भौतिकी विज्ञान विषय की अच्छी तैयारी के लिए कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – नाभिक यहाँ प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे छात्र जो भौतिकी विज्ञान विषय की परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते है उन्हें अपनी तैयारी के लिए यहाँ नाभिक के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर मिल जाएंगे। महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर की जानकारी किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए आवश्यक होती है। इस पेज में NCERT Book के यूनिट 13 – नाभिक के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।
श्रोत: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद्
कक्षा: 12
विषय: भौतिकी विज्ञान
अध्याय: यूनिट 13 – नाभिक
कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – नाभिक
कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान विषय के यूनिट 13 – नाभिक के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर यहाँ प्राप्त करें।
बहुविकल्पी प्रश्न I (MCQ I)
13.1 मान लीजिए हम ऐसे बहुत से पात्रों पर विचार करते हैं जिनमें प्रत्येक में प्रारम्भ में 1 वर्ष अर्धायु वाले रेडियोएक्टिव पदार्थ के 10000 परमाणु हैं। 1 वर्ष के पश्चात्
(a) सभी पात्रों में इस पदार्थ के 5000 परमाणु होंगे।
(b) सभी पात्रों में इस पदार्थ के परमाणुओं की संख्या समान होगी, परन्तु यह लगभग 5000 होगी।
(c) सामान्य तौर पर इस पात्रों में इस पदार्थ के परमाणुओं की संख्या भिन्न होगी, परन्तु इनका औसत 5000 के निकट होगा।
(d) किसी भी पात्र में इस पदार्थ के 5000 परमाणुओं से अधिक नहीं होंगे।
13.2 किसी हाइड्रोजन परमाणु तथा m द्रव्यमान के किसी अन्य कण के मध्य गुरूत्वीय बल को न्यूटन के नियम द्वारा निरूपित किया जाएगा-
F = G M .m/r² यहाँ r किलोमीटर में है तथा
(a) M = mप्रोटॉन + mप्रोटॉन
(b) M = mप्रोटॉन + mइलेक्ट्रॉन – B/c² (B = 13.6 eV)
(c) M हाइड्रोजन परमाणु के द्रव्यमान से संबंधित नहीं है।
(c) M = mप्रोटॉन + mइलेक्ट्रॉन – |V|/c² (V = H-परमाणु में इलेक्ट्रॉन की स्थितिज ऊर्जा का परिमाण)।
13.3 जब किसी परमाणु के नाभिक का रेडियोएक्टिव विघटन होता है तो परमाणु के इलेक्ट्रॉनिक ऊर्जा स्तरों में
(a) किसी भी प्रकार की रेडियोएक्टिवता के लिए कोई परिवर्तन नहीं होता।
(b) α एवं β रेडियोएक्टिवता के लिए परिवर्तन होते हैं परन्तु γ रेडियो एक्टिवता के लिए कोई परिवर्तन नहीं होते।
(c) α रेडियोएक्टिवता के लिए परिवर्तन होते हैं, परन्तु अन्य के लिए नहीं।
(d) α रेडियोएक्टिवता के लिए परिवर्तन होते हैं, परन्तु अन्य के लिए नहीं।
13.4 Mₓ तथा Mᵧ किसी रेडियोएक्टिव विघटन में मूल और विघटनज नाभिकों के परमाणु द्वव्यमानों को निरूपित करते हैं। β विघटन का Q-मान Q₁ और β⁺ विघटन का Qमान Q₂ है। यदि mₑ एक इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान को निरुपित करता है तो इनमें से कौन सा प्रकथन सही है।
(a) Q₁ = (Mₓ – Mᵧ) c² तथा Q₂ = (Mₓ – Mᵧ-2mₑ)c²
(b) Q₁ = (Mₓ – Mᵧ) c² तथा Q₂ = (Mₓ – Mᵧ)c²
(c) Q₁ = (Mₓ – Mᵧ-2mₑ) c² तथा Q₂ = (Mₓ – Mᵧ+2mₑ)c²
(d) Q₁ = (Mₓ – Mᵧ+2mₑ) c² तथा Q₂ = (Mₓ – Mᵧ+2mₑ)c²
13.5 ट्राइटियम हाइड्रोजन का एक समस्थानिक है जिसके नाभिक ट्राइटॉन में दो न्यूट्रॉन और एक प्रोटॉन है। मुक्त न्यूटॉन p + c + v में विघटित हो जाते हैं। यदि ट्राइटॉन के दो न्यूट्रॉनों में से किसी एक न्यूट्रॉन का विघटन होता, तो यह He³ नाभिक में रूपान्तरित हो जाता, परन्तु ऐसा नहीं होता क्योंकि
(a) ट्राइट़ॉन की ऊर्जा He³ नाभिक की ऊर्जा से कम होती है।
(b) β – विघटन प्रक्रिया में उत्पन्न इलेक्ट्रॉन नाभिक के भीतर नहीं रह सकता।
(c) ट्राइटॉन में दोनों न्यूट्रॉन साथ-साथ विघटित होते हैं, जिसके फलस्वरूप तीन प्रोटॉनों का एक नाभिक बनात है जो He³ नाभिक नहीं होता।
(d) क्योंकि मुक्त न्यूट्रॉन बाह्य क्षोभ के कारण विघटित होते हैं और ट्राइटॉन नाभिक मेें मुक्त न्यूट्रॉन नहीं होते।
13.6 स्थायी भारी नाभिकों में न्यूट्रॉनों की संख्या प्रोटॉनों से अधिक होती है। इसका कारण यह है कि
(a) न्यूट्रॉन प्रोटॉन से अधिक भारी होते हैं।
(b) प्रोटॉनों के बीच स्थिर विद्युत बल प्रतिकर्षणात्मक होता है।
(c) β विघटन द्वारा न्यूट्रॉन प्रोटॉनों में विघटित हो जाते हैं।
(d) न्यूट्रॉनों के बीच नाभिकीय बल प्रोटॉन के बीच नाभिकीय बल की अपेक्षा दुर्बल होता है।
13.7 किसी नाभिकीय रिएक्टर में अवमंदक विखंडन प्रक्रिया में मुक्त न्यूट्रॉनों की गति को मंद कर देते हैं। अवमंदक के रूप में हलके नाभिकों का प्रयोग किया जाता है। भारी नाभिक यह उद्देश्य पूरा नहीं कर सकते, क्योंकि
(a) वे टूट जाएँगे
(b) भारी नाभिकों के साथ न्यूट्रॉनों का प्रत्यास्थ संघट्ट उन्हें धीमा नहीं करेगा।
(c) रिएक्टर का नेट भार अत्यधिक हो जाएगा।
(d) भारी नाभिकों वाले पदार्थ कक्ष-ताप पर द्रव अथवा गैसीय अवस्था में नहीं पाए जाते।
बहुविक्लपी प्रश्न II (MCQ II)
13.8 संलयन प्रक्रियाएँ जैसे दो ड्यूटरॉन के संलयन द्वारा एक He नाभिक बनाना, सामान्य ताप एवं दाब पर असंभव है। इसके कारणों को निम्नलिखित तथ्यों से समझा जा सकता हैः
(a) नाभिकीय बल लघु परासीय होते हैं।
(b) नाभिक धन-आवेशित होते हैं।
(c) मूल नाभिक को संलयन से पूर्व पूर्णतः आयनित हो जाना चाहिए।
(d) संलयन से पूर्व मूल नाभिक को पहले टूटना चाहिए।
13.9 दो रेडियोएक्टिव नाभिकों A और B के नमूने लिए गए। λA और λB क्रमशः A और B के विघटन नियतांक हैं। इनमें से किन स्थितियों में दोनों नमूनों के विघटन की समक्षणिक दर समान होगी।
(a) A के प्रारम्भिक विघटन की दर B के प्रारम्भिक विघटन की दर की दुगुनी तथा λA = λB हो।
(b) A के प्रारम्भिक विघटन की दर B के प्रारम्भिक विघटन की दर की दुगुनी तथा λA > λB हो।
(c) B के प्रारम्भिक विघटन की दर A के प्रारम्भिक विघटन की दर की दुगुनी तथा λA > λB हो।
(d) t = 2h पर B के प्रारम्भिक विघटन की दर A के प्रारम्भिक विघटन की दर के समान तथा λB < λA हो।

13.10 दो रेडियोएक्टिव नमूनों A और B के विघटन की दर का समय के साथ परिवर्तन चित्र 13.1 में दर्शाया गया है। इनमें से कौन से प्रकथन सही हैं।
(a) A का विघटन नियतांक B के विघटन नियतांक से अधिक है, अतः A सदैव B की अपेक्षा तीव्र गति से विघटित होता है।
(b) B का विघटन नियतांक A के विघटन नियतांक से अधिक है, परन्तु B के विघटन की दर सदैव A के विघटन की दर से कम है।
(c) A का विघटन नियतांक B के विघटन नियतांक से अधिक है परन्तु A सदैव B से पहले विघटित नहीं होता।
(d) B का विघटन नियतांक A के विघटन नियतांक से कम है फिर भी इसके विघटन की दर, कुछ क्षणों पश्चात, A के बराबर हो जाती है।
अति लघुउत्तरीय (VSA)
13.11 3/2 He तथा 3/He नाभिकों की द्रव्यमान संख्याएँ समान हैं। क्या इनकी बन्धन ऊर्जाएँ भी समान है।

13.12 सक्रिय नाभिकों की संख्या में परिवर्तन के साथ विघटन की दर में परिवर्तन दर्शाने वाला ग्राफ खींचिए।
13.13 चित्र 13.2 में दर्शाए दो नमूनों A अथवा B में किसकी औसत आयु कम है।
13.14 निम्न में से कौन विकिरण उत्सर्जित नहीं कर सकता और क्यों।
उत्तेजित नाभिक, उत्तेजित इलेक्ट्रॉन
13.15 युग्म विलोपन में एक इलेक्ट्रॉन तथा एक पॉजिट्रॉन एक दूसरे का अस्तित्व समाप्त कर गामा विकिरण उत्पन्न करते हैं। इसमें संवेग संरक्षण कैसे होता है।
लघुउत्तरीय (SA)
13.16 स्थायी नाभिकों में प्रोटॉनों की संख्या न्यूट्रॉनों की संख्या से कदापि अधिक नहीं हो सकती, क्यों।
13.17 किसी रेडियोएक्टिव नाभिक A विचार कीजिए जिसके किसी स्थायी नाभिक C तक विघटन का क्रम इस प्रकार है
A → B → C
यहाँ B कोई मध्यवर्ती नाभिक है जो रेडियोएक्टिव भी है। यह मानते हुए कि प्रक्रिया के प्रांरंभ में A में परमाणओं की संख्या N₀ है। A और B के परमाणुओं की संख्या में समय के साथ परिवर्तन को दर्शाने वाला ग्राफ खींचिए।
13.18 किसी प्राचीन इमारत के खंडहर से प्राप्त लकड़ी के एक टुकड़े में ¹⁴C की सक्रियता इसके कार्बन अंश की 12 विघटन प्रति मिनट प्रति ग्राम पाई जाती है। किसी संजीव लकड़ी की ⁴C की सक्रियता 16 विघटन प्रति मिनट प्रति ग्राम होती है। कितने समय पूर्व यह वृक्ष जिसकी लकड़ी का यह प्राप्त नमूना है, काटा गया था। ¹⁴C की अर्धायु 5760 वर्ष है।
13.19 क्या न्यूक्लियॉन मूल कण हैं अथवा उनके और छोटे भाग भी होते हैं। इसके अन्वेषण की एक विधि यह भी हो सकती है कि न्यूक्लियॉन का उसी प्रकार अन्वेषण किया जाए जैसा रदरफोर्ड ने एक परमाणु से किया था। किसी न्यूक्लियॉन के अन्वेषण के लिए इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा कितनी होनी चाहिए। न्यूक्लियॉन का व्यास लगभग 10⁻¹⁵ m लीजिए।
13.20 यदि Z₁ = N₂ तथा Z₂ = N₁ हो तो किसी नाभिक¹ को किसी दूसरे नाभिक² का दर्पण समभारिक कहा जाता है। (a) 23/11 Na का दर्पण समभारिक नाभिक क्या है। (b) दो दर्पण संभारिकों में से किस नाभिक की बंधन ऊर्जा अधिक है और क्यों।
दीर्घउत्तरीय (LA)
13.21 कभी-कभी कोई रेडियोएक्टिव नाभिक विघटित होकर एक ऐसा नाभिक बनाता है जो स्वयं भी रेडियोएक्टिव होता है, उदाहरणार्थ-
³⁸S अर्धाय्→=2.48h ³⁸Cl अर्धाय्→=0.62h ³⁸ Ar. (स्थायी)
मान लीजिए हम t = 0 पर 1000 S³⁸ नाभिकों से प्रारम्भ करते हैं। t = 0 पर ³⁸Cl की संख्या शून्य है तथा t = ∞ पर पुनः शून्य है। t के किस मान पर नाभिकों की संख्या अधिकतम होगी और उस समय यह संख्या क्या होगी।
13.22 ड्यूटरॉन एक न्यूटॉन तथा एक प्रोटॉन की वह परबद्ध अवस्था है जिसकी बंधन ऊर्जा B = 2.2 MeV है। ऊर्जा E की एक γ -किरण, ड्यूटरॉन नाभिक की ओर इसे न्यूट्रॉन + प्रोटॉन में इस प्रकार विखण्डित करने के लिए लक्ष्यभूत की जाती है कि न्यूट्रॉन एवं प्रोटॉन आपतित γ- किरण की दिशा में गति करें। यदि E = B है, तो दर्शाइए कि ऐसा करना संभव नहीं है। इस प्रकार, यह परिकलित कीजिए कि ऐसी प्रक्रिया के लिए B की अपेक्षा E कितना अधिक होना चाहिए।
13.23 डयूटरॉन नाभिकीय बलों द्वारा उसी प्रकार बंधा होता है जिस प्रकार प्रोटॉन तथा इलेक्ट्रॉन द्वारा बने हाइड्रोजन परमाणु में p तथा e स्थिर वैद्युत बल द्वारा बंधे होते हैं। यदि हम यह मानें कि ड्यूटरॉन में न्यूट्रॉन एवं प्रोटॉन के मध्य बल कूलॉम विभव के रूप में दिया जा सकता है जिसमें प्रभावी आवेश e′ है।
F = 1/4πε₀ e′/r
(e’/e) का मान आकलित कीजिए दिया है कि ड्यूटरॉन की बंधन ऊर्जा 2.2 MeV है।
13.24 न्यूट्रिनो परिकल्पना से पूर्व β– विघटन प्रक्रिया को n→p + e संक्रमण समझा जाता था, यदि यह सत्य है तो यह दर्शाइए कि यदि न्यूट्रॉन विराम में हो, तो प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन नियत ऊर्जाओं से निकलेंगे। इन ऊर्जाओं का परिकलन कीजिए। प्रायोगिक रूप से, इलेक्टॉन की ऊर्जा की दीर्घ परास होता है।
13.25 किसी अज्ञातत रेडियो सक्रिय न्यूक्लाइड की सक्रियता R एक-एक घंटे के अंतरालों पर मापी गई और प्राप्त परिणामों को इस प्रकार सारणी-बद्ध किया गयाः
t (h) | 0 | 1 | 2 | 3 | 4 |
R (MBq) | 100 | 35.36 | 12.51 | 4.42 | 1.56 |
(i) R तथा t के बीच ग्राफ खींचिए तथा इससे अर्धायु परिकलित कीजिए।
(ii) (R/R₀) तथा t के बीच ग्राफ खींचिए और इससे अर्धायु का मान ज्ञात कीजिए।
13.26 ऐसे नाभिक जिनमें प्रोटॉन की स्थायित्व (magic) संख्या Z = 2, 8, 20, 28, 50, 52 तथा न्यूट्रॉन की स्थायित्व संख्या N = 2, 8, 20, 28, 50, 82 तथा 126 है अत्यधिक स्थायी पाए जाते हैं।
(i) ¹²⁰Sn (Z = 50) तथा ¹²¹Sb = (Z = 51) के लिए प्रोटॉन की ऊर्जा Sp परिकलित करके इस तथ्य की सत्यापित कीजिए।
किसी न्यूक्लाइड के लिए प्रोटॉन पृथकन ऊर्जा वह न्यूनतम ऊर्जा होती है जो उस न्यूक्लाइड के किसी नाभिक से न्यूनतम दृढ़ता से बंधे प्रोटॉन को पृथ्क करने के लिए आवश्यक होती है। यह इस प्रकार व्यक्त की जाती है।
Sp = (MZ₋₁,N +MH– MZ,N) c²
यहाँ दिया है कि
¹¹⁹In = 118.9058u,
¹²⁰Sn = 119.902199u,
¹²¹Sb = 120.903824u,
¹H = 1.0078252u
(ii) स्थायित्व संख्या का अस्तित्व क्या इंगित करता है।
कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – नाभिक
यूनिट 13 – नाभिक के प्रश्नों के उत्तर यहाँ से प्राप्त करें
13.1 (c)
13.2 (b)
13.3 (b)
13.4 (a)
13.5 (a)
13.6 (b)
13.7 (b)
13.8 (a), (b)
13.9 (b), (d)
13.10 (c), (d)
13.11 नहीं, He³ की बंधन ऊर्जा तुलनात्मक रूप से अधिक है।

13.13 B की औसत आयु कम है क्योंकि B के लिए λ का मान अधिक है।
13.14 उत्तेजित इलेक्ट्रॉन, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक ऊर्जा स्तरों की ऊर्जा की परास eV में है, MeV में नहीं। γ-विकिरण की ऊर्जा MeV है।
13.15 दो फोटान उत्पन्न होते हैं, जो ऊर्जा-संरक्षण हेतु विपरीत में गति करते हैं।
13.16 प्रोटान धनावेशत होते हैं तथा एक दूसरे को विद्युतीय रूप से प्रतिकर्षित करते हैं। 10 से अधिक प्रोटानों वाले नाभिक में यह प्रतिकर्षण इतना अधिक हो जाता है कि न्यूट्रानों की अधिकता जो केवल आकर्षण बल उत्पन्न करती है, स्थायित्व के लिए आवश्यक हो जाती है।










इस पेज पर दिए गए कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – नाभिक की सहायता से छात्रों की तैयारी अच्छे तरीके से हो सकती है। परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए और अपनी तैयारी सुदृढ़ तरीके से करने के लिए छात्र इस पेज पर दिए गए महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तरों को देख सकते हैं।
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