Mission for Integrated Development of Horticulture : भारत में बहुत सारी सरकारी योजनाएं चलायी जाती हैं जिनके बारे में कुछ लोगों को पता है तो कुछ लोगों को नहीं। लेकिन जो भी उम्मीदवार सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए इन योजनाओं के बारे में पता होना बहुत जरूरी है। क्योकि सरकारी एग्जामों में इन योजनाओं के बारे में पूछ लिया जाता है तो ऐसे ही उम्मीदवारों को अपने ध्यान में रखते हुए हम एक और योजना के बारे में जानकारी देने वाले हैं। इस योजना का नाम है एकीकृत बागवानी विकास मिशन इसे हम MIDH के नाम से भी जानते हैं। तो आज के इस आर्टिकल में हम Mission for Integrated Development of Horticulture के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने वाले हैं।
एकीकृत बागवानी विकास मिशन | Mission for Integrated Development of Horticulture
भारत में फलों, सब्जियों, जड़ व कंद फसलों, मशरूम, मसाले, फूल, सुगन्धित पौधों, नारियल, काजू, कोको, बांस, इत्यादि के चौमुखी विकास के लिए सरकार की ओर से एक वित्त पोषित योजना चालू की गयी है जिसे एकीकृत बागवानी विकास मिशन के नाम से जानते हैं। इस योजना के अंतर्गत पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों को छोड़ कर देश के सभी राज्यों में इस योजना के लिए बजट का 85% हिस्सा केंद्र सरकार की ओर से दिया जाता है और बाकी का 15% हिस्सा राज्य सरकार के द्वारा दिया जाता है। वहीं पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों में MIDH के लिए 100% बजट केंद्र सरकार के द्वारा दिया जाता है।
एकीकृत बागवानी विकास मिशन के उद्देश्य
मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ़ हॉर्टिकल्चर के लिए निम्नवत उद्देश्य हैं :
- बागवानी को चौमुखी विकास देना जिससे ये एक नए आयाम हासिल करे। इस योजना में नारियल और बाँस के उत्पादन और विकास पर ध्यान देना भी शामिल है।
- जलवायु के अनुरूप कार्यविधि बनाना। इसमें इनके अनुसार रिसर्च, टेक्नोलॉजी, विस्तारीकरण, फसल के बाद उनका प्रबंधन और निस्तारीकरण, प्रसंस्करण और विपणन आदि शामिल है।
- किसानों को FIG, FPO & FPC जैसे ग्रुप से जोड़ना।
- बागवानी उत्पादन में उन्नति, किसानों की संख्या वृद्धि, आमदनी और पोषाहार की सुरक्षा करना।
- गुणवत्ता की जाँच, पौध सामग्री और सिंचाई के नए-नए तरीकों के द्वारा उत्पादन में सुधार लाना।
- ग्रामीण युवाओं को बागवानी के क्षेत्र में मेघा विकास को प्रोत्साहन देना और रोजगार देना तथा फसलोपरांत शीत श्रंखला के क्षेत्र में उचित प्रबंधन।
MIDH सब मिशन
एकीकृत बागवानी विकास मिशन के अंतर्गत सब-मिशन बनाये गए हैं जो कि अपने-अपने कार्य के लिए लक्षित हैं;

राष्ट्रीय बागवानी मिशन (NHM)
राष्ट्रीय बागवानी मिशन मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर (MIDH) की उप-योजनाओं में से एक है, जिसे राज्य बागवानी मिशन (SHM) द्वारा 18 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों के चयनित जिलों में लागू किया जा रहा है। योजना के तहत लाभ और सहायता प्राप्त करने के लिए, किसानों / लाभार्थियों को संबंधित जिले के बागवानी अधिकारी से संपर्क करना चाहिए। मिशन के अंतर्गत प्रचलित विभिन्न हस्तक्षेपों के परिचालन दिशानिर्देश, लागत मानदंड, मिशन निदेशकों के संपर्क विवरण आदि।
पूर्वोत्तर व हिमालयी राज्य बागवानी मिशन (HMNEH)
यह मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर (MIDH) की उप-योजनाओं में से एक है, जिसे नॉर्थ ईस्टर्न स्टेट्स और हिमालयी स्टेट्स में स्टेट हॉर्टिकल्चर मिशन (SHM) के द्वारा लागू किया गया है। योजना के तहत लाभ और सहायता प्राप्त करने के लिए, किसानों / लाभार्थियों को संबंधित जिले के बागवानी अधिकारी से संपर्क करना चाहिए। मिशन के तहत संचालित किए जा रहे विभिन्न हस्तक्षेपों के परिचालन दिशानिर्देश लागत मानदंड, मिशन निदेशकों के संपर्क विवरण आदि HMNEH वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (NHB)
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हार्टिकल्चर (MIDH) के तहत विभिन्न योजनाओं को लागू कर रहा है। एनएचबी योजना के तहत लाभ और सहायता प्राप्त करने के लिए, किसानों / लाभार्थियों को एनएचबी या एनएचबी मुख्यालय के क्षेत्रीय कार्यालय से संपर्क करना चाहिए। NHB वेब साइट पर परिचालन दिशानिर्देश, विभिन्न हस्तक्षेपों की लागत मानदंड, संपर्क विवरण इत्यादि को बढ़ावा दिया जा रहा है।
नारियल विकास बोर्ड (CDB)
यह देश के सभी नारियल उत्पादक राज्यों में मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हार्टिकल्चर (MIDH) के तहत विभिन्न योजनाओं को लागू कर रहा है। सीडीबी के तहत लाभ और सहायता प्राप्त करने के लिए, किसानों / लाभार्थियों को सीडीबी या सीडीबी मुख्यालय के क्षेत्रीय कार्यालय से संपर्क करना चाहिए। संचालन दिशानिर्देश, सीडीबी द्वारा अलग-अलग हस्तक्षेपों की लागत मानदंड, संपर्क विवरण सीडीबी वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर हॉर्टिकल्चर (CIH)
इस मिशन की स्थापना मेडीजिपीहिमा, नागालैंड में 2006-07 में की गई थी, जो पूर्वोत्तर क्षेत्र में किसानों और फील्ड अधिकारियों के क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के माध्यम से तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए बनाया गया था। अब यह MIDH की उप-योजनाओं में से एक है। हालाँकि, CIH किसी भी योजना को सीधे लागू नहीं कर रहा है। संपर्क विवरण CIH वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
एकीकृत बागवानी विकास मिशन की कार्यनीति
MIDH की कार्यनीति इस प्रकार है :
- उत्पादन के पहले, उत्पादन के दौरान और उत्पादन के बाद प्रबंधन के लिए ठोस नजरिया अपनाना। साथ ही यह सुनिश्चित करना कि उत्पादक को अपनी फसल का लाभ मिले।
- खेती, उत्पादन, फसल के बाद का प्रबंधन, शीत श्रंखला का विशेष ध्यान देना कि जल्द ख़राब होने वाली फसल के प्रसंस्करण के लिए रिसर्च एन्ड डेवलपमेंट को बढ़ावा देना।
- पारम्परिक खेती के बजाय बगीचों को बढ़ावा देना।
- उपज का अधिक लाभ देने के लिए कृषक उत्पादक संगठनों को बढ़ावा देना।
- कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, पॉलिटेक्निक, आईटीआई जैसे संस्थानों के पाठ्यक्रमों सहित सभी स्तरों पर क्षमता और मानव संसाधन का विकास करना।
एमआईडीएच के प्रमुख तत्त्व

एकीकृत बागवानी विकास मिशन के बारे में और अधिक जानकारी के लिए आप आधिकारिक ब्रोशर यहाँ से पढ़ सकते हैं।