलन अधिकतम अथवा न्यूनतम हो सकता है।

2.18 कोई परीक्षण आवेश q किसी बिन्दु आवेश Q के विद्युत क्षेत्र में दो भिन्न बन्द पथों पर गमन करता है (चित्र 2.6)। पहला पथ विद्युत क्षेत्र की रेखाओं के अनुदिश तथा लम्बवत कोई भाग है। दूसरा पथ एक आयताकार पाश है जिसका क्षेत्रफल पहले पाश के बराबर है। इन दोनों प्रकरणों में किए गए कार्य की तुलना कीजिए।
लघुउत्तरीय (SA)
2.19 सिद्ध कीजिए कि किसी ऐसे बन्द समविभव पृष्ठ, जिसके भीतर कोई आवेश नहीं है, में कोई समविभव आयतन परिबद्ध होना चाहिए।
2.20 किसी संधारित्र की पट्टिकाओं के बीच कोई परावैद्युत है तथा यह संधारित्र किसी दिष्ट स्रोत से संयोजित है। अब बैटरी को हटाया जाता है और फिर परावैद्युत को हटा दिया जाता है। यह उल्लेख कीजिए कि ऐसा करने पर संधारित्र की धारिता उसमें संचित ऊर्जा, विद्युत क्षेत्र, संचित आवेश, तथा वोल्टता में वृद्धि होगी, कमी होगी अथवा नियत रहेगी।
2.21 सिद्ध कीजिए कि, यदि कोई विद्युत रोधित, अनावेशित चालक किसी आवेशित चालक के समीप रखा है, तथा कोई अन्य चालक वहाँ नहीं है, तो अनावेशित पिण्ड का विभव आवेशित वस्तु तथा अन्नत के विभव के मध्यस्थ होना चाहिए।
2.22 R त्रिज्यता के छल्ले के अनुदिश एकसमान वितरित आवेश +Q की अक्ष पर किसी बिन्दु आवेश –q की स्थितिज ऊर्जा परिकलित कीजिए। छल्ले के केन्द्र से अक्षीय दूरी z के फलन के रूप में स्थितिज उर्जा (P.E.) का ग्राफ खींजिए। ग्राफ को देखकर क्या आप यह बता सकते हैं कि यदि आवेश –q को छल्ले के केन्द्र (अक्ष के अनुदिश) से थोड़ा विस्थापित कर दें तो क्या होगा।
2.23 R त्रिज्या के छल्ले के अनुदिश एकसमान रूप से वितरित आवेश Q के कारण, छल्ले के अक्ष पर विभव परिकलित कीजिए।
दीर्घउत्तरीय (LA)
2.24 किसी r₀ त्रिज्या के अन्नत सिलिण्डर (बेलन) पर आवेश का रैखिक घनत्व λ है। इसके समविभव के लिए समीकरण प्राप्त कीजिए।
2.25 +q तथा -q परिमाण के दो बिन्दु आवेश क्रमशः (-d/2, 0,0) तथा (d/2, 0,0) पर स्थित हैं। उस समविभव पृष्ठ के लिए समीकरण प्राप्त कीजिए जहाँ विभव शून्य है।
2.26 किसी समान्तर पट्टिका संधारित्र में कोई ऐसा परावैद्युत भरा है जिसका आपेक्षिक परावैद्युतांक, अनुप्रयुक्त वोल्टता (U) के साथ ε = αU के रूप में परिवर्तित होता है, यहाँ α = 2V⁻¹ है। इसी प्रकार के एक अन्य संधारित्र, जिसमें कोई परावैद्युत नहीं है, को U₀= 78 V तक आवेशित किया जाता है। इसे फिर परावैद्युत वाले संधारित्र से संयोजित किया जाता है। संधारित्रों पर अन्तिम वोल्टता ज्ञात कीजिए।
2.27 कोई संधारित्र R त्रिज्या की दो वृत्ताकार पट्टिकाओं से बना है और इन पट्टिकाओं के बीच पृकथन d<<R तथा एक दूसरे के ऊपर है। इस संधारित्र को नियत वोल्टता से संयोजित किया जाता है। निचली पट्टिका के केन्द्र पर त्रिज्या r<<R तथा मोटाई t<<R की कोई चालक चक्रिका रखी जाती है। यदि चक्रिका का द्रव्यमान m है तो इसे उठाने के लिए आवश्यक निम्नतम वोल्टता ज्ञात कीजिए।
2.28 (a) मूल कणों के क्वार्क मंडिल के अनुसार न्यूट्रॉन एक अपक्वार्क (आवेश (2/3 e)) तथा दो डाउनक्वाकों (आवेश –1/3 e)) से मिलकर बना है। मान लीजिए इनका त्रिकोण विन्यास है जिसकी भुजाओं की कोटि10⁻¹⁵m है। न्यूट्रॉन की स्थिर वैद्युत स्थितिज उर्जा परिकलित करके इसकी तुलना इसके द्रव्यमान 939 MeV से कीजिए।
(b) उपरोक्त अभ्यास को दो अप तथा एक डाउन क्वार्क से बने प्रोटॉन के लिए दोहराइए।
2.29 R तथा 2R त्रिज्याओं के दो धातु के गोलों के पृष्ठीय आवेश घनत्व समान है। इन्हें सम्पर्क में लाकर पृृथ्क कर दिया जाता है। इन दोनों पर नए पृष्ठीय आवेश घनत्व क्या होंगे।
2.30 चित्र 2.7 मे दर्शाए गए परिपथ में आरम्भ में K₁ को बन्द तथा K₂ को खुला रखा गया है। प्रत्येक संधारित्र पर कितना आवेश है।
इसके पश्चात् K₁ खोला गया तथा K₂ को बन्द किया गया (क्रम महत्वपूर्ण है)। अब प्रत्येक संधारित्र पर कितना-कितना आवेश होगा। [C = 1 µF]

2.31 R त्रिज्या की चक्रिका के पृष्ठ पर आवेश Q एकसमान रुप से वितरित है। इस आवेस के कारण चक्रिका की अक्ष पर विभव परिकलित कीजिए।
2.32 दो आवेश q₁ तथा q₂ क्रमशः (0, 0, d) तथा (0, 0, – d) पर स्थित हैं। इनके कारण शून्य विभव के बिन्दुओं का बिन्दुपथ ज्ञात कीजिए।
2.33 दो आवेशों जिनमें प्रत्येक –q है के बीच 2d का पृथकन है। तीसरा आवेश +q इनके मध्यबिन्दु O पर स्थित है। –q आवेशों के कारण O से लघु दूरी के फलन के रूप में +q की स्थितिज ऊर्जा (P.E.) ज्ञात कीजिए। स्थितिज ऊर्जा (P.E.) तथा दूरी x के बीच ग्राफ खींचिए और यह सुनिश्चित कीजिए कि O पर +q अस्थायी साम्यावस्था में है।
कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता
यूनिट 2 – स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता के प्रश्नों के उत्तर यहाँ से प्राप्त करें
2.1 (d)
2.2 (c)
2.3 (c)
2.4 (c)
2.5 (a)
2.6 (c)
2.7 (b), (c), (d)
2.8 (a), (b), (c)
2.9 (b), (c)
2.10 (b), (c)
2.11 (a), (d)
2.12 (a), (b)
2.13 (c) और (d)
2.14 अधिक
2.15 उच्च विभव
2.16 हाँ, यदि आमाप भिन्न हैं।
2.17 नहीं
2.18 चूँकि विद्युत क्षेत्र संरक्षी है, दोनों प्रकरणों में किया गया कार्य शून्य होगा।
2.19 मान लीजिए यह सत्य नहीं है। तब पृष्ठ के तुरन्त भीतर पृष्ठ की तुलना में विभव भिन्न होना चाहिए जिसके फलस्वरूप कोई विभव प्रवणता होनी चाहिए। इसका अर्थ हुआ कि पृष्ठ के अन्तमुर्खी अथवा बहिर्मुखी क्षेत्र रेखाएँ होनी चाहिए। चूँकि पृष्ठ, समविभव पृष्ठ है, दूसरे सिरे पर ये रेखाएँ दुबारा पृष्ठ पर नहीं हो सकतीं। इस प्रकार यह केवल तभी संभव है जब क्षेत्र रेखाओं के दूसरे सिरे भीतर आवेशों पर हों, जो आधार तथ्य के परस्पर विरोधी हैं। अतः भीतर समस्त आयतम समान विभव पर होना चाहिए।
2.20 C कम हो जाएगी।
संचित ऊर्जा = 1/2CV² और इसलिए अधिक हो जाएगी।
विद्युत क्षेत्र अधिक हो जाएगा।
संचित आवेश समान रहेगा।
V कम हो जाएगा।
2.21 विद्युत क्षेत्र के अनुदिश आवेशित चालक से अनावेशित चालक की ओर के किसी भी पथ पर विचार कीजिए। इस पथ पर विभव निरन्तर कम होगा। अनावेशित चालक से अनन्त की और के अन्य पथ पर विभव और घटेगा। यह अपेक्षित तथ्य को सिद्ध करता है।


2.24 रेखा से दूरी r पर विभव ज्ञात करने के लिए विद्युत क्षेत्र पर विचार कीजिए। सममिति द्वारा हम यह पाते हैं कि क्षेत्र रेखाएँ बहिमुर्खी अरीय होनी चाहिए। त्रिज्या r तथा लम्बाई l का कोई गाउसीय पृष्ठ खींचिए। तब











इस पेज पर दिए गए कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता की सहायता से छात्रों की तैयारी अच्छे तरीके से हो सकती है। परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए और अपनी तैयारी सुदृढ़ तरीके से करने के लिए छात्र इस पेज पर दिए गए महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तरों को देख सकते हैं।
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