मिशन कर्मयोगी : मिशन कर्मयोगी योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से मिशन कर्मयोगी योजना को 02 सितम्बर 2020 को मंजूरी प्रदान कर इसे लॉन्च किया गया। मिशन कर्मयोगी योजना के अंतर्गत भारतीय सिविल सेवा अधिकारीयों की क्षमता निर्माण के लिए नींव रखना है। यह एक राष्ट्रीय कार्यक्रम में जिसे राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता विकास कार्यक्रम नाम दिया गया है। इसे अंग्रेजी में National Programme for Civil Services Capacity Building (NPCSCB) के नाम से जाना जाता है।
मिशन कर्मयोगी : कार्यक्रम का उद्देश्य
मिशन कर्मयोगी योजना को लॉन्च करने का मुख्य उद्देश्य सिविल सेवकों की क्षतमा निर्माण करना है। इसमें आईएएस (IAS), आईपीएस (IPS), आईएफएस (IFS), आईआरएस (IRS) आदि को मुख्यतः शामिल किया गया हैं। सिविल सेवाएं में ऊपर दिए गए विभिन्न अधिकारी भारतीय प्रशासन की रीढ़ हैं। अगर सिविल सेवाओं की क्षमता निर्माण को बढ़ाने के लिए किया गया कोई भी कार्य सफलता प्राप्त करेगा तो ये सुधार बेहतर प्रशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। देश में अगर बेहतर प्रशासन होगा तो देश रुकावटों का सामना करते हुए भी तेजी से विकास कर सकता है।
मिशन कर्मयोगी योजना का निर्माण एवं संचालन में भागीदार
किसी योजना निर्माण करने एवं उसके सफल संचालन के लिए विभिन्न लोगों, संस्थानों एवं मंत्रालयों का योगदान आवश्यक रहता है। मिशन कर्मयोगी योजना के निर्माण एवं सफल संचालन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके अध्यक्ष रहेंगे। प्रधानमंत्री के अतिरिक्त इस योजना में सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्री, विभिन्न केंद्रीय मंत्री, सार्वजानिक मानव संसाधन परिषद्, क्षमता निर्माण आयोग, स्पेशल परपज व्हीकल तथा कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली सामान्य इकाई एवं सबसे महत्वपूर्ण ऑनलाइन परीक्षण के लिए Integrated Government Online Training (iGOT) तकनीकी मंच को शमिल किया गया है।
मिशन कर्मयोगी के मुख्य स्तम्भ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना को लॉन्च करने के साथ इसके मुख्यतः 6 स्तम्भ बताये जो निम्नलिखित हैं –
- नीतिगत ढांचा (Policy Framework)
- संस्थागत ढांचा (Institutional Framework)
- प्रतियोगिता की रूपरेखा (Competency Framework)
- इलेक्ट्रॉनिक मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (Electronic Human Resource Management System)
- निगरानी एवं मूल्यांकन ढांचा (Monitoring and Evaluation Framework)
- डिजिटल लर्निंग फ्रेमवर्क्स (Digital Learning Framework)
Integrated Government Online Training (iGOT)
iGOT एक तकनीकी मंच है। यह मंच मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय के अंतर्गत आता है जो एक ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफॉर्म है। इसके तहत सरकार इस योजना में अधिकारियों की क्षमता निर्माण के लिए विश्व स्तरीय लर्निंग सामग्री उपलब्ध करवाएगा। यह व्यक्तिगत, संस्थागत और प्रक्रिया स्तरों पर क्षमता निर्माण तंत्र के व्यापक सुधार को सक्षम करेगा। इसके अतिरिक्त यह ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के अलावा परिवीक्षा अवधि, तैनाती, कार्य असाइनमेंट और रिक्तियों की अधिसूचना आदि के बाद पुष्टि जैसी सेवाओं की जानकारी मंच पर उपलब्ध करवाई जाएगी।
मिशन कर्मयोगी योजना के मुख्य तथ्य एवं विशेषताएं
- इस योजना को 02 सितम्बर 2020 को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लॉन्च किया गया।
- इस योजना की समयावधि 05 वर्ष निर्धारित की गयी है। इन पांच वर्षों में 46 लाख अधिकारियों को इसका लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है।
- इस योजना के लिए सरकार की ओर से 510.86 करोड़ रूपए की व्यवस्था की गयी है।
- यह योजना सार्वजनिक मानव संसाधन परिषद की सहायता करेगा एवं उसे सुदृण बनाने का कार्य करेगी।
- यह योजना यह सरकार में एचआर प्रथाओं (ह्यूमन रिसोर्स) से संबंधित नीतिगत हस्तक्षेपों का सुझाव देगा।
- इसके तहत सभी केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों की देखरेख की जाएगी जो सिविल सेवा क्षमता निर्माण के लिए सक्षम होंगी।
- इस योजना के तहत सार्वजनिक संस्थानों को मजबूत बनाया जायेगा एवं आधुनिक तकनीक को अपनाने का कार्य किया जायेगा।