प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना देश भर के युवाओं को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग लगाने के लिए ऋण देने की योजना है। इस योजना के अंतर्गत युवा को अपने उद्योग को स्थापित करने के लिए सरकार की तरफ से बिना किसी गारंटी के ऋण दिया जाता है। चूँकि सूक्ष्म और लघु उद्योग के माध्यम से देश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा सकता है तो इसलिए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना शुरू की थी। अभी हाल में ही लोकसभा में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना को लेकर कुछ प्रश्न उठाये गए तो सरकार ने भी बखूबी से इसका जवाब जनता के समक्ष प्रस्तुत किया।
लोक सभा में उठे कुछ सवालों के अंश
- प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत कर्नाटक और आंध्र प्रदेश सहित अन्य राज्यों में युवाओं को ऋण वितरित किया जा रहा है ?
- पिछले चार वर्षों में इसका ब्यौरा।
- योजना के अंतर्गत कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के युवाओं को कितना ऋण दिया गया और हासिल लक्ष्य क्या है ?
- लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाये ?
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित एक प्रमुख योजना है। इस योजना का उद्देश्य देश के परपरागत कारीगरों और बेरोजगार युवाओं को खुद का सूक्ष्म या लघु उद्योग की स्थापना कर के स्व-रोजगार के अवसर पैदा करना है। प्रधानमंत्री सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत परियोजनाओं की अधिकतम लागत विनिर्माण क्षेत्र में 25 लाख रूपये और सेवा क्षेत्र में 10 लाख रूपये है। सामान्य श्रेणी के लाभार्थी ग्रामीण क्षेत्रों में योजना का 25% और शहरी क्षेत्रों में 15% मार्जिन मनी का लाभ ले सकते हैं।
कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पीएमईजीपी के अंतर्गत लाभार्थियों के लिए मार्जिन मनी सब्सिडी और उपलब्धि –
वर्ष | मार्जिन मनी का लक्ष्य | संवितरित मार्जिन मनी (रु. लाख में) |
---|---|---|
कर्नाटक | ||
2014-15 | 4512.99 | 6479.10 |
2015-16 | 10846.89 | 5898.01 |
2016-17 | 7941.62 | 11609.56 |
2017-18 | 5462.97 | 6477.94 |
आंध्र प्रदेश | ||
2014-15 | 2667.87 | 3492.11 |
2015-16 | 4496.85 | 2262.37 |
2016-17 | 4336.58 | 4916.08 |
2017-18 | 3933.95 | 5336.10 |
सरकार ने अपनी इस योजना के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कई प्रयास किये हैं।
- पीएमईजीपी ई-पोर्टल शुरू किया, जिसमे आवेदन प्रवाह एवं निधि प्रवाह पर ऑनलाइन कार्यवाही की जाती है।
- अप्राप्य ऋणों के रूप में वर्गीकृत करने के लिए चूक की अवधि को एमएसएमई के लिए 90 दिनों से बढ़ाकर 180 दिन कर दिया जो कुछ शर्तों को पूरा करने पर निर्भर करता है।
- सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए ऋण गारंटी निधि न्यास (सीजीटीएमएसई) 2500 रूपये से बढ़ाकर 7500 करोड़ रूपये कर दिया गया है।
- आवेदकों के लाभ के लिए पीएमईजीपी स्कीम के बारे में प्रचार प्रिंट मिडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मिडिया के माध्यम से किया जा रहा है।
- सूक्ष्म, उद्यमों के विकास के लिए पीएमईजीपी स्कीम का प्रचार करने के उद्देश्य से जिला एवं राज्य स्तर पर जागरूकता कैंप लगाए जा रहे हैं।
- इसके अतिरिक्त एस्पायर एलबीआई के अंतर्गत इंक्यूबेटी/एमएसएमई मंत्रालय के अंतर्गत टूल रूम तथा टेक्नोलॉजी सेंटर/एमएसएमई – डीआई – एनएसआईसी/निम्समे/आरसेटी/निसबड/आईआईई अथवा मंत्रालय द्वारा अनुमोदित अन्य संस्था प्राथमिकता के आधार पर तथा ईडीपी प्रशिक्षण किये बिना पीएमईजीपी के अंतर्गत सहायता के लिए पात्र होंगे यदि ईडीपी घटक एलबीआई/टूल रूम/प्रशिक्षण केंद्रों, आदि के पाठ्यक्रम में पहले से ही शामिल हैं।