भौतिकी विज्ञान विषय की अच्छी तैयारी के लिए कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – चुम्बकत्व एवं द्रव्य यहाँ प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे छात्र जो भौतिकी विज्ञान विषय की परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते है उन्हें अपनी तैयारी के लिए यहाँ चुम्बकत्व एवं द्रव्य के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर मिल जाएंगे। महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर की जानकारी किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए आवश्यक होती है। इस पेज में NCERT Book के यूनिट 5 – चुम्बकत्व एवं द्रव्य के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।
श्रोत: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद्
कक्षा: 12
विषय: भौतिकी विज्ञान
अध्याय: यूनिट 5 – चुम्बकत्व एवं द्रव्य
कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – चुम्बकत्व एवं द्रव्य
कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान विषय के यूनिट 5 – चुम्बकत्व एवं द्रव्य के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर यहाँ प्राप्त करें।
बहुविकल्पी प्रश्न I (MCQ I)
5.1 n फेरों, माध्य त्रिज्या R तथा अनुप्रस्थ काट त्रिज्या a के किसी टोरॉयड से I धारा प्रवहित हो रही है। यह किसी क्षैतिज मेज पर, जिसे x – y तल माना गया है, रखा है। इसका चुम्बकीय आघूर्ण m
(a) शून्येतर है तथा सममिति द्वारा z-दिशों में है
(b) टोरॉयड ( m = m ˆφ) के अक्ष के अनुदिश है।
(c) शून्य है, अन्यथा यहाँ एक क्षेत्र होगा जो टोरॉयड के बाहर अधिक दूरियों पर 1/r³ के अनुसार कम होता है।
(d) त्रिज्यतः बाहर की ओर दिष्ट है।
5.2 पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र को पृथ्वी के केन्द्र पर स्थित बिन्दु द्विध्रुव के क्षेत्र का प्रतिरूप माना जा सकता है। इस द्विध्रुव का अक्ष पृथ्वी के अक्ष से 11.3° का कोण बनाता है। मुम्बई में दिक्पात लगभग शून्य है। तब
(a) पृथ्वी पर दिक्पात का मान 11.3°W से 11.3°E के बीच परिवर्तित होता है।
(b) निम्नतम दिक्पात शून्य अंश (0°) है।
(c) द्विध्रुव अक्ष तथा पृथ्वी के अक्ष को धारण करने वाला तल ग्रीनविच से गुजरता है।
(d) समस्त पृथ्वी पर दिक्पात सदैव ऋणात्मक होना चाहिए।
5.3 कमरे के ताप पर किसी स्थायी चुम्बक में
(a) प्रत्येक अणु का चुम्बकीय आघूर्ण शून्य होता है।
(b) सभी अलग-अलग अणुओं के शून्येतर चुम्बकीय आघूर्ण होते हैं जो पूर्णतः संरेखित होते हैं।
(c) कुछ डोमेन अंशतः सरेखित होते हैं।
(d) सभी डोमेन पूर्णतः सरेखित होते हैं।
5.4 दो आदर्श निकायों पर विचार कीजिएः (i) विशाल पट्टिकाओं तथा लघु पृथकन वाला कोई समान्तर पट्टिका संधारित्र तथा (ii) कोई लम्बी परिनालिका जिसकी लम्बाई L >> R (अनुप्रस्थ काट-त्रिज्या) है। (i) में E को आदर्श रूप से पट्टिकाओं के बीच अचर लेते हैं तथा बाहर शून्य लेते हैं। (ii) में परिनालिका के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र अचर लेते हैं तथा बाहर शून्य लेते हैं। तथापि ये आदर्श मान्यताएँ मूल नियमों का नीचे दिए अनुसार खंडन या समर्थन करती हैं.
(a) प्रकरण (i) से स्थिर वैद्युत क्षेत्र के लिए गाउस-नियम का खंडन होता है।
(b) प्रकरण (ii) से चुम्बकीय क्षेत्र के लिए गाउस-नियम का खंडन होता है।
(c) प्रकरण (i) ∫ Ed l = 0 के अनुकूल है।
(d) प्रकरण (ii) ∫ Hd l = I का खंडन करता है।
5.5 कोई अनुचुम्बकीय नमूना 4K ताप पर 0.6T के बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर 8Am⁻¹ का नेट चुम्बकन दर्शाता है। जब इसी नमूने को 16K ताप पर 0.2T के बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र में रखते हैं तो चुम्बकन होगा
(a) 32/3 Am⁻¹
(b) 2/3 Am⁻¹
(c) 6 Am⁻¹
(d) 2.4 Am⁻¹
5.6 चुम्बकीय पदार्थ के किसी पिंड का पृष्ठ S है।
(a) S से गुजरने वाली B की रेखाएँ आवश्यक रूप से अविछिन्न हैं।
(b) S से गुजरने वाली B की कुछ रेखाएँ विछिन्न होनी चाहिए।
(c) S से गुजरने वाली H की सभी रेखाएँ आवश्यक रूप से अविछिन्न हैं।
(d) S से गुजरने वाली H की सभी रेखाएँ अविछिन्न नहीं हो सकतीं।
5.7 चुम्बकत्व का मूल उद्भव स्रोत है
(a) परमाण्विक धाराएँ
(b) पाउली-अपवर्जन सिद्धांत
(c) अणु की ध्रुवीय प्रकृति
(d) इलेक्ट्रॉन का नैज चक्रण
5.8 किसी लम्बी परिनालिका में प्रतिमीटर 1000 फेरे हैं तथा इससे 1 A धारा प्रवाहित हो रही है। इसके भीतर µr = 1000 का नर्म लौह क्रोड है। इस क्रोड को क्यूरी ताप, T से अधिक ताप तक गरम किया जाता है।
(a) परिनालिका के भीतर H – क्षेत्र (लगभग) अपरिवर्तित रहता है, परन्तु B- क्षेत्र प्रबल रूप से घट जाता है।
(b) H तथा B क्षेत्र परिनालिका के भीतर (लगभग) अपरिवर्तित रहते हैं।
(c) क्रोड में चुम्बकन की दिशा उत्क्रमित हो जाती है।
(d) क्रोड में चुम्बकन लगभग 10⁸ गुना कम हो जाती है।
5.9 किसी चालक खोल द्वारा स्थिर वैद्युत परिरक्षण तथा स्थिर चुम्बकीय परिरक्षण मेें मूलभूत अन्तर का कारण है
(a) स्थिर वैद्युत क्षेत्र रेखाएँ आवेशों पर समाप्त हो सकती हैं तथा चालकों में मुक्त आवेस होते हैं।
(b) B की रेखाएँ समाप्त तो हो सकती हैं, परन्तु चालक उन्हें समाप्त नहीं कर सकते।
(c) B की रेखाएँ किसी भी पदार्थ पर समाप्त नहीं हो सकतीं तथा आदर्श परिरक्षण संभव नहीं है।
(d) उच्च चुम्बकशीलता के पदार्थों के खोलों का उपयोग, भीतरी क्षेत्र से B की रेखाओं को विपथित करने के लिए किया जा सकता है।
5.10 मान लीजिए कि पृथ्वी पर चुम्बकीय क्षेत्र पृथ्वी के केन्द्र पर स्थित चुम्बकीय द्विध्रुव के कारण होता है। भौगोलिक विषुवत वृत्त के किसी बिन्दु पर नति कोण
(a) सदैव शून्य होगा।
(b) विशिष्ट बिन्दुओं पर शून्य हो सकता है।
(c) धनात्मक अथवा ऋणात्मक हो सकता है।
(d) परिबद्ध होता है।
अति लघुउत्तरीय (VSA)
5.11 इलेक्ट्रॉन की भाँति प्रोटॉन में भी चक्रण तथा चुम्बकीय आघूर्ण होता है। तब पदार्थों के चुम्बकत्व में इसके प्रभाव की उपेक्षा क्यों की जाती है।
5.12 10 cm लम्बाई के पतले सिलिण्डर की आकृति के किसी स्थायी चुम्बक का M = 10⁵ A/m है। चुम्बक धारा IM परिकलित कीजिए।
5.13 (STP पर) N₂ (~5 × 10)⁹ तथा Cu (~10⁵) की प्रति चुम्बकीय प्रवृत्ति के बीच परिमाण की कोटियों में मात्रात्मक अन्तर स्पष्ट कीजिए।
5.14 आणविक दृष्टिकोण से प्रित चुम्बकत्व, अनुचुम्बकत्व तथा लोह चुम्बकत्व की चुम्बकीय प्रवृत्तियों की माप निर्भरता की विवेचना कीजिए।
5.15 अतिचालक पदार्थ की एक गेंद को द्रव नाइट्रोजन में डुबोकर किसी चुम्बक के निकट रखा जाता है। (i) यह किस दिशा में गति करेगी। (ii) इसके चुम्बकीय आघूर्ण की क्या दिशा होगी।
लघुउत्तरीय (SA)

5.16 R त्रिज्या के गोलाकार के पृष्ठ के लिए मूल बिन्दु पर स्थित m द्विध्रुव आघूर्ण के किसी बिन्दु द्विध्रुव के चुम्बकीय क्षेत्र के लिए गाउस-नियम सत्यापित कीजिए।
5.17 चित्र 5.1 में दर्शाए अनुसार तीन सर्वसम छड़ चुम्बकों को समान तल मेें केन्द्र पर रिवट द्वारा जड़ दिया गया है। इस निकाय को विराम अवस्था में किसी धीरे-धीरे परिवर्तित होने वाले चुम्बकीय क्षेत्र में रखा गया है। यह पाया गया है कि चुम्बकों के निकाय में कोई गति नहीं हुई। एक चुम्बक के उत्तर-दक्षिण ध्रुवों को चित्र में दर्शाया गया है। अन्य दो चुम्बकों को ध्रुव निर्धारित कीजिए।
5.18 मान लीजिए हम एक सुस्पष्ट प्रयोग द्वारा स्थिर वैद्युत तथा स्थिर चुम्बकत्व के बीच अनुरूपता सत्यापित करना चाहते हैं। (1) किसी स्थिर वैद्युत क्षेत्र E में वैद्युत द्विध्रुव p तथा (ii) किसी चुम्बकीय क्षेत्र B में चुम्बकीय द्विध्रुव m की गति पर विचार कीजिए। E, B, p, m पर प्रतिबंधों का एक समुच्चय लिखिए ताकि दोनों गतियाँ सर्वसम सत्यापित की जा सके (आरम्भिक अवस्थाओं को सर्वसम मानिए।)
5.19 चुम्बकीय आघूर्ण m तथा जड़त्व आघूर्ण I (केन्द्र के परितः लम्बाई के लम्बवत) के किसी छड़ चुम्बक को लम्बाई के लम्बवत दो बराबर भागों में काटा गया है। मान लीजिए मूल चुम्बक का, चुम्बकीय क्षेत्र B में, मध्य बिन्दु से गुजरने वाले लम्बाई के लम्बवत अक्ष के परितः दोलन काल T है। प्रत्येक टुकड़े के लिए इसी प्रकार का दोलन काल T क्या होगा।
5.20 (i) H के लिए ऐम्पियर नियम तथा (ii) B की रेखाओं की अविछिन्नता का उपयोग करके यह निष्कर्ष निकालिए कि किसी छड़ चुम्बक के भीतर (a) H की रेखाएँ N ध्रुव से S ध्रुव की ओर जबकि (b) B की रेखाएँ S ध्रुव से N ध्रुव की और दिष्ट होती है।
दीर्घउत्तरीय (LA)
5.21 द्विध्रुव आघूर्ण m = mk के किसी बिन्दु द्विध्रुव के चुम्बकीय क्षेत्र के लिए ऐम्पियर का नियम सत्यापित कीजिए। C को ऐसा बन्द वक्र मानिए जो दक्षिणावर्त्त गमन करता है। (i) z अक्ष के अनुदिश z = a > 0 से z = R, (ii) x-y तल के प्रथम चतुर्थाश में, केन्द्र मूल बिन्दु पर R चौथाई वृत्त के अनुदिश (iii) x-अक्ष के अनुदिश x = R से x = a तक। (iv) x-z तल के प्रथम चतुर्धाश में, केन्द्र मूल बिन्दु पर, a त्रिज्या के चौथाई वृत्त के अनुदिश।
5.22 चुम्बकीय प्रवृत्ति χ की विमाएँ क्या हैं। किसी H- परमाणु पर विचार कीजिए। परमाणु के प्राचलों e, m,v, R तथा µ₀ के उपयोग द्वारा χ की विमाओं की किसी राशि की रचना द्वारा किसी नियतांक तक χ के व्यंजक का कोई अनुमान लगाइए। यहाँ m इलैक्ट्रॉनिक द्रव्यमान, v इलेक्ट्रॉनीय वेग तथा R बोहर त्रिज्या है। इस प्रकार प्रति संख्या का अनुमान लगाइए तथा इसकी तुलना बहुत से ठोस पदार्थों के लिए |χ|~10⁻⁵ के मान से कीजिए।
5.23 यह मानिए कि पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का द्विध्रुव मॉडल है। जिसके अनुसार उस क्षेत्र का ऊर्ध्वाधर अवयव Bᵥ = = µ₀ 2mcosθ/4π r³, तथा क्षैतिज अवयव B = µ₀ sinθ m 4π r³ तथा θ = 90° – चुम्बकीय विषुवत वृत्त से मापने पर अक्षांश है। उन बिन्दुओं का बिन्दु पथ ज्ञात कीजिए जिनके लिए
(i) B न्यूनतम है, (ii) नतिकोण शून्य है, (iii) नतिकोण ± 45° है।
5.24 तल S पर विचार कीजिए जिसमें द्विध्रुव अक्ष तथा पृथ्वी का अक्ष अवस्थित होते हैं। मान लीजिए P कोई ऐसा बिन्दु है जो चुम्बकीय निरक्ष पर एवं S में है। मान लीजिए Q वह बिन्दु है जिस पर भौगोलिक विषुवत्त वृत्त तथा चुम्बकीय निरक्ष प्रतिच्छेदन करते हैं। P तथा Q पर नतिकोण तथा दिक्पात कोण ज्ञात कीजिए।
5.25 लम्बाई L के सर्वसम तारों की बनी दो समतलीय धारावाही कुण्डलियाँ हैं जिनमें C₁ वृत्ताकार (त्रिज्या R) तथा C₂ वर्गाकार (भुजा a) है। इनकी रचना इस प्रकार की गई है कि एक जैसे एक समान B में रखने पर तथा समान धारा प्रवाहित करने पर ये दोनों समान आवृत्ति से कंपन करते हैं। R के पदों में a का मान ज्ञात कीजिए।
कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – चुम्बकत्व एवं द्रव्य
यूनिट 5 – चुम्बकत्व एवं द्रव्य के प्रश्नों के उत्तर यहाँ से प्राप्त करें
5.1 (c)
5.2 (a)
5.3 (c)
5.4 (b)
5.5 (b)
5.6 (a), (d)
5.7 (a), (d)
5.8 (a), (d)
5.9 (a), (c), (d)
5.10 (b), (c), (d)










इस पेज पर दिए गए कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – चुम्बकत्व एवं द्रव्य की सहायता से छात्रों की तैयारी अच्छे तरीके से हो सकती है। परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए और अपनी तैयारी सुदृढ़ तरीके से करने के लिए छात्र इस पेज पर दिए गए महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तरों को देख सकते हैं।
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Sir,
Me class 10th ka student hun. Mujheh engineer ka padhai karna hai.sir aapse mere request hai ke mujhes sirf itna janna hai ke question kis types ka puchha tha.
Sir,
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