भौतिकी विज्ञान विषय की अच्छी तैयारी के लिए कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – गतिमान आवेश और चुम्बकत्व यहाँ प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे छात्र जो भौतिकी विज्ञान विषय की परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते है उन्हें अपनी तैयारी के लिए यहाँ गतिमान आवेश और चुम्बकत्व के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर मिल जाएंगे। महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर की जानकारी किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए आवश्यक होती है। इस पेज में NCERT Book के यूनिट 4 – गतिमान आवेश और चुम्बकत्व के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।
श्रोत: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद्
कक्षा: 12
विषय: भौतिकी विज्ञान
अध्याय: यूनिट 4 – गतिमान आवेश और चुम्बकत्व
कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – गतिमान आवेश और चुम्बकत्व
कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान विषय के यूनिट 4 – गतिमान आवेश और चुम्बकत्व के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर यहाँ प्राप्त करें।
बहुविकल्पी प्रश्न I (MCQ I)
4.1 दो आवेशित कण किसी एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र B = B₀k में पूर्णतः सर्वसम सर्पिल पथों पर विपरीत दिशाओं में गमन करते हैं तो इनके
(a) संवेगों के z- अवयव समान होने चाहिए।
(b) आवेश समान होने चाहिए।
(c) आवेश अवश्य ही कण-प्रतिकण युगल को निरूपित करते होंगे।
(d) आवेश एवं द्रव्यमान का अनुपात संबंधः (e/m)₁ + (e/m)₂ = 0 की पुष्टि करेगा।
4.2 बायो सावर्ट नियम इंगित करता है कि v वेग से गतिमान इलेक्ट्रॉनों द्वारा चुम्बकीय क्षेत्र B इस प्रकार का होता है कि
(a) B ⊥ v
(b) B ||v
(c) यह व्युत्क्रम घन नियम का पालन करता है।
(d) यह प्रेक्षण बिन्दु और इलेक्ट्रॉन को मिलाने वाली रेखा के अनुदिश होता है।
4.3 R त्रिज्या का कोई धारावाही वृत्ताकार लूप x-y तल में इस प्रकार रखा है कि उसका केन्द्र मूल बिन्दु पर हो। इसका वह अर्द्धभाग जिसके लिए x > 0 है, अब इस प्रकार मोड़ दिया गया है कि यह y-z तल में रहे।
(a) अब चुम्बकीय आघूर्ण का परिमाण घट जाता है।
(b) चुम्बकीय आघूर्ण परिवर्तित नहीं होता।
(c) (0,0,z), z >>R पर B का परिमाण बढ़ जाता है।
(d) (0,0,z), z >>R पर B का परिमाण अपरिवर्तित रहता है।
4.4 एक इलेक्ट्रॉन को किसी लम्बी धारावाही परिनालिका के अक्ष के अनुदिश एकसमान वेग से प्रक्षेपित किया जाता है। निम्नलिखित में कौन सा प्रकथन सत्य हैं।
(a) इलेक्ट्रॉन अक्ष के अनुदिश त्वरित होगा।
(b) अक्ष के परितः इलेक्ट्रॉन का पथ वृत्ताकार होगा।
(c) इलेक्ट्रॉन अक्ष से 45° पर बल अनुभव करेगा और इस प्रकार कुंडलिनी पध पर गमन करेगा।
(d) इलेक्ट्रॉन परिनालिका के अक्ष के अनुदिश एकसमान वेग से गति करता रहेगा।
4.5 साइक्लोट्रॉन में कोई आवेशित कण
(a) सदैव त्वरित होता है।
(b) चुम्बकीय क्षेत्र के कारण दोनों डी के बीच के अंतराल में त्वरित होता है।
(c) की चाल डी में बढ़ जाती है।
(d) की चाल डी में मन्द हो जाती है तथा दोनों डी के बीच बढ़ जाती है।
4.6 चुम्बकीय आघूर्ण M का कोई विद्युतवाही वृत्ताकार लूप, किसी यादृच्छिक दिग्विन्यास में, किसी बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र B में स्थित है। लूप को इसके तल के लम्बवत् अक्ष के परितः 30° पर घूर्णन कराने में किया गया कार्य हैः
(a) MB
(b)√3 MB/2
(c) MB/2
(d) शून्य
बहुविकल्पी प्रश्न II (MCQ II)
4.7 बोहर मॉडल के अनुसार H- परमाणु में किसी इलेक्ट्रॉन का घूर्ण चुम्बकीय अनुपात
(a) इस पर निर्भर नहीं करता है कि वह किस कक्षा में है।
(b) ऋणात्मक होता है।
(c) धनात्मक होता है।
(d) क्वान्टम संख्या n के साथ बढ़ जाता है।
4.8 किसी ऐसे तार पर विचार कीजिए जिससे अपरिवर्ती धारा I प्रवाहित हो रही है और जो अपनी लम्बाई के लम्बवत् किसी एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र B में स्थित है। तार के भीतर आवेशों पर विचार कीजिए। यह ज्ञात है कि चुम्बकीय बल प्रभावी रूप में कोई कार्य नहीं करते। इससे यह ध्वनित होता है कि
(a) चालक के भीतर आवेशों की गति B द्वारा प्रभावित नहीं होती क्योंकि ये ऊर्जा अवशोषित नहीं करते।
(b) B के परिणामस्वरूप तार के भीतर के कुछ आवेश पृष्ठ पर पहुँच जाते हैं।
(c) यदि तार B के प्रभाव में गति करता है, तो बल द्वारा कोई कार्य नहीं किया जाता।
(d) यदि तार B के प्रभाव में गति करता है, तो चुम्बकीय बल द्वारा आयनों पर, जिन्हें तार के भीतर स्थिर माना जाता है, कोई कार्य नहीं किया जाता।
4.9 दो सर्वसम धारावाही समाक्षी लूपों में, विपरीत दिशाओं में धारा I प्रवाहित हो रही है। एक सरल ऐम्पियरी लूप इन दोनों लूपों से एक बार गुजरता है। यदि इस तीसरे लूप को C कहें तो-
(a) ∫B.dl = ∓2µ₀I
(b) ∫B.dl का मान C की दिशा पर निर्भर नहीं करता।
(c) C पर कोई ऐसा बिन्दु हो सकता है, जहाँ B तथा dl लम्बवत् होंगे।
(d) C के प्रत्येक बिन्दु पर B लुप्त हो जाता है।
4.10 आकाश के किसी घनाकार क्षेत्र में कोई एकसमान विद्युत एवं चुम्बकीय क्षेत्र विद्यमान हैं। इस घन के किसी फलक के लम्बवत् कोई इलेक्ट्रॉन v वेग से प्रवेश करता है तथा इस फलक के विपरीत फलक से कोई पॉजिट्रॉन – v वेग से प्रवेश करता है। इस क्षण पर
(a) विद्युत बलों द्वारा दोनों कणों में सर्वसम त्वरण उत्पन्न होते हैं।
(b) चुम्बकीय बलों द्वारा दोनों कणों में समान त्वरण उत्पन्न होते हैं।
(c) दोनों कण समान दर पर ऊर्जा लब्धि अथवा ऊर्जा-ह्रास करते हैं।
(d) द्रव्यमान केन्द्र की गति केवल B द्वारा निर्धारित होती है।
4.11 निम्नलिखित में किस दशा में, कोई आवेशित कण उस क्षेत्र मेें स्थिर वेग से गति करता रहेगा जिसमें
(a) E = 0, B ≠ 0
(b) E ≠ 0, B ≠ 0
(c) E ≠ 0 B = 0
(d) E = 0, B = 0
4.12 यह सत्यापित कीजिए कि साइक्लोट्रॉन आवृत्ति ω = eB/m की सही विमाएँ (T)⁻¹ हैं।
4.13 यह दर्शाइए कि ऐसा बल जो कोई प्रभावी कार्य नही करता वेग-निर्भर बल होना चाहिए।
4.14 चुम्बकीय बल v पर निर्भर करता है जो स्वयं जड़त्वीय निर्देश फ्रेम पर निर्भर करता है। तब क्या चुम्बकीय बल का मान निर्देश-अक्ष के बदलन से बदलेगा। फिर क्या यह तर्कसंगत है कि विभिन्न फ्रेमों में नेट त्वरण का मान भिन्न-भिन्न हो।

4.15 साइक्लोट्रॉन में यदि रेडियो आवृत्ति (rf) विद्युत क्षेत्र की आवृत्ति की दो गुनी हो जाए, तो उसमें किसी आवेशित कण की गति का वर्णन कीजिए।
4.16 दो लम्बे तारों को, जिनमें धाराएँ I₁ तथा I₂ प्रवाहित हो रही हैं, चित्र 4.1 में दर्शाए अनुसार व्यवस्थित किया गया है। जिस तार से धारा I₁ प्रवाहित होती है वह x- अक्ष के अनुदिश हैं। अन्य जिससे धारा I₂ प्रवाहित होती है वह y-अक्ष के समान्तर किसी रेखा के अनुदिश है जिसे x = 0 तथा z = d द्वारा दर्शाया जाता है। x- अक्ष के अनुदिश तार के कारण बिन्दु O₂ पर आरोपित बल ज्ञात कीजिए।
लघुउत्तरीय (SA)
4.17 कोई धारावाही लूप R त्रिज्या के वृत्त के तीन सर्वसम चतुर्थाशों से मिलकर बना है, जो x-y, y-z और z-x कलों के धनात्मक चतुर्थाशों में स्थित है तथा जिनके केन्द्र मूल बिन्दु पर हैं। मूल बिन्दु पर B का परिणाम एवं दिशा ज्ञात कीजिए।
4.18 आवेश e तथा द्रव्यमान m का कोई आवेशित कण किसी विद्युत क्षेत्र E एवं चुम्बकीय क्षेत्र B में गति कर रहा है। इस कण की गति से संबंधित विमाहीन राशियों तथा (T)⁻¹ विमायुक्त राशियों की रचना कीजिए।
4.19 ऐसे घनाकार क्षेत्र में जिसके फलक निर्देशांक तलों के समान्तर हैं तथा जिसमें एकसमान विद्युत एवं चुम्बकीय क्षेत्र विद्यमान हैं, कोई इलेक्ट्रॉन v = v₀i वेग से प्रवेश करता है। यदि इस इलेक्ट्रॉन की कक्षा घन के अंदर x-y तल के समान्तर तल में नीचे की ओर सर्पिल हो तो। क्षेत्र E तथा क्षेत्र B का वह विन्यास बताइए जिसका प्रभाव इलेक्ट्रॉन को ऐसा करने के लिए प्रेरित कर सकता है।

4.20 क्या चुम्बकीय बल न्यूटन के तीसरे नियम का पालन करते हैं। मूलबिन्दु पर स्थित धारा घटक (d l₁ = dl ˆi) तथा (0, R, 0) पर स्थित धारा घटक (d l₂ = dl ˆj) के लिए इसे सत्यापित कीजिए। दोनों घटकों के धारा I प्रवाहित होती है।
4.21 चित्र 4.2 में दर्शाए गए गैल्वेनोमीटर परिपथ का उपयोग करके बहुपरिसरीय वोल्टमीटर की रचना की जा सकती है। हम एक ऐसे वोल्टमीटर की रचना करना चाहते हैं, जो 2V, 20V, तथा 200V माप सके तथा 10Ω प्रतिरोध के ऐसे गैल्वेनोमीटर से बना हो जिसमें 1 mA धारा से अधिकतम विक्षेप उत्पन्न होता है। इसके लिए उपयोग किए जाने वाले R₁, R₂ तथा R₃ के मान ज्ञात कीजिए।
4.22 कोई लम्बा सीधा तार जिससे 25A धारा प्रवाहित हो रही है चित्र 4.3 में दर्शाए अनुसार किसी मेज पर रखा है। 1m लम्बा 2.5 g द्रव्यमान को कोई अन्य तार PQ है जिससे विपरीत दिशा में इतनी ही धारा प्रवाहित हो रही है। तार PQ ऊपर अथवा नीचे सरकने के लिए स्वतंत्र है। तार PQ किस ऊँचाई तक ऊपर उठेगा।
दीर्घउत्तरीय (LA)
4.23 100 फेरों की कोई आयताकार कुण्डली ABCD ( XY तल में) तुला की एक भुजा से लटकी है (चित्र 4.4)। कुण्डली का भार संतुलित करने के लिए दूसरी भुजा पर 500 g बाट रखा गया है। अब कुण्डली से 4.9 A प्रवाहित की जाती है तथा भीतर की ओर (XZ तल में) कार्यरत 0.2 T का नियत चुम्बकीय क्षेत्र इस प्रकार लगाया जाता है कि केवल CD भुजा जिसकी लम्बाई 1 cm है, कुण्डली क्षेत्र मेें रहे। तुला पर कितना अतिरिक्त द्रव्यमान ‘m’ रखें कि पुनः संतुलन प्राप्त हो जाए।
4.24 किसी आयताकार चालक लूप में l लम्बाई के दो तार इसकी दो विपरीत भुजाओं में लगे हैं जिन्हें लम्बाई d की छड़ों से आपस में जोड़ा गया है। ये तार समान पदार्थ से बने हैं परन्तु इनकी अनुप्रस्थ काट में 1:2 का अनुपात है। मोटे तार का प्रतिरोध R है। छडें निम्न प्रतिरोध की हैं और ये नियत वोल्टता स्रोत V₀ से जुड़ी हैं। यह लूप किसी एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र B में इस प्रकार रखा है कि उसका तल क्षेत्र से 45° को कोण बनाता है। लूप पर छड़ों के केन्द्रों से गुजरने वाले अक्ष के परितः चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा आरोपित बल आघूर्ण τ ज्ञात कीजिए।
4.25 एक इलेक्ट्रॉन तथा एक पॉजिट्रॉन की समान परिमाण के संवेग p = e BR से किसी एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र B = B₀i में क्रमशः (0, 0, 0) तथा (0, 0, 1.5R ) स्थितिययों पर मुक्त किया गया है। संवेग की दिशाओं की किन अवस्थाओं में कक्षाएँ अप्रतिच्छेदी वृत्त होंगी।
4.26 12a लम्बाई तथा प्रतिरोध R का कोई एकसमान चालक तार एक धारावाही कुण्डली के रुप में (i) भुजा a के समबाहु त्रिभुज (ii) भुजा a के वर्ग (iii) भुजा a के नियमित घटभुज की आकृति में लपेटा गया है। कुण्डली विभवस्रोत V₀ से सम्बद्ध है। प्रत्येक प्रकरण में कुण्डलियों का चुम्बकीय आघूर्ण ज्ञात कीजिए।
4.27 R त्रिज्या के किसी वृत्ताकार धारावाही लूप पर विचार कीजिए, जो x-y तल में है तथा जिसका केन्द्र मूल बिन्दु पर है। मान लीजिए z-अक्ष के अनुदिश रखा समाकलन
ℑ (L) = |∫B di| किया गया है।

(a) यह दर्शाइए कि ℑ (L) में L साथ एकदिष्टतः वृद्धि होती है।
(b) यह दर्शाने के लिए कि τ(∞) = µ₀I (यहाँ I तार में प्रवाहित धारा है) किसी उचित ऐम्पियरीय लूप का उपयोग कीजिए।
(c) उपरोक्त निष्कर्ष की प्रत्यक्षतः पुष्टि कीजिए।
(d) मान लीजिए हम वृत्ताकार कुण्डली को R भुजा की वर्गाकार कुण्डली से प्रतिस्थापित करते हैं जिसमें समान धारा I प्रवाहित हो रही है तब आप ℑ(L) तथा ℑ(∞) के विषय में क्या कह सकते हैं।
4.28 चित्र 4.5 में दर्शाए गए गैल्वेनोमीटर परिपथ का उपयोग करके बहुपरिसरीय धारामापियों की रचना की जा सकती है। हम 10 mA, 100 mA तथा 1 A की धारा माप सकने वाले ऐसे धारामापी की रचना करना चाहते हैं जो 10Ω प्रतिरोध के ऐसे गैल्वेनोमीटर से बना हो जिसमें 1mA धारा प्रवाहित होने पर अधिकतम विक्षेप होता है। इसके लिए उपयोग किए जाने वाले प्रतिरोधों S₁, S₂ तथा S₃ के मान ज्ञात कीजिए।
(a) कागज के लम्बवत् अक्ष O के किसी बिन्दु पर चुम्बकीय प्रेरण क्या होगा। यह अक्ष प्रत्येक तार से समान दूरी R पर है।
(b) यदि किसी तार (जैसे A) से धारा समाप्त कर दी जाए, तो चुम्बकीय क्षेत्र क्या होगा।
(c) क्या होगा यदि किसी तार (जैसे A) में धारा प्रवाह की दिशा उत्क्रमित कर दी जाए।
4.29 पाँच लम्बे तारों A, B, C, D तथा E जिनमें प्रत्येक से धारा I प्रवाहित हो रही है इस प्रकार व्यवस्थित हैं कि ये चित्र 4.6 में दर्शाए अनुसार किसी पंचभुजीय प्रिज्म के किनारे बनाते हैं। प्रत्येक से धारा कागज के तल से बाहर की ओर प्रवाहित होती है।
कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – गतिमान आवेश और चुम्बकत्व
यूनिट 4 – गतिमान आवेश और चुम्बकत्व के प्रश्नों के उत्तर यहाँ से प्राप्त करें
4.1 (d)
4.2 (a)
4.3 (a)
4.4 (d)
4.5 (a)
4.6 (d)
4.7 (a), (b)
4.8 (b), (d)
4.9 (b), (c)
4.10 (b), (c), (d)
4.11 (a), (b), (d)
4.12

4.13 dW=F .dl=0
⇒ F .vdt =0
⇒ F .v =0
F, वेग निर्भर होना चाहिए जिसका अर्थ यह है कि F तथा v के बीच कोण 90° का है। यदि v परिवर्तित होता है (दिशा में) तो F भी (दिशा में) इस प्रकार परिवर्तित होगा जिससे उपरोक्त शर्त पूरी हो जाए।
4.14 चुम्बकीय बल निर्देश फ्रेम पर निर्भर है तथापि इससे उत्पन्न नेट त्वरण जड़त्वीय निर्देश फ्रेमों के लिए निर्देश फ्रेम पर निर्भर नहीं करता (अनापेक्षिकीय भौतिकी)।
4.15 कण एकान्तरतः त्वरित एवं मंदित होगा। अतः दोनों डी में पथ की त्रिज्या अपरिवर्तित रहेगी।
4.16 O₂ पर I ₁ के कारण चुम्बकीय क्षेत्र y-अक्ष के अनुदिश है। दूसरा तार y-अक्ष के अनुदिश है, अतः बल शून्य है।








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