भौतिकी विज्ञान विषय की अच्छी तैयारी के लिए कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – अर्धचालक इलेक्ट्रॉनिकी – पदार्थ, युक्तियाँ तथा सरल परिपथ यहाँ प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे छात्र जो भौतिकी विज्ञान विषय की परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते है उन्हें अपनी तैयारी के लिए यहाँ अर्धचालक इलेक्ट्रॉनिकी – पदार्थ, युक्तियाँ तथा सरल परिपथ के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर मिल जाएंगे। महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर की जानकारी किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए आवश्यक होती है। इस पेज में NCERT Book के यूनिट 14 – अर्धचालक इलेक्ट्रॉनिकी – पदार्थ, युक्तियाँ तथा सरल परिपथ के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।
श्रोत: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद्
कक्षा: 12
विषय: भौतिकी विज्ञान
अध्याय: यूनिट 14 – अर्धचालक इलेक्ट्रॉनिकी – पदार्थ, युक्तियाँ तथा सरल परिपथ
कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – अर्धचालक इलेक्ट्रॉनिकी – पदार्थ, युक्तियाँ तथा सरल परिपथ
कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान विषय के यूनिट 14 – अर्धचालक इलेक्ट्रॉनिकी – पदार्थ, युक्तियाँ तथा सरल परिपथ के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर यहाँ प्राप्त करें।
बहुविकल्पी प्रश्न I (MCQ I)
14.1 ताप में वृद्धि से किसी अर्धचालक की चालकता में वृद्धि का कारण यह है कि मुक्त धारावाहकों का-
(a) संख्या घनत्व बढ़ जाता है
(b) विश्राति काल बढ़ जाता है
(c) संख्या घनत्व तथा विश्रांति काल दोनों बढ़ जाते हैं
(d) संख्या घनत्व बढ़ जाता है और विश्राति काल घट जाता है

14.2 चित्र 14.1 में किसी संधि डायोड के लिए संधि केन्द्र से दूर जाने पर दूरी के साथ संधि के सिरों पर विभव प्राचीर में अन्तर को दर्शाया गया है। इसमें Vₒ संधि के सिरों पर वह विभव प्राचीर है जो तब प्रभावी होती है जब संधि के सिरों के बीच कोई बैटरी न जुड़ी हो।
(a) 1 एवं 3 दोनों अग्रबायसित संधि के संगत हैं।
(b) 3 अग्रबायसित संधि के संगत और 1 पश्चबायसित संधि के संगत हैं।
(c) 1 अग्रबायसित संधि के संगत और 3 पश्चबायसित संधि के संगत है।
(d) 3 एवं 1 दोनों पश्चबायसित संधि के संगत हैं।
14.3 चित्र 14.2 में डायोडों को आदर्श मानों तो-

(a) D₁ अग्रबायसित है और D₂ पश्चबायसित है, अतः धारा A से B की ओर प्रवाहित होती है।
(b) D₂ अग्रबायसित और D₁ पश्चबायसित है अतः B से A की ओर अथवा A से B की ओर कोई धारा प्रवाहित नहीं होती।
(c) D₁ एवं D₂ दोनों अग्रबायसित हैं, अतः धारा A से B की ओर अथवा B से A की ओर प्रवाहित होती है।
(d) D₁ एवं D₂ दोनों पश्चबायसित हैं, अतः A से B की ओर अथवा B से A की ओर कोई धारा प्रवाहित नहीं होती है।

14.4 220 V ac विद्युत प्रदाय बिन्दुओं A एवं B के बीच जुड़ा है (चित्र 14.3)। संधारित्र के सिरों पर विभवान्तर V कितना होगा।
(a) 220V
(b) 110V
(c) शून्य
(d) 220 √2 V
14.5 होल होता है
(a) इलेक्ट्रॉन का प्रतिकण।
(b) सहसंयोजी आबंध से एक इलेक्ट्रॉन दूर छिटक जाने पर उत्पन्न रिक्ति।
(c) मुक्त इलेक्ट्रानों की अनुपस्थिति
(d) कृत्रिम रूप से सृजित कोई कण।
14.6 चित्र 14.4 में दिए गए परिपथ का निर्गम होगा-

(a) हर समय शून्य।
(b) किसी अर्ध तरंग दिष्टकारी की भाँति निर्गम में धनात्मक अर्ध चक्र होंगे।
(c) किसी अर्ध तरंग दिष्टकारी की भाँति निर्गम में ऋणात्मक अर्धचक्र होंगे।
(d) किसी पूर्ण तरंग दिष्टकारी के निर्गम जैसा।

14.7 चित्र 14.5 में दर्शाए परिपथ में यदि डायोड का अग्रदिश वोल्टता पात 0.3 V है, तो A एवं B के बीच विभवान्तर है-
(a) 1.3 V
(b) 2.3 V
(c) शून्य
(d) 0.5 V
14.8 दिए गए परिपथ (चित्र 14.6) के लिए सत्यापन सारणी है-


बहुविकल्पी प्रश्न II (MCQ II)
14.9 किसी अर्धचालक पर कोई विद्युत क्षेत्र अनुप्रयुक्त किए जाने पर –
(a) वालन बैंड में इलेक्ट्रॉन निम्नतर ऊर्जा स्तरों से उच्चतर ऊर्जा स्तरों की ओर गति करते हैं।
(b) चालन बैंड में इलेक्ट्रॉन उच्चतर ऊर्जा स्तरों से निम्नतर ऊर्जा स्तरों की ओर गति करते हैं।
(c) संयोजकता बैंड में होल उच्चतर ऊर्जा स्तरों से निम्नतर ऊर्जा स्तरों की ओर गति करते हैं।
(d) संयोजकता बैंड में होल निम्नतर ऊर्जा स्तरों से उच्चतर ऊर्जा स्तरों की ओर गति करते हैं।
14.10 मान लीजिए किसी एक n-p-n ट्रांजिस्टर आधार-उत्सर्जक संधि को अग्रबायस तथा संग्राहक आधार संधि को पश्चबायस दिया गया है। निम्नलिखित में कौन सा/से प्रकथन सत्य है/हैं।
(a) इलेक्ट्रॉन उत्सर्जक से संग्राहक की ओर संक्रमण करते हैं।
(b) होल आधार से संग्राहक की ओर गति करते हैं।
(c) इलेक्ट्रॉन उत्सर्जक से आधार की ओर गति करते हैं।
(d) इलेक्ट्रॉन उत्सर्जक से संग्राहक में जाए बिना आधार से बाहर निकल जाते हैं।

14.11 चित्र 14.7 में आधार बायसित CE ट्रांजिस्टर के अन्तरण अभिलक्षण दर्शाए गए हैं। निम्नलिखित में कौन से प्रकथन सत्य हैं।
(a) V₁ = 0.4V पर ट्रांजिस्टर सक्रिय अवस्था में है।
(b) V₁ = 1V पर यह प्रवर्धक की भाँति उपयोग किया जा सकता है।
(c) V₁ = 0.5V पर इसे ऑन स्विच के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
(d) V₁ = 2.5V पर इसे ऑफ स्विच के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
14.12 किसी n-p-n ट्रांजिस्टर परिपथ में संग्राहक धारा 10 mA है। यदि 95% उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन संग्राहक पर पहुँचते हों, तो निम्नलिखित में कौन सा/से प्रकथन सत्य है/हैं।
(a) उत्सर्जक धारा 8 mA होगी।
(b) उत्सर्जक धारा 10.53 mA होगी।
(c) उत्सर्जक धारा 0.53 mA होगी।
(d) उत्सर्जक धारा 2 mA होगी।
14.13 किसी डायोड के ह्रासी क्षेत्र में-
(a) कोई गतिशील आवेश नहीं होते।
(b) समान संख्या में इलेक्ट्रॉन एवं होल होते हैं जिससे क्षेत्र उदासीन हो जाता है।
(c) होलों और इलेक्ट्रॉनों का पुनर्सयोजन हो जाता है।
(d) आवेशयुक्त निश्चल आयन विद्यमान होते हैं।
14.14 जेनर डायोड की नियामक क्रिया के समय क्या होता है।
(a) जेनर डायोड में प्रवाहित धारा और इसके सिरों पर वोल्टता स्थिर रहती है।
(b) श्रेणीक्रम में लगे प्रतिरोध (Rs) से प्रवाहित धारा परिवर्तित होती है।
(c) जेनर प्रतिरोध नियत रहता है।
(d) जेनर डायोड प्रतिरोध में परिवर्तन होता है।
14.15 किसी दिष्टकारी परिपथ में संधारित्र फिल्टर द्वारा तरंगिकाओं के आयाम को घटाने के लिए-
(a) RL को बढ़ाना चाहिए।
(b) निवेश आवृत्ति घटानी चाहिए।
(c) निवेश आवृत्ति बढ़ानी चाहिए।
(d) अधिक धारिता के संधारित्रों का उपयोग करना चाहिए।
14.16 पश्च बायसित p-n संधि डायोड में भंजन की संभावना किसके कारण अधिक होती है।
(a) यदि मादन सांद्रता कम है तो अल्पांश आवेश वाहकों के उच्च वेग के कारण।
(b) यदि मादन सांद्रता अधिक है तो अल्पांश आवेश वाहकों के उच्च वेग के कारण।
(c) यदि मादन सांद्रता कम है तो ह्रासी क्षेत्र में प्रबल विद्युत क्षेत्र के कारण।
(d) यदि मादन सांद्रता अधिक है तो ह्रासी क्षेत्र मेंं प्रबल विद्युत क्षेत्र के कारण।
अति लघुउत्तरीय (VSA)
14.17 सिलिकन या जर्मेनियम के मादन के लिए तात्विक मादकों का चयन प्रायः या तो समूह XIII अथवा समूह XV के तत्वों में से ही क्यों किया जाता है।
14.18 Sn, C, तथा Ge, Si सभी समूह XIV के तत्व हैं। फिर भी Sn चालक है, C विद्युतरोधी है जबकि Si एवं Ge अर्धचालक हैं। ऐसा क्यों है।
14.19 क्या p-n संधि के सिरों पर विभव प्राचीर की माप केवल संधि पर वोल्टतामापी जोड़ कर की जा सकती है।
14.20 प्रतिरोधक के सिरों के बीच निर्गम तरंगरूप बनाइए (चित्र 14.8)

14.21 प्रवर्धकों X, Y एवं Z को श्रेणीक्रम में जोड़ा गया है। यदि X, Y एवं Z की वोल्टता लब्धि क्रमशः 10, 20 एवं 30 और निवेश सिग्नल का शिखर मान 1 mV है, तो निर्गत सिग्ननल वोल्टता का शिखर मान क्या होगा, जबकि
(i) dc प्रदाय वोल्टता 10V है।
(ii) dc प्रदाय वोल्टता 5V है।
14.22 किसी CE ट्रांजिस्टर प्रवर्धक परिपथ से कोई धारा और वोल्टता लब्धि संबद्ध है। दसरे शब्दों में, कोई शक्ति-लब्धि होती है। शक्ति को ऊर्जा की माप मानते हुए क्या इस परिपथ में ऊर्जा संरक्षण का उल्लंघन होता है।
लघुउत्तरीय (SA)

(i) उस डायोड के प्रकार का नाम लिखिए जिसके अभिलक्षणिक चित्र 14.9 (a) एवं (b) में दर्शाए गए हैं।
(ii) चित्र 14.9 (a) में बिन्दु P क्या निरुपित करता है।
(iii) चित्र 14.9 (b) में बिन्दु P एवं Q क्या निरूपित करते हैं।
14.24 तीन फोटो डायोड D₁, D₂ एवं D₃ ऐसे अर्धचालकों से बनाए गए हैं कि जिनके बैंड अंतराल क्रमशः 2.5 eV, 2 eV एवं 3 eV हैं। इनमें से कौन सा डायोड 6000Å तरंगदैर्घ्य के प्रकाश का संसूचन करने योग्य होगा।
14.25 यदि प्रतिरोध R₁ बढ़ाया जाता है (चित्र 14.10) तो एमीटर तथा वोल्टमीटर के पाठ्यांकों में क्या परिवर्तन होंगे।

14.26 दो कार गैराजों का एक उभयनिष्ठ स्वचालित प्रवेश द्वार है जो किसी भी एक गैराज मेें किसी कार के प्रवेश करने पर या दोनों गैराजों में कारों के प्रवेश करने पर अपने आप से खुल जाता है। डायोडों का उपयोग करके इस प्रकार की स्थिति के लिए परिपथ बनाइए।

14.27 किसी ट्रांजिस्टर का उपयोग करके NOT द्वार प्राप्त करने के लिए आप परिपथ कैसे स्थापित करेंगे।
14.28 स्पष्ट कीजिए कि तात्विक अर्धचालकों का उपयोग दृष्य LEDs बनाने में क्यों नहीं किया जा सकता।
14.29 चित्र 14.11 में दिए गए परिपथ की सत्यमान सारणी बनाइए। परिपथ के तुल्य तर्क द्वार का नाम लिखिए।
14.30 1 W शक्ति सीमांक के किसी जेनर डायोड को वोल्टता नियामक के रूप में उपयोग किया जाना है। यदि जेनर की भंजन वोल्टता 5V है और इसे 3V और 7V के बीच उच्चावचन की वोल्टता का नियमन करना है तो इसके निरापद प्रचालन के लिए किस मान के Rs का उपयोग किया जाना चाहिए (चित्र 14.12)।
दीर्घउत्तरीय (LA)
14.31 यदि चित्र 14.13 में दर्शाए गए प्रत्येक डायोड का अग्रबायस प्रतिरोध 25Ω तथा पश्च बायस प्रतिरोध अनन्त हो, तो धारा I₁, I₂, I₃ एवं I₄ के मान क्या होंगे।


14.32 चित्र 14.14 में दर्शाए गए परिपथ में जब आधार प्रतिरोध पर निवेश वोल्टता 10V है, तो Vbe शून्य है तथा Vce भी शून्य है। Ib, Ic तथा β के मान ज्ञात कीजिए।
14.33 चित्र 14.15 में द्वारों के दिए गए संयोजनों के निर्गम सिग्नलों C₁ एवं C₂ को आरेखित कीजिए।

14.34 CE विन्यास में n-p-n ट्रांसजिस्टर के निवेश और निर्गम अभिलक्षणिकों का अध्ययन करने के लिए चित्र 14.16 (a) में दिए गए परिपथ पर विचार कीजिए।
यदि किसी ट्रांजिस्टर के लिए VBE = 0.7 V है, तो RB और RC के ऐसे मानों का चयन कीजिए जिनके लिए ट्रांजिस्टर चित्र 14.16 (b) में दर्शाए अभिलक्षणिक बिन्दु Q पर प्रचलित हो।
दिया है कि ट्रांजिस्टर का निवेश प्रतिबाधा बहुत कम है तथा VCC = VBB = 16 V है। उपयुक्त पूर्वधारणाओं का उल्लेख करते हुए परिपथ की वोल्टता लब्धि तथा शक्ति लब्धि भी ज्ञात कीजिए।


14.35 यह मानते हुए कि डायोड एक आदर्श डायोड है चित्र 14.17 में दिए गए परिपथ का निर्गम तरंगरूप बनाइए। इस तरंग रूप की व्याख्या कीजिए।
14.36 मान लीजिए किसी Si क्रिस्टल, जिसमें 5×10²⁸ परमाणु प्रति घन मीटर हैं, को As की 1ppm सांद्ता द्वारा मादित करके n-प्रकार के अर्धचालक की कोई परत बनाई गई है। इसके पृष्ठ पर बोरॉन की 200 ppm सांद्रता से मादित ‘P’ क्षेत्र निर्मित किया गया है। यह मानते हुए कि n₁ = 1.5 × 10¹⁶ m⁻³, (i) n तथा P क्षेत्रों में आवेश वाहकों का संख्या घनत्व परिकलित कीजिए। (ii) टिप्पणी कीजिए कि डायोड को पश्चबायसित करने पर कौन से आवेश-वाहक व्युत्क्रम संतृप्ति धारा के निर्माण में अधिकांश योगदान करेंगे।
14.37 किसी X-OR द्वार की सत्यमान सारणी नीचे दी गई हैः
A | B | Y |
0 | 0 | 0 |
0 | 1 | 1 |
1 | 0 | 1 |
1 | 1 | 0 |
इसे निम्नलिखित तर्क संबंध द्वारा निरूपित किया गया है
Y =A.B+ A.B
इस द्वार की रचना AND, OR एवं NOT द्वारों का उपयोग करके कीजिए।
14.38 किसी बॉक्स जिसके शीर्ष भाग पर, चित्र 14.18 (a) में दर्शाए अनुसार तीन टर्मिनल लगे हैं, पर विचार कीजिएः


किसी व्यवस्था में इस टर्मिनलों के सिरों पर तीन अवयव से दो जर्मेनियम डायोड और एक प्रतिरोधक संयोजित किए गए हैं। कोई विद्यार्थी करते समय इन तीन टर्मिनलों में से किन्हीं दो को जोड़कर चित्र 14.18 (b) में दर्शाए अनुसार परिपथ बनाता है।
वह विद्यार्थी परिपथ में इन दो टर्मिनलों के बीच जुड़े अवयवों के अज्ञात संयोजन के लिए धारा-वोल्टता अभिलक्षणिक प्राप्त करता है।



14.39 चित्र 14.19 में दर्शाए गए ट्रांजिस्टर परिपथ के लिए VE, RB एवं RE का परिकलन कीजिए। दिया हैः IC= 1 mA, VCE = 3V, VBE = 0.5 V तथा β = 100


कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – अर्धचालक इलेक्ट्रॉनिकी – पदार्थ, युक्तियाँ तथा सरल परिपथ
यूनिट 14 – अर्धचालक इलेक्ट्रॉनिकी – पदार्थ, युक्तियाँ तथा सरल परिपथ के प्रश्नों के उत्तर यहाँ से प्राप्त करें
14.1 (d)
14.2 (b)
14.3 (b)
14.4 (d)
14.5 (b)
14.6 (c)
14.7 (b)
14.8 (c)
14.9 (a), (c)
14.10 (a), (c)
14.11 (b), (c), (d)
14.12 (b), (c)
14.13 (a), (b), (d)
14.14 (b), (d)
14.15 (a), (c), (d)
14.16 (a), (d)
14.17 मदित किए जाने वाले परमाणु का साइज ऐसा होना चाहिए कि यह शुद्ध अर्द्धचालक के किस्टल जालक की संरचना को तो विकृत न करे परन्तु Si या Ge के साथ सह-संयोजी बंध सरलतापूर्वक निर्मित कर एक आवेश वाहक का योगदान कर सके।
14.18 परमाणु साइज के अनुसार Sn के लिए ऊर्जा अन्तराल 0 eV, C के लिए 5.4 eV, Si के लिए 1.1 eV तथा Ge के लिए 0.7eV है।
14.19 जी नहीं, क्योंकि संधि-प्रतिरोध की तुलना में वोल्टमीटर का प्रतिरोध अत्युच्च होना ही चाहिए, जबकि संधि प्रतिरोध लगभग अनन्त है।











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