भारत में जैसे – जैसे सर्दी महसूस होने लगती है ऐसे – ऐसे ही दिवाली की खुशबू आने लगती है। भारत में दिवाली का त्यौहार हर साल अक्टूबर या नवंबर में मनाया जाता है। इस साल पूरे देश भर में दिवाली 12 नवंबर को बनाई जाएगी। हिन्दुओं के लिए दिवाली संस्कृति और धार्मिक त्यौहार है। दिवाली हर साल दशहरा के बाद 21वें दिन पर बनाई जाती है।दिवाली त्यौहार हिन्दुओं का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है। बच्चा हो या बड़ा हो सभी लोग दिवाली का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाते है।

दिवाली मनाने का कारण

ऐसा बोला जाता है कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जब रावण को हराने के बाद 14 सालों के वनवास को पूरा कर अयोध्या लोटने पर उनका स्वागत दीप जलाकर किया। उस दिन के बाद से ही भारत में दिवाली का त्यौहार मनाया जाने लगा। दिवाली की रोशनी दिवाली से कुछ दिन पहले ही दिखाई देने लगती है। हर जगह आपको दीप जलते नज़र आ आएंगे। बताया जाता है कि दिवाली के दिन दीप जलाने से घर में लक्ष्मी आती है। ज्यादा तर लोग लक्ष्मी आने के लिए दिवाली के दिन अपने घर का दरवाजा भी खोल कर सोते है।

दिवाली मनाने के अन्य कारण

सिक्खों के 6वें गुरु को मिली आजादी

ऐसा मना जाता है कि सिखों के 52 राजाओं को मुग़ल बादशाह जहांगीर ने बंदी बना लिया था। लेकिन राजा काफी दिन तक बंदी नहीं रहें। बताया जाता है कि जहांगीर को एक दिन सपने में फकीर बाबा ने सभी राजाओं को आजाद करने को बोला, जहांगीर ने अगली सुबह सभी राजाओं को बंदी से आजाद कर दिया। इसी कारण से सिख समुदाय के लोग दिवाली का त्यौहार बड़ा धूमधाम से मनाते है।

अपने राज्य में पांडव वापस लौटे थे

बताया जाता है कि पांडवों को 13 साल की अज्ञातवास कि सजा मिली थी। शकुनी मामा की चाल के कारण पांडवों ने अपना सबकुछ गंवा दिया था। लेकिन कुछ समय बाद ही कार्तिक की अमावस्या वाले दिन ही पांडव अपने राज्य वापस लौट आये, लौटने की ख़ुशी में दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है।

माँ लक्ष्मी के समुद्र मंथन से निकलने के कारण

माँ लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। बताया जाता है कि कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन समुद्र मंथन से मां लक्ष्मी ने अवतार लिया था। इसी कारण हम दिवाली वाले दिन माँ लक्ष्मी की पूजा करते है। ऐसा बताया जाता है कि माँ लक्ष्मी के समुद्र से निकलने से दो दिन पहले सोने का कलश लेकर भगवान धनवंतरी भी अवतरित हुए थे, इसलिए दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस मनाया जाता है। धनतेरस के दिन लोग नए – नए सामान खरीदते है।

दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी की पूजा

दिवाली के दिन धन की देवी माँ लक्ष्मी की पूजा कि जाती है। ऐसा मना जाता है कि दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी कि पूजा करने से धन की प्राप्ति होती है। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए लोग तरह – तरह से पूजन करते है। दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी कि पूजा के साथ ही साथ भगवान विष्णु, भगवान गणेश और भगवान कुबेर कि पूजा भी की जाती है। माँ लक्ष्मी की पूजा करने से लोग अपने सब दुख भूल जाते है।

विदेश में भी बनाई जाती है दिवाली

जिस तरह पुरे भारत देश में दिवाली का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। वैसे ही विदेश में भी दिवाली बड़ी धूमधाम से बनाई जाती है। कनाडा, अमेरिका, श्रीलंका, नेपाल, इंग्लैंड, साउथ अफ्रीका और इंडोनेशिया आदि विदेशों में भी दिवाली काफी धूमधाम से मनाई जाती है। अक्सर हमे लगता है कि दिवाली केवल हिन्दू लोग ही मनाते है, लेकिन ऐसा नहीं है। मुस्लिम, सिख, ईसाई और बौद्ध धर्म के लोग भी दिवाली का त्यौहार काफी अच्छी तरह से मनाते है।

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