हमारे देश में हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी धर्म के लोग लोग रहते हैं। इसलिए भारत में होली, दिवाली, ईद, क्रिसमस आदि कई त्योहार मनाया जाता है। इनमे से एक त्योहार गुड फ्राइडे भी है। हम में कई लोग ऐसे हैं जिनके मन में यह सवाल आता है कि गुड फ्राइडे क्या है और गुड फ्राइडे क्यों मनाया जाता है? अगर आप भी जानना चाहते हैं गुड फ्राइडे के बारे में तो इस पोस्ट को पूरा पढ़ सकते हैं। इस पोस्ट में हम 400 शब्दों, 200 शब्दों और 10 लाइन के माध्यम से गुड फ्राइडे की जानकारी दे रहे हैं।
गुड फ्राइडे पर निबंध 400 शब्दों में
गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे और ग्रेट फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है। यह ईसाई धर्म के लोगों का त्योहार है। गुड फ्राइडे को ईस्टर संडे से पहले वाले शुक्रवार को शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन ईसा मसीह को कई शारीरिक यातनाएं देने के बाद सूली पर चढ़ाया गया था। इस कारण इस त्योहार को ब्लैक फ्राइडे भी कहा जाता है। ईसाई धर्म के लोगों की मान्यताओं के अनुसार यीशु (ईसा मसीह) ने लोगों की भलाई के लिए अपने प्राण त्याग दिए थे। इसलिए इस शोक दिवस को ‘गुड’ का नाम दिया गया है।
मान्यताओं के अनुसार लगभग 2000 वर्ष पहले प्रभु यीशु लोगों को मानवता, भाईचारे, एकता, अहिंसा और शांति का उपदेश दे रहे थे। वहां के लोगों में उनकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए वहां के धर्मगुरुओं के ईसा को मानवता का शत्रु घोषित कर दिया। इसके बाद भी इनकी लोकप्रियता बढ़ती गई। इसके बाद ईसा को राजद्रोह का आरोप लगा कर मृत्यु दंड देने का फरमान जारी कर दिया गया। मृत्यु दंड का फरमान जारी होने के बाद ईसा को कोड़ों और चाबुकों से मारा गया। काटों का ताज पहना कर कई शारीरिक यातनाएं दी गई। आखिर में उन्हें कीलों से टोकते हुए सूली (क्रॉस) पर लटका दिया गया।
ईसाई धर्म ग्रंथ बाइबल के अनुसार ईसा मसीह को छः घंटों तक कीलों से ठोक कर सूली पर लटकाया गया था। आखिरी के तीन घंटों में पूरे राज्य में अंधेरा छा गया था। ईसा के प्राण त्यागने के बाद जलजला आ गया था। सभी कब्रों की कपाटें टूट कर खुल गई। पवित्र मंदिर का परदा फट गया था। इसके बाद हर वर्ष इस दिन को गुड फ्राइडे के रूप में मनाया जाने लगा। ईसाई लोग दोपहर 3 बजे चर्च में एकत्रित हो कर प्रार्थना करते हैं और गॉड जीसस से अपने गुनाहों की माफ़ी मांगते हैं। इसके साथ ही इस दिन ईसा मसीह को श्रद्धांजलि भी दी जाती है। गुड फ्राइडे को चर्च में घंटियां नहीं बजाई जाती हैं। ईसाई धर्म के ज्यादातर लोग गुड फ्राइडे को काले रंग के कपड़े पहन कर अपना शोक व्यक्त करते हैं। ईसाई धर्म में इस पूरे सप्ताह को बहुत पवित्र माना गया है। फिर भी इस पवित्र सप्ताह में चर्च में प्रार्थना के अलावा किसी तरह का उत्सव (सेलिब्रेशन) नहीं मनाया जाता है।

गुड फ्राइडे पर निबंध 200 शब्दों में
गुड फ्राइडे ईसाई समुदाय के लोगों के त्योहारों में से एक है। इसे ब्लैक फ्राइडे, होली फ्राइडे और ग्रेट फ्राइडे भी कहा जाता है। गुड फ्राइडे ईस्टर संडे से पहले आने वाले शुक्रवार को मनाया जाता है। इसे शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है और इस दिन चर्च में घंटियां भी नहीं बजाई जाती हैं। आज से लगभग 2000 साल पहले ईसा मसीह की बढ़ती लोकप्रियता को रोकने के लिए वहां के धर्म गुरुओं ने उन्हें मानवता का शत्रु बता कर मृत्यु दंड का फरमान जारी किया था। फरमान जारी होने के बाद ईसा पर कोड़ों और चाबुकों की बरसात की गई और उन्हें सूली पर लटका दिया गया।
बाइबल ग्रन्थ में लिखा है कि ईसा को छः घंटों तक कीलों से ठोक कर सूली पर लटकाया गया था। इस दौरान चरों तरफ दिन में ही अंधेरा हो गया था। उनकी मृत्यु के बाद जलजला आगया था और सभी कब्रों की कपाटें खुल गई थी। तब से हर साल इस दिन को गुड फ्राइडे के रूप में मनाया जाने लगा। गुड फ्राइडे को दोपहर 3 बजे चर्च में प्रार्थना की जाती है। इसके साथ ही प्रभु यीशु से अपने गुनाहों की माफ़ी भी मांगी जाती है। यह सप्ताह बहुत पवित्र माना गया है। इस पवित्र सप्ताह में चर्च में किसी तरह का उत्सव नहीं मनाया जाता है।
गुड फ्राइडे पर निबंध 10 लाइन में
- गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ग्रेट फ्राइडे और ब्लैक फ्राइडे भी कहा जाता है।
- यह त्योहार ईस्टर संडे से पहले आने वाले शुक्रवार को मनाया जाता है।
- आज से करीब 2000 साल पहले इस दिन ईसा मसीह को कीलों से ठोक कर सूली पर लटकाया गया था।
- इसलिए इसे शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- गुड फ्राइडे को चर्च में घंटियां नहीं बजाई जाती हैं।
- ईसाई समुदाय के लोग काले कपड़े पहन कर शोक मानते हैं।
- इस दिन ईसा मसीह को श्रद्धांजलि दी जाती है।
- गुड फ्राइडे को दोपहर 3 बजे लोग चर्च जा कर प्रार्थना करते हैं और अपने गुनाहों की माफ़ी मांगते हैं।
- ईसाई धर्म में इस पूरे सप्ताह को बहुत पवित्र माना गया है।
- चर्च में किसी तरह का उत्सव नहीं मनाया जाता है।