भारत सरकार उच्च शिक्षा बोर्ड ने छात्रों को बहुत बड़ी राहत दी हैं। अगर आप छात्र हो तो आपके लिए यह महत्वपूर्ण खबर है। जानकारी के मुताबिक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है। जिसके बाद कोई भी कॉलेज या शिक्षण संस्थान छात्रों के ओरिजिनल सर्टिफिकेट नहीं रख सकती है। आपको बता दें कि अब तक कॉलेज और शिक्षण संस्थान एडमिशन के समय छात्रों के ओरिजिनल सर्टिफिकेट कुछ समय के लिए रख लेती थी। जो कि छात्रों को कुछ महीने या कुछ साल बाद दिया जाता था।
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अपने एक बयान के दौरान कहा कि 2019-2020 से छात्रों को अपने ओरिजिनल दस्तावेज जैसे कि मार्कशीट्स और अन्य सर्टिफिकेट्स शिक्षण संस्थान में दाखिला लेते समय नहीं जमा करवाना पड़ेगा। साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि उच्च शिक्षण संस्थान अगर दाखिला वापस लेने वाले छात्रों को उनकी फीस नहीं लौटाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। छात्र ऐसी कोई भी शिकायत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग में दर्ज करवा सकते हैं।
गौरतलब है कि अब से किसी भी शिक्षण संस्थान या कॉलेज को छात्रों के ओरिजिनल दस्तावेजो को रखने का अधिकार नहीं होगा। यूजीसी की नोटिफिकेशन के मुताबिक अगर छात्र शिक्षा संस्थान से अपना एडमिशन कैंसिल करवाता है तो संस्थानों को फीस (पूरा या कोई हिस्सा) लौटानी पड़ेगी। अब कॉलेज 5 फीसदी या 5 हजार रुपये ही अपने अकाउंट में रख सकता है।
उच्च शिक्षण संस्थान अगर दाखिला वापस लेने वाले विद्यार्थियों को उनकी फीस नहीं लौटाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
अब से किसी भी शिक्षण संस्थान को विद्यार्थियों के दस्तावेजों की मूल प्रति रखने का अधिकार नहीं होगा ।@ugc_india @AICTE_INDIA @PIBHindi #FEEREFUND pic.twitter.com/hE7iU5p0D2— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) October 10, 2018
2019-2020 से विद्यार्थियों को अपने दस्तावेजों की मूल प्रति जैसे की मार्कशीट्स व अन्य सर्टिफिकेट्स शिक्षण संस्थान में दाखिला लेते समय नहीं जमा करवाना पड़ेगा ।
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जानकारी के मुताबिक अगर छात्रों को एक कॉलेज से ऐडमिशन कैंसल करा कर दूसरी जगह ऐडमिशन लेना है तो पहले कॉलेज वाले फीस वापस नहीं करते थे। पर अब इसे लेकर भी नियम बना दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर ऐडमिशन क्लोज होने से कम से कम 16 दिन पहले कोई ऐडमिशन कैंसल कराएगा तो 100 फीसदी फीस वापस मिलेगी। अगर 15 दिन के भीतर बताएंगे तो 90 पर्सेंट वापस मिलेंगे। इस नए नियम से छात्रों की बहुत सी परेशानियां दूर हो जाएंगी। अब छात्र अपना एडमिशन किसी कॉलेज में बिना डरे ले सकते है।
बता दें कि जावड़ेकर ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि एडमिशन को लेकर हर साल बहुत शिकायतें आ रही हैं। लेकिन यह नए नियम आने के बाद छात्रों बहुत राहत मिलेगी। साथ ही साथ आने वाले समय में शिकायतें भी कम हो जाएगी। बताया जा रहा है कि यह नियम 2019 के सत्र से शुरू हो जायेगा।
हर साल लाखों छात्र कॉलेज और शिक्षण संस्थान में एडमिशन के लिए रात-दिन मेहनत करते हैं। लेकिन तब भी कुछ ही छात्रों का कॉलेज में एडमिशन हो पाता हैं। अधिसूचना के अनुसार यूजीसी एक्ट,1956 के सेक्शन 2(एफ) के तहत कॉलेजों द्वारा स्नातक, स्नातकोत्तर और रिसर्च प्रोग्राम में लागू होगा। इसके अलावा इसी एक्ट के सेक्शन 3 के तहत आने वाले डीम्ड के कॉलेजों और संस्थानों पर भी लागू होगा। आपको बता दें कि (यूजीसी) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग है जो 1953 अधिनियम द्वारा बनाया गया है। जो विश्वविद्यालय शिक्षा हेतु समन्वय, मानदंडो के निर्धारण और अनुरक्षण करने वाली राष्ट्रीय संस्था हैं। यह केंद्र एवं राज्य सरकारों तथा उच्च शिक्षा प्रदान करने वाली संस्थाओ के बीच समन्वयक संस्था के रूप में काम करता हैं।
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