गणतंत्र दिवस भारत के लिए बहुत ही अहम दिन है। हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। पूरे भारत में गणतंत्र दिवस बहुत ही उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को इसलिए मनाया जाता है क्योंकि 26 जनवरी, 1950 को हमारे देश यानि कि हमारे भारत का संविधान लागू हुआ था। किसी भी देश को चलाने के लिए संविधान को ही नींव माना जाता है। हमारे देश का संविधान 26 जनवरी को ही लागू हुआ था और यही वजह है कि हर वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। 26 जनवरी शायरी / गणतंत्र दिवस शायरी की पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़ सकते हैं।
26 जनवरी पर शायरियाँ
गणतंत्र दिवस आते ही हर कोई एक दूसरे को मुबारकबाद देता है। आज कल हर कोई एक दूसरे को फोन पर मैसेज के जरिए या फिर स्टेट्स लगाकर बधाई देते हैं। ऐसे में हर किसी को 26 जनवरी पर नई नई शायरियों की तलाश रहती है। अगर आप भी अपने दोस्तों या रिश्तेदारों को गणतंत्र दिवस पर अच्छी अच्छी शायरी के साथ बधाई देना चाहते हैं तो आप हमारे पेज से नई-नई शायरियां प्राप्त कर सकते हैं।

ऐ मेरे देश तूू यूँ ही आजाद रहे, तेरा ये अधिकार रहे, तेरी इस आजादी पर, मेरे जैसे लाखों जान कुर्बान रहे।।
कांटो के बीच फूल खिलाएं, धरती को हम स्वर्ग बनाएं, आओ सबको गले लगाएं, मिल कर गणतंत्र दिवस मनाएं।।
वतन हमारी शान है, वतन हमारा मान है, हम उस देश के वासी है, जिसका नाम हिंदुस्तान है।।

तिरंगा लहराएगा अब नीले आसमान पर, देश का नाम होगा सबकी जुबान पर,
आँख जो उठाएगा कोई हमारे हिंदुस्तान पर, ख़त्म कर देंगे उसको या खेलेंगे अपनी जान पर।।
कुछ कर गुजरने की गर तमन्ना उठती हो दिल में,
भारत माँ का नाम सजाओ दुनिया की महफिल में।
जमाने भर में मिलते हैं आशिक कई,
मगर वतन से खुबसूरत कोई सनम नही होता।
जिसे सींचा है लहू से वो यूं खो नहीं सकती,
सियासत चाह कर भी विष के बीज हरगिज बो नहीं सकती।
वतन के नाम पर जीना वतन के नाम मर जाना,
शहादत से बड़ी कोई इबादत हो नहीं सकती।
मुझे ना तन चाहिए, ना धन चाहिए। बस अमन से भरा यह वतन चाहिए
शहीदों का सपना जब सच हुआ
हिंदुस्तान तब स्वतंत्र हुआ
आओ सलाम करें उन वीरों को
जिनकी वजह से भारत गणतंत्र हुआ।
जब तक जिंदा रहूं, इस मातृभूमि के लिए, और जब मरूं तो तिरंगे का कफन चाहिए।
खून से खेलेंगे होली, अगर वतन मुश्किल में है। सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है।
इस दिन के लिए वीरो ने अपना खून बहाया है,
झूम उठो देशवासियों गणतंत्र दिवस फिर आया है
देश की आजादी से बड़ी कोई ख्वाहिश नहीं है, देश के लिए जिंदा रहूं खुद से जंग यही है,
तिरंगा सबसे ऊंचा रहे इस जहान में हमारा, मेरी पहली और आखिरी ख्वाहिश यही है।।
देश की हर गली में हम तिरंगा फहराएंगे, गणतंत्र दिवस का यह त्यौहार हम शान से मनाएंगे।
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