प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) : इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 20 सितम्बर 2020 को शुरू किया गया था। इस योजना के तहत मछुआरों के कल्याण सहित मात्स्यिकी क्षेत्र के समग्र विकास के लिए 20050 करोड़ रूपए का निवेश किया जायेगा। इस योजना को सफल बनाने एवं कार्यान्वित करने की जिम्मेदारी मत्स्य पालन विभाग, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय, मत्स्यपालन और भारत सरकार प्रधानमंत्री को दिया गया है। इस योजना को वित्त वर्ष 2020-2021 से वर्ष 2024-2025 तक कुल पांच वर्षों तक सभी राज्य के क्षेत्रों में लागू किया जाना है। इस योजना को मात्स्यिकी विकास की गतिविधियों को और अधिक बढ़ाने के लिए होने वाली गतिविधियों को पूर्ण करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना होगा।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का उद्देश्य
भारत सरकार का प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा (PMMSY) योजना के लिए निम्नलिखित उद्देश्य एवं अभिप्राय है-
- एक धारणीय जिम्मेदार, समावेशी एवं न्यायसंगत तरीके से मात्स्यिकी क्षमता को दोहन करना।
- भूमि एवं पानी के विस्तार गहनता, विविधीकरण और उत्पादक उपयोग के माध्यम से मछली उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि करना।
- मछुआरों एवं मछली किसानों की आय को दुगुना करना और रोजगार सृजन करना।
- मूल्य श्रंखला का आधुनिकीकरण और सुदृणीकरण-पोस्ट हार्वेस्ट प्रबंधन एवं गुणवत्ता में सुधर करना।
- मजबूत मात्स्यिकी प्रबंधन और नियामक ढांचा का निर्माण करना।
- मछुआरों एवं मछली किसानों के लिए सामाजिक, शारीरिक एवं आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना।
- कृषि सकल मूल्य वर्धित और निर्यात में योगदान को बढ़ाना।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लाभार्थी
PMMSY योजना का लाभ कौन लोग ले सकते हैं इसकी जानकारी नीचे टेबल में दी गयी है। आप सभी लाभार्थियों की सूची इस टेबल से प्राप्त कर सकते हैं –
मछुआरे | मछली किसान |
मछली श्रमिक एवं मछली विक्रेता | मत्स्य विकास निगम |
मत्स्यपालन क्षेत्र में स्वयं सहायता समूह (एसएचजी)/ संयुक्त देयता समूह (जेएलजी) | मत्स्य सहकारी समितियाँ |
मत्स्य पालन संघ | उद्यमी एवं निजी फर्म |
मछली किसान उत्पादक संगठन/ कंपनिया (एफएफपीओ/सीएस) | एससी/ एसटी/ महिला /अलग-अलग विकलाँग व्यक्ति |
राज्य सरकारें/ राज्य संघ क्षेत्र और उनकी इकाइयाँ जिनमें शामिल हैं | राज्य मत्स्य विकास बोर्ड (एसएफडीबी) |
केंद्र सरकार एवं उसकी इकाइयाँ | – |
सब्सिडी पद्धति
इस योजना (PMMSY) के तहत फंडिंग को दो भागों में बांटा गया है –
1. केंद्रीय सेक्टर योजना (सीएस) – इसके तहत केंद्रीय सहायता सामान्य श्रेणी के लिए 40 प्रतिशत तक निर्धारित है एवं अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति एवं महिला वर्ग के लिए यह राशि 60 प्रतिशत निर्धारित है।
2. केंद्रीय प्रायोजित योजना (सीएसएस) – उत्तर-पूर्वी राज्यों और हिमालय स्थित राज्यों में 90 प्रतिशत सहायता केंद्र द्वारा एवं 10 प्रतिशत हिस्सा राज्य द्वारा प्रदान किया जायेगा। अन्य राज्यों में 60 प्रतिशत सहायता केंद्र द्वारा एवं 40 प्रतिशत राज्य द्वारा प्रदान की जाएगी। संघ राज्य क्षेत्रों में 100 प्रतिशत सहायता राशि केंद्र द्वारा प्रदान की जाएगी।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से सम्बंधित अन्य तथ्य
- इस योजना को आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत जारी की राशि के अंतर्गत कार्यान्वित किया जायेगा।
- इस योजना को वित्त वर्ष 2020-2021 से २०२४-2025 तक सभी राज्यों एवं केंद्रशासित राज्यों में लागू कर सहायता प्रदान करना है।
- इस योजना के तहत कुल 20050 करोड़ रूपए व्यय किये जायेंगे जिसमें से 12340 करोड़ रूपए अंतर्देशीय मत्स्य पालन,समुद्री निवेश, जलीय कृषि और 7710 करोड़ रूपए फिशरीज इंफ्रास्ट्रक्टर में व्यय किये जायेंगे।
- इस योजना के तहत 55 लाख नए रोजगार प्रदान किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।
आवेदन कैसे करें
इस योजना का लाभ उठाने के लिए उम्मीदवार ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आप भारत सरकार के मत्स्य पालन विभाग की ऑफिसियल वेबसाइट dof.gov.in पर जाकर फॉर्म भर सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप इससे सम्बंधित जानकारी अपने जनपद से सम्बंधित मत्स्य विभाग अथवा अपने मंडल में स्थित कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं।
इस योजना (PMMSY) की अधिक जानकारी कैसे प्राप्त करें?
अगर उम्मीदवार को मात्स्यिकी से सम्बंधित किसी भी प्रश्न का उत्तर चाहिए तो आप अपने प्रश्न टोल फ्री नम्बर पर पूछ सकते हैं। इस टोल फ्री नम्बर को मात्स्यिकी विकास बोर्ड (एनएफडीबी) द्वारा चलाया जा रहा है। टोल फ्री नम्बर – 1800&425&1660.