हमारे देश में साल भर अलग-अलग दिवस मनाए जाते हैं जैसे शिक्षक दिवस, बाल दिवस, स्वतंत्रता दिवस, मजदूर दिवस, मातृ दिवस, पितृ दिवस आदि। इसी तरह से भारत में हर साल 14 सितंबर के दिन हिन्दी दिवस मनाया जाता है। आज ही के दिन वर्ष 1949 में विधानसभा में हिंदी को एक मत से राजभाषा घोषित किया गया था। राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के अनुरोध पर हर क्षेत्र में हिंदी का प्रसार करने के लिए, 1953 से,हर साल 14 सितंबर को पूरे भारत में हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता था। इसके अलावा हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

हिन्दी हमारी मातृभाषा है और यह देश में बोली जाने वाली अन्य सभी भाषाओं में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। हिन्दी दिवस के दिन स्कूल, कॉलेजों, ऑफिस में हिन्दी निबंध लेखन, हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। हिन्दी दिवस के दिन शिक्षक अपने विद्यार्थियों को हिन्दी के प्रति सम्मान और उपयोग करने की शिक्षा के साथ हिन्दी दिवस पर भाषण देते हैं और हिन्दी दिवस का महत्व समझाते हैं। अगर आप Hindi Diwas Speech पढ़ना चाहते हैं तो इस पेज को देख सकते हैं और हिन्दी दिवस स्पीच का प्रयोग आप अलग-अलग हिंदी दिवस कार्यक्रम में कर सकते हैं।

हिन्दी दिवस पर भाषण हिंदी में (Hindi Diwas Speech In Hindi)

हिन्दी दिवस पर भाषण -1 (300 शब्द में)

आदरणीय मुख्य अतिथि, शिक्षकों और मेरे सभी मित्रों को मेरा नमस्कार!

आज का दिन हम हिन्दी दिवस के रूप में मनाने जा रहे हैं। सबसे पहले आप सभी को हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और आप सभी का धन्यवाद की आपने मुझे इस अवसर पर अपने विचार प्रस्तुत करने का मौका दिया। हर साल पूरे भारत में 14 सितंबर का दिन हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। महात्मा गांधी ने हिंदी को आमजन की भाषा बताया था, इसलिए इसे राष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिया गया। वर्ष 1918 में गांधी जी ने हिन्दी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था और 14 सितंबर 1949 के दिन विधानसभा ने एक मत से यह निर्णय लिया की हिन्दी भारत की राजभाषा होगी।

हिंदी भाषा को देवनागरी लिपि में भारत की कार्यकारी और राजभाषा का दर्जा आधिकारिक रूप में दिया गया। गांधी जी ने हिन्दी भाषा को जनमानस की भाषा भी कहा है। भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्याय की धारा 343 (1) में हिन्दी को संघ की राजभाषा का दर्जा प्राप्त है। हिंदी दिवस 14 सितंबर का दिन वह है जब हम सभी अपनी राष्ट्रभाषा हिन्दी का प्रचार और प्रसार करते हैं। हिंदी पूरी दुनिया में सबसे अधिक बोली जानें वाली मूल भाषा है। 2011 सेन्सस रिपोर्ट के अनुसार भारत की सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा हिंदी है। 2001 में 41.03 % मातृभाषा हिंदी बोलने वाले लोग थे वहीं 2011 में यह प्रतिशत बढ़ कर 43.63% हो गया। हिन्दी का इतिहास लगभग एक हजार वर्ष पुराना है और भारत में 1949 से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है।

हम सबके लिए हिंदी दिवस और हिंदी भाषा का बहुत महत्त्व है। हिंदी हिंदुस्तान की राष्ट्रभाषा ही नहीं बल्कि हिंदुस्तानियों की पहचान भी है। आज के आधुनिक युग में हमें अंग्रेजी भाषा भी सीखना जरूरी है लेकिन हमें अपनी मातृभाषा हिंदी को कभी नहीं भूलना चाहिए। हमें “हिंदी है हम वतन है” नारे का सम्मान करना चाहिए। आप सभी को एक बार फिर हिंदी दिवस की बहुत बहुत बधाई।

धन्यवाद

हिन्दी दिवस पर भाषण -2 (200 शब्द में)

आदरणीय प्रधानाचार्य जी, सभी गुरुजनों और मेरे सभी साथियों को मेरा नमस्कार।

आप सभी को 14 सितंबर हिन्दी दिवस की अनेक अनेक बधाई। आज का दिन हम सबके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि आज के दिन यानी 14 सितंबर 1949 को ही हमारी हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा प्राप्त हुआ था। हिन्दी को दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह हम सब के लिए बहुत ही गर्व की बात है। आज के दिन हम सभी लोगों में हिन्दी के प्रति जागरूकता फैलाने और हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने का प्रयास करते हैं।

आज का युग आधुनिक का युग बन गया है और हम सब यह कोशिश करते हैं कि सोशल मीडिया के माध्यम से सभी लोगों तक यह संदेश पहुंचा सके कि हिंदी भाषा का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें। इस दिन कई सेमिनार, हिन्दी दिवस समारोह आदि कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है। मेरे विचार से हिंदी दिवस के दिन सभी स्कूल, कॉलेज, ऑफिस में अलग अलग प्रतियोगिताओं जैसे कविता लेखन, कथा-पटकथा लेखन, निबंध लेखन आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकता है ताकि अन्य लोगों के साथ युवा पीढ़ी भी हिंदी भाषा से जुड़ी रहे। आज के दिन हम सभी लोगों को हिंदी गीत सुनने चाहिए और तुलसीदास, मुंशी प्रेमचंद, हरिवंश राय बच्चन द्वारा लिखी कहानियां और कविताएं भी पढ़नी चाहिए।

मेरा आप सभी से निवेदन है कि हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा बनाने का गौरव प्रदान करें। किसी भी देश की पहचान उसकी मातृभाषा से होती है। इस सत्र का हिस्सा बनने और मुझे सुनने के लिए आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद। जय हिंद जय भारत।

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